Balendu Bhushan Singh: सिख विरोधी दंगे में 28 गिरफ्तारी करने वाले DIG बालेंदु भूषण का ट्रांसफर, सिख समाज ने जताया विरोध

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Balendu Bhushan Singh: सिख विरोधी दंगे में 28 गिरफ्तारी करने वाले DIG बालेंदु भूषण का ट्रांसफर, सिख समाज ने जताया विरोध

Balendu Bhushan Singh: सिख विरोधी दंगे में 28 गिरफ्तारी करने वाले DIG बालेंदु भूषण का ट्रांसफर, सिख समाज ने जताया विरोध

कानपुर: यूपी के कानपुर ने भी 1984 में सिख विरोधी दंगे का दंस झेला है। सिख विरोधी दंगे के 38 साल बीत चुके हैं। दंगे में जान गंवाने वाले परिवारों में न्याय की उम्मीद जगी थी। 1984 में सिख विरोधी दंगे की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था। एसआईटी की कमान डीआईजी बालेंदु भूषण को सौंपी गई थी। कानपुर में सिख विरोधी दंगे के दौरान 127 लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। डीआईजी बालेंदु भूषण के नेतृत्व में मुकदमों की जांच कराई गई, जिसमें 28 आरोपियों की गिरफ्तारी कर जेल भेजा जा चुका है। शासन ने शुक्रवार को बालेंदु भूषण का ट्रांसफर कर दिया। जिसका सिख समुदाय और बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा ने विरोध किया है।

तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कानपुर में भी सिख विरोधी दंगा भड़क गया था, जिसमें 127 सिखों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। दंगे में जान गवाने वालों को न्याय दिलाने के लिए प्रदेश सरकार ने 27 मई 2019 को एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी ने जब जांच शुरू की तो पता चला कि 127 सिखों की हत्या में 40 मुकदमे दर्ज हुए थे। तीन साल चली एसआईटी की जांच में 14 मुकदमों के साक्ष्य मिले हैं, जबकि 09 मुकदमों में चार्जशीट लगनी है। चिह्नित किए गए 94 आरोपियों में 74 जिंदा हैं। 20 आरोपियों की मौत हो चुकी है, जिसमें 147 लोगों के बयान हो चुके हैं।

कौन हैं डीआईजी बालेंदु भूषण
आईपीएस बालेंदु भूषण की गिनती यूपी में तेज तर्रार अफसरों में होती है। बालेंदु भूषण सिंह 2009 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। बालेंदु भूषण का जन्म 15 जून 1963 में यूपी के प्रतापगढ़ में हुआ था। बालेंदु भूषण प्रतापगढ़ के रजवाड़े खान से ताल्लुक रखते हैं। उन्होने जियोग्राफी से एमए करने के बाद इंडियन पुलिस सर्विस की तैयारी की थी। सिख विरोधी दंगे की जांच के लिए एसआईटी की कमान बालेंदु भूषण को सौंपी गई थी। इससे पहले बालेंदु भूषण कई जिलों की कप्तानी संभाल चुकी हैं।

बीजेपी अल्पसंख्यक और सिख समुदाय ने ट्रांसफर किया विरोध
बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के क्षेत्रीय मंत्री नीतू सिंह और सिख समुदाय ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर डीआईजी बालेंदु भूषण का ट्रांसफर रोकने की गुहार लगाई है। नीतू सिंह ने पत्र के माध्यम से कहा है कि एसआईटी प्रमुख बालेंदु भूषण के नेतृत्व में सिख विरोधी दंगों के आरोपियों की धरपकड़ का काम चल रहा था। जब आरोपियों की अरेस्टिंग का कार्य किया जा रहा है। उस दौरान बालेंदु भूषण के ट्रांसफर से गिरफ्तारियां रुक जाएंगी। आरोपी बचने के प्रयास में सफल हो जाएंगे।

सभी आरोपियों की अरेस्टिंग तक बालेंदु भूषण बने रहें
एसआईटी प्रमुख बालेंदु भूषण दिन-रात एक कर अपनी टीम के साथ आरोपियों की अरेस्टिंग कर रहे थे। सिख विरोधी दंगे के आरोपियों ने एसआईटी प्रमुख पर दबाव बनाने का भी प्रयास किया, लेकिन बालेंदु भूषण किसी के दबाव में नहीं आए। उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है। ऐसे हालातों में उनके ट्रांसफर को रुकवाना आवश्यक है। बीजेपी के क्षेत्रीय मंत्री नीतू सिंह ने कहा कि जब तक सभी आरोपी अरेस्टिंग नहीं होती है। एसआईटी प्रमुख बालेंदु भूषण को ही बनाए रखा जाए।
इनपुट- सुमित शर्मा

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