Bhopal Nagar Nigam Budget: पार्षदों का फंड बढ़ाएं, टैक्स कम करें… मेयर से विपक्ष ने की है ये मांग

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Bhopal Nagar Nigam Budget: पार्षदों का फंड  बढ़ाएं, टैक्स कम करें… मेयर से विपक्ष ने की है ये मांग

Bhopal Nagar Nigam Budget: पार्षदों का फंड बढ़ाएं, टैक्स कम करें… मेयर से विपक्ष ने की है ये मांग


भोपाल: कोविड काल और चुनावों में देरी के कारण पिछले तीन वर्षों से नगर निगम का बजट (Bhopal Municipal Budget) अफसरों के भरोसे था। इस साल का बजट शहर सरकार लेकर आएगी। मार्च में प्रस्तुत होने वाला यह बजट 3 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा संभावित है। बजट मार्च में पेश होना है। बजट का समय करीब आते ही इसके लिए सरगर्मियां बढ़ गई हैं। अब महापौर मालती राय पर बजट के लिए दबाव आने लगा है। विपक्ष ने पत्र लिखकर महापौर के सामने कई मांगें रखी हैं।

विपक्ष ने महापौर से मांग रखी है कि हर वार्ड के लिए राशि आवंटन का प्रावधान बजट में होना चाहिए। पार्षद निधि भी बढ़ाकर 50 लाख रुपए किए जाने की मांग विपक्ष ने रखी है। नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने महापौर मालती राय को 9 बिंदुओं वाला लेटर भी लिखा है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि जनता पर कोई अतिरिक्त टैक्स न लगाया जाए।

संकल्प पत्र पर घेरा

शबिस्ता जकी ने पत्र में महापौर द्वारा चुनाव पूर्व जारी किए गए संकल्प पत्र के वादों को भी गिनाया है। उन्होंने मांग रखी है कि संकल्प पत्र में उपभोक्ता करों को कम करने का वादा किया था, अब वह करने का वक्त आ गया है। उन्होंने मांग रखी है कि 85 वार्ड पार्षदों से वन टू वन चर्चा करके वार्ड की समस्याओं के समाधान करने के लिए बजट आवंटित की जाए। व्यक्तिगत कनेक्शन देने और सीवेज सिस्टम ठीक करने के लिए बजट में प्रावधान किया जाए। शहर में शेल्टर हाउस बनाए जाएं।

इसके साथ ही पार्षद निधि के वार्षिक टेंडर की प्रोसेस व्यवस्थित नियमानुसार की जाए। चार लाख रुपए तक के टेंडर पूर्व की तरह जोन स्तर से कराए जाए।

कैसा था पिछला बजट

गौरतलब है कि पिछले साल का बजट 3 हजार 104 करोड़ रुपए का था। निगम कमिश्नर केवीएस कोलसानी चौधरी ने निगम प्रशासक गुलशन बामरा की मंजूरी के बाद बजट पेश किया था। प्रापर्टी टैक्स में तो कोई बढ़ोतरी नहीं की थी, लेकिन 2400 वर्ग फीट या उससे ज्यादा बड़े मकानों का वाटर टैक्स 180 रुपए से बढ़ाते हुए 210 से 300 रुपए कर दिया था।

कौन बनाता है बजट

नगर निगम का बजट बनाने की जिम्मेदारी महापौर और एमआईसी की होती है। पिछले तीन सालों से निगम का बजट अफसरों के भरोसे था, क्योंकि निगम में चुनाव नहीं हुए थे। कोरोना के कारण भी चुनाव आगे बढ़ते रहे। ऐसे में अफसरों ने अपनी मनमर्जी का बजट बना लिया था।

नागरिकों से लिए जाएंगे सुझाव

बजट बनाने से पहले अमूमन एक प्रारंभिक मीटिंग होती है, जो हो चुकी है। अब नगर के नागरिकों और पार्षदों से भी सुझाव मांगने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। बताया जा रहा है कि 22 मार्च के बाद कभी भी मीटिंग की तारीख तय हो सकती है। नियम कहते हैं कि प्रति दो माह में परिषद की मीटिंग होना चाहिए। गौरतलब है कि पिछली मीटिंग 21 जनवरी को हुई थी।
रिपोर्ट: दीपक राय
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