Bihar: मियांपुर नरसंहार से लेकर देश की सबसे बड़ी चुनावी हिंसा पर चर्चा क्यों, बिहार चुनाव के बहाने जुटे दिग्गज h3>
10 जून 1977 को देश की सबसे बड़ी चुनावी हिंसा हुई थी और 16 जून 2000 को बिहार का सबसे बड़ा नरसंहार मियांपुर नरसंहार हुआ था। दोनों घटनाओं में साम्यता यह कि दोनों ही घटनाओं को बिहार की राजनीति में चितौड़गढ़ कहे जानेवाले औरंगाबाद जिले में गोह विधानसभा क्षेत्र में अंजाम दिया गया था। नरसंहार के बाद से मियांपुर नरसंहार की बरसी हर साल मनाई जाती है। इस साल भी मियांपुर नरसंहार की 25वीं बरसी मनाई गई और घटना में मारे गए 35 दलितों को श्रद्धांजलि दी गई। चूंकि यह साल बिहार विधानसभा का चुनावी साल है। लिहाजा मियांपुर नरसंहार के साथ इसी इलाके के सागरपुर में हुई देश की सबसे बड़ी चुनावी हिंसा को जोड़ा गया और गोह के गोविंदपुरा में सागरपुर चुनावी हिंसा की 48वीं बरसी मनाते हुए हिंसा में मारे गए आठ लोगों को लोकतंत्र का रक्षक करार देते हुए श्रद्धांजलि दी गई। साथ ही इन लोकतंत्र के रक्षकों की स्मृति में गोविंदपुरा में निर्मित शहीद वेदी का भी अनावरण किया गया।
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10 जून 1977 को देश की सबसे बड़ी चुनावी हिंसा हुई थी और 16 जून 2000 को बिहार का सबसे बड़ा नरसंहार मियांपुर नरसंहार हुआ था। दोनों घटनाओं में साम्यता यह कि दोनों ही घटनाओं को बिहार की राजनीति में चितौड़गढ़ कहे जानेवाले औरंगाबाद जिले में गोह विधानसभा क्षेत्र में अंजाम दिया गया था। नरसंहार के बाद से मियांपुर नरसंहार की बरसी हर साल मनाई जाती है। इस साल भी मियांपुर नरसंहार की 25वीं बरसी मनाई गई और घटना में मारे गए 35 दलितों को श्रद्धांजलि दी गई। चूंकि यह साल बिहार विधानसभा का चुनावी साल है। लिहाजा मियांपुर नरसंहार के साथ इसी इलाके के सागरपुर में हुई देश की सबसे बड़ी चुनावी हिंसा को जोड़ा गया और गोह के गोविंदपुरा में सागरपुर चुनावी हिंसा की 48वीं बरसी मनाते हुए हिंसा में मारे गए आठ लोगों को लोकतंत्र का रक्षक करार देते हुए श्रद्धांजलि दी गई। साथ ही इन लोकतंत्र के रक्षकों की स्मृति में गोविंदपुरा में निर्मित शहीद वेदी का भी अनावरण किया गया।