B’Day: Pankaj Dheer को कैसे मिला बीआर चोपड़ा की ‘महाभारत’ में कर्ण का रोल

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B’Day: Pankaj Dheer को कैसे मिला बीआर चोपड़ा की ‘महाभारत’ में कर्ण का रोल

नई दिल्ली: कोरोनावायरस लॉकडाउन के दौरान एक बार फिर पुराने धारावाहिक ‘रामायण’ और ‘महाभारत’ के प्रसारण हुए. जिसके कारण इनके किरदार निभाने वाले अभिनेता भी सुर्खियों में छाए रहे. बीआर चोपड़ा की ‘महाभारत’ में लोगों के फेवरेट किरदारों में से एक ‘कुंती पुत्र कर्ण’ के रूप में लोगों के दिलों में जगह बनाने वाले अभिनेता पंकज धीर (Pankaj Dheer) का आज जन्मदिन है. इस मौके पर जानते हैं कि कैसे इस महान शो का हिस्सा बने पंकज धीर…

कृष्ण या अर्जुन का किरदार पाना चाहते थे पंकज 
पंकज ने दूरदर्शन को दिए एक पुराने इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया था कि वह सिर्फ कृष्ण या अर्जुन का किरदार निभाना चाहते थे. क्योंकि उन्हें महाभारत के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी और वह बस इन्हीं दो किरदारों को महत्वपूर्ण समझ रहे थे. इस किस्से को सुनाते हुए पंकज बताते हैं कि जब महान फिल्मकार बीआर चोपड़ा (BR Choupra) ने उन्हें कर्ण के महान व्यक्तित्व के बारे में बताया तो उन्हें यकीन ही नहीं हुआ. इसके बाद बीआर चोपड़ा ने पंकज को कर्ण के जीवन पर आधारित कुछ किताबें पढ़ने को दीं. जिसके बाद पंकज को अहसास हुआ कि वह किस वीर योद्धा के किरदार को निभाने जा रहे हैं.

जब पाठ्यपुस्तक में छपी पंकज की तस्वीर 
पंकज धीर ने अपने इस किरदार में ऐसी जान फूंकी कि लोग कर्ण के तौर पर उनके चेहरे को ही दिलों में समा बैठे थे. यह बात तब साबित हुई जब बच्चों की पाठ्यपुस्तक में कर्ण का किरदार बताने के लिए पंकज धीर की तस्वीर छापी गई. इस वाकये को याद करके पंकज कहते हैं कि उन्हें इस बात पर काफी गर्व मेहसूस होता है कि वह कर्ण जैसे बड़े किरदार को बेहतरीन तरीके से निभा सके.

इन दिनों कहां हैं पंकज
भले ही पंकज इन दिनों किसी शो में नजर नहीं आ रहे हैं, लेकिन वह कुछ समय पहले तक महादेव, बड़ो बहू, ससुराल सिमर का जैसे टीवी सीरियलों में नजर आ चुके हैं.

बताते चलें, कर्ण के किरदार ने लोगों को काफी प्रभावित किया है. महाभारत के अनुसार कर्ण कुंती सबसे बड़े पुत्र थे जिनका जन्म सूर्य उपासना के बाद हुआ था. जिस समय कर्ण का जन्म हुआ उस समय कुंती का विवाह नहीं हुआ था जिसके चलते उन्हें कर्ण को त्यागना पड़ा. कर्ण का पालन एक रथ चलाने वाले ने किया था. कौरव पांडव युद्ध के दौरान कुंती ने खुद ये सच कर्ण को बताया था और उनसे पांडवों का वध ना करने वा वचन लिया. कर्ण ने अपने मां के वचन का पालन किया.

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