BHU ने विषयवार क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में सुधार किया: टॉप पर रहा फार्मेसी और फार्मोकोलॉजी, IITBHU ने 40 संस्थाओं को छोड़ा पीछे – Varanasi News h3>
क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 की सूची में भारतीय संस्थानों का दबदबा बढ़ा है। घोषित विषयवार रैंकिंग में भारत के नौ विश्वविद्यालयों और संस्थानों ने दुनिया के शीर्ष 50 में अपनी जगह बनाई है। वही,विषयवार अध्ययन क्षेत्र में बीएचयू दुनिया के टॉप वि
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वहीं आईआईटी-बीएचयू दुनिया का 531वां टॉप संस्थान बना। पिछले साल रैंकिंग 571 थी। इस बार आईआईटी ने दुनिया के 40 संस्थानों को पीछे छोड़ दिया है। बीएचयू की ओवरऑल रैंकिंग 1001-1200 के बीच में है। पिछले 4 साल से बीएचयू के इस रैंक रेंज में कोई बदलाव नहीं आया है। स्कोर 39.5 है।
टॉप पर रहा फार्मेसी और फार्मोकोलॉजी
बीएचयू में 12 विषयों के अध्ययन-अध्यापन और शोध के स्तर की रैंकिंग की गई है। इसमें 201-250 के बीच फार्मेसी और फार्मोकोलॉजी, 251 से 300 के बीच में एग्रीकल्चर एंड फॉरेस्ट्री, 301-500 रेंज में बायोलॉजिकल साइंस, 351-400 रेंज में एनवार्यनमेंटल साइंस, 401-550 में मटेरियल साइंस विषय है। नेचुरल साइंस, केमेस्ट्री, मेडिसीन और फिजिक्स की रैंकिंग 451-500 के बीच, लाइफ साइंस एंड मेडिसीन और इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी की रैंक 501-550 के बीच, वहीं कंप्यूटर साइंस एंड इन्फॉर्मेशन सिस्टम का रैंक रेंज 701-750 के बीच में रहा।
भारतीय उच्च शिक्षा प्रणाली में सुधार
रैंकिंग रिपोर्ट में कहा गया कि इस साल 79 भारतीय विश्वविद्यालयों ने 533 बार सूची में जगह बनाई है, जो पिछले साल से 25.7 अधिक है। इसके अलावा, भारत में शिक्षा क्षेत्र का आकार और गुणवत्ता दोनों में सुधार हो रहा है।रैंकिंग में शामिल होने वाले नए संस्थानों की संख्या के मामले में भारत चीन, अमेरिका, यूके और कोरिया के बाद पांचवें नंबर पर है।
पांच मानकों पर होती है रैंकिंग
क्यूएस ने अपनी वेबसाइट पर 55 विषयों के लिए यूनिवर्सिटीज रैंकिंग 2025 जारी की। यह रैंकिंग 5 संकेतों पर पर आधारित है, जिसमें एकेडमिक रिप्यूटेशन, एम्पलॉयर रिप्यूटेशन, रिसर्च रिटेशन प्रति पेपर, एच-इंडेक्स और इंटरनेशनल रिसर्च नेटवर्क (व्यापक संकाय क्षेत्र द्वारा) शामिल हैं।