BCCI प्लीज कुछ करो…! फिर किसी अनीता को चंद हजार रुपयों के लिए जान न देनी पड़े
गिरफ्तारी, थर्ड डिग्री और दो लाख की मांग…
विराट कोहली, रोहित शर्मा जैसे प्लेयर्स को देखकर तमाम लोग ऐसे भी हैं, जो धनपति बनने के लिए शॉर्ट कट अपनाते हैं। कई बार शॉर्ट कट का अध्याय किसी अपने को खोकर चुकाने के साथ बंद होता है। उत्तर प्रदेश की अनीता को ले लीजिए। पति मनोज शर्मा पर सट्टेबाजी का आरोप है। इस चक्कर में वह पुलिस के शिकंजे में फंसा और कथिततौर पर गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने मनोज पर थर्ड डिग्री से टॉर्चर किया। आरोप है कि उसे छोड़ने के लिए पुलिस दो लाख रुपये की मांग कर रही थी। यह बात जब अनीता को पता चला तो उसने जहर खाकर अपनी जान दे दी।
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फेंटेसी गेम में रोज निकलते हैं कई ‘मनोज’
यह बात एक अनीता या मनोज की नहीं है। ऑनलाइन सट्टा बाजार चरम पर है, जिसे मौजूदा दौर में फेंटेसी स्पोर्ट्स भी कहा जाता है। अक्सर खबरें आती हैं कि फलां ने फेंटेसी स्पोर्ट्स में 10 लाख जीते तो फंला ने एक लाख जीते, लेकिन वो खबरें कम ही आती हैं, जिसमें लोग लाखों गंवा देते हैं। जाहिर है यह एक तरह का जुआ ही तो है। एक जीतता है तो कई हारते भी तो हैं। जाहिर है उन्हीं हारे हुए लोगों के पैसे तो फेंटेसी स्पोर्ट्स कंपनियां विजेता को देती हैं। इस काम में उन्हें भारी भरकम मुनाफा होता है वह अलग से। फेंटेसी गेम में पैसे लगाने वालों की संख्या लाखों में है। करोड़ों में भी हो सकती है।
रिस्क के दावे के साथ खुलेआम विज्ञापन, धन कुबेर बनाने का ऑफर
बड़ी संख्या में क्रिकेटर से इन कंपनियों को प्रमोट करते दिखते हैं। इसके लिए उन्हें मोटी रकम मिलती है। कानूनी पचड़े से बचने के लिए विज्ञापन में इस लाइन पर विशेष जोर दिया जाता है कि ‘इस खेल में आर्थिक जोखिम संभव है तो जिम्मेदारी से खेलें।’ यानी यात्रि अपने सामान की सुरक्षा खुद करें। खैर, यह तो रही ऑनलाइन की बात। लोग धन कुबेर बनने के लिए आपस में भी सट्टा खेलने से बाज नहीं आते। अब बात करते हैं उस अनीता की जिसका ऊपर जिक्र किया गया है। रिपोर्ट है कि आगरा के जगनेर के नौनी गांव निवासी मनोज शर्मा और नगला माधो निवासी रवि पचौरी के बीच आईपीएल में सट्टा खेला जाता था।
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फिर कोई अनीता न करे आत्महत्या
इस सट्टेबाजी के खेल में रवि पर मनोज के 20 हजार निकल रहे थे। इन पैसे को देने के लिए उसने पास में मंदिर के पास बुलाया, जहां पुलिस ने मनोज को धर दबोचा। यह कहानी हो सकता है जितनी सीधी दिख रही उतनी हो नहीं। जब पुलिस ने दबोचा तब मनोज को क्या पता था कि यह एक रात उसके हंसते खेलते परिवार को तबाह कर देगी। उसकी वाइफ अनीता ने आत्महत्या कर ली तो मामला के गंभीरता भांपते हुए आनन-फानन में पुलिस ने मनोज को छोड़ दिया। अब मनोज सट्टेबाजी से इनकार कर रहा है तो पुलिस पर छोड़ने के लिए दो लाख रुपये मांगने का आरोप भी लगाया है। कई पुलिसकर्मी सस्पेंड भी हुए हैं। इस बीच जो उसने खो दिया उसकी भरपाई शायद अब संभव नहीं। सच्चाई जो भी हो, लेकिन इस तरह फिर किसी अनीता को जान नहीं देनी पड़े इसके लिए पुलिस को सतर्क तो रहना ही होगा, साथ ही भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को भी कुछ गंभीर कदम उठाने की जरूरत है।