Balaghat News: नक्सलियों से मुकाबले के साथ ग्रामीणों की जान बचा रही CRPF की अनूठी पहल, सुदूर गांवों तक पहुंच रहे बाइक एम्बुलेंस

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Balaghat News: नक्सलियों से मुकाबले के साथ ग्रामीणों की जान बचा रही CRPF की अनूठी पहल, सुदूर गांवों तक पहुंच रहे बाइक एम्बुलेंस

Balaghat News: नक्सलियों से मुकाबले के साथ ग्रामीणों की जान बचा रही CRPF की अनूठी पहल, सुदूर गांवों तक पहुंच रहे बाइक एम्बुलेंस


बालाघाटः मध्य प्रदेश का बालाघाट जिला भौगोलिक रूप से दूरस्थ ग्रामीण अंचलों तक फैला है। जिले के अंदरूनी इलाकों में आजादी के 75 साल बाद भी सड़कें नहीं होने से एम्बुलेंस सेवा नहीं पहुंच पाती है। अक्सर सड़क विहीन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं के ना होने से इलाज के पहले ही मरीजों को असमय मौत का शिकार होना पड़ता है। गांवों में ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवा देने के विचार के साथ सीआरपीएफ की सोनेवानी चौकी ने बाइक एम्बुलेंस का फार्मूला खोज निकाला। सीआरपीएफ की ये पहल आज ग्रामीण क्षेत्रों के लिए संजीवनी बन गया है।

जिले के अतिसंवेदनशील क्षेत्र रूपझर थाना अंतर्गत सोनेवानी चौकी की 130 केंद्रीय रिजर्व पुलिस द्वारा ग्रामीणों को सुरक्षित स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाने के लिए बाइक एंबुलेंस की सेवा दी जा रही है। 123 बटालियन केंद्रीय पुलिस बल के कमांडेट सुधीर कुमार के मार्गदर्शन में इसकी शुरुआत की गई थी।

दूरस्थ गांवों के लिए संजीवनी

मोटरसाइकिल एम्बुलेंस सेवा के बारे में चर्चा करने पर सहायक कमांडेंट नवीन सोलंकी ने बताया कि सोनेवानी चौकी अंतर्गत सर्रा, पालागोंदी, कुआगोंदी, माटे, कुलपा, कावेरी, सोनेवानी, मोहनपुर, इरली, उत्कालचक्र सहित 19 गांव आते हैं। ये सभी गांव आदिवासी बहुल हैं। इनमें कई गांव ऐसे हैं, जिनमें सड़क नहीं है। यदि कोई स्वास्थ्य समस्या आ जाए तो उनके लिए त्वरित एम्बुलेंस का आना संभव नहीं है। इसे देखते हुए सीआरपीएफ कमांडेट सुधीर कुमार ने छत्तीसगढ़ में रहते हुए किये गये मोटरसाइकिल एम्बुलेंस के प्रयोग को बालाघाट में शुरू करने का विचार दिया। सोनेवानी चौकी ने इस विचार को अमलीजामा पहनाया।

कोई भी मुफ्त में ले सकता है फायदा

सोलंकी ने बताया कि मोटरसाइकिल एंबुलेंस सेवा के लिए वे स्कूलों और पंचायतो में जागरूकता अभियान चला रहे हैं। ग्रामीणों को यह बता रहे हैं कि यदि किसी परिवार में कोई बीमार है तो हमारे कैंप में आकर नाम, पते के साथ मोटरसाइकिल एम्बुलेंस को निःशुल्क ले जा सकता है। उन्हें एंबुलेंस में पेट्रोल भी नहीं भरवाना होगा। उन्होंने कहा कि यदि हम कुछ लोगों को भी समय पर उपचार मुहैया करवाने में सहायक बन सके, तो यह हमारे लिए किसी सेवा से कम नहीं होगा।

पिता के इलाज के लिए विजय ने ली पहली मदद

मोटरसाइकिल एम्बुलेंस की पहली सेवा कुलपा निवासी विजय कुशरे ने ली। कुलपा निवासी विजय कुशरे के पिता बिलंबसिंह कुशरे की तबियत खराब होने के बाद वे सीआरपीएफ कैंप पहुंचे। पिता का स्वास्थ्य खराब होने की जानकारी देकर उन्हें उपचार के लिए जिला अस्पताल ले जाने की आवश्यकता बताई। उन्हें तत्काल ही मोटरसाइकिल एम्बुलेंस की मदद दी गई। विजय ने सीआरपीएफ कैंप की मोटरसाइकिल एम्बुलेंस सेवा को क्षेत्र के लिए देव मदद की संज्ञा देते हुए सीआरपीएफ के प्रयासों की खुले मन से तारीफ की।

बटालियन दे रही स्वास्थ्य सेवा

केंद्रीय पुलिस बल की मोटरसाइकिल एम्बुलेंस सेवा ग्रामीणों के लिए बेहद मददगार साबित हो रही है। बालाघाट में नक्सलियों से लोहा लेने वाले जवान इंसानियत का फर्ज़ भी निभा रहे हैं। घने जंगलों में बसे सुदूर गांवों के लिए सीआरपीएफ़ की 123वीं बटालियन ने अनूठी पहल की है। दूरस्थ गांवों के लिए जहां चौपहिया वाहन नहीं जा सकते, बाइक एंबुलेंस किसी वरदान से कम नहीं है।

रिपोर्टः माधुरी कटरे

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