Bageshwar Sarkar के लंगोटिया यार की बातें आपको हैरान कर देंगी, सुनिए Dhirendra Shastri को बाइक पर ढोने वाले शख्स ने क्या कहा

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Bageshwar Sarkar के लंगोटिया यार की बातें आपको हैरान कर देंगी, सुनिए Dhirendra Shastri को बाइक पर ढोने वाले शख्स ने क्या कहा


Bageshwar Sarkar के लंगोटिया यार की बातें आपको हैरान कर देंगी, सुनिए Dhirendra Shastri को बाइक पर ढोने वाले शख्स ने क्या कहा

छतरपुर: पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक बार फिर चर्चाओं में हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने तेवर और बयानों को लेकर अक्सर चर्चाओं में रहते हैं और उनको जानने वालों के लिए यह नया नहीं है। कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि में पले-बढ़े बाबा अपने बचपन के दोस्तों के साथ अब भी संपर्क में रहते हैं। उनके दोस्तों का कहना है कि छोटी उम्र से ही धीरेंद्र शास्त्री की धर्म में रुचि थी, लेकिन उनका स्वभाव तब भी उग्र था। उनके ऐसे ही एक दोस्त से नवभारतटाइम्स डॉटकॉम ने बातचीत की।

एक ही गांव के और एक ही स्कूल में पढ़े

30 साल के रिक्की सिंह, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बचपन के मित्र हैं। दोनों एक ही गांव गढ़ा के रहने वाले हैं। रिक्की और धीरेंद्र शास्त्री बचपन में एक ही स्कूल में पढ़े हैं। रिक्की बताते हैं कि वह धीरेंद्र से उम्र में बड़े हैं। धीरेंद्र शास्त्री पढ़ाई में उनसे दो साल पीछे थे, लेकिन दोनों में गहरी दोस्ती थी जो अब भी बरकरार है।

छोटी उम्र से ही धर्म में रुचि

रिक्की ने बताया कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बचपन से ही उग्र और धार्मिक प्रवृत्ति के रहे हैं। छोटी उम्र से ही वह समाज और धर्म के लिए कुछ करना चाहते थे। वे अपना पक्ष मजबूती से रखने में हिचकते नहीं थे। उनके परिवार में धार्मिक माहौल था और धीरेंद्र की धर्म में अच्छी खासी रुचि थी।

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रिक्की अपनी बाइक पर ले जाता था कथा के लिए

रिक्की बताते हैं कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की आर्थिक स्थिति पहले ठीक नहीं थी। उनके दोस्तों में रिक्की ही अकेले व्यक्ति थे जो उस समय बाइक चला पाता था। धीरेंद्र शास्त्री की जब कभी कथा होती थी तो रिक्की ही उन्हें बाइक पर बिठाकर ले जाते थे। रिक्की बचपन के उन दोस्तों में से हैं जिन्होंने धीरेंद्र को पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और बागेश्वर सरकार बनते हुए न सिर्फ देखा है, बल्कि इसमें उनका सहयोग भी किया है।

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मोबाइल और सेल्फी लेने का था शौक

रिक्की का कहना था कि पहले धीरेंद्र के पास मोबाइल नहीं था। कथा के पैसों से उन्होंने अपने लिए एक मोबाइल लिया था। उसी मोबाइल में उन्होंने पहली बार मुरारी बाबू की कथा सुनी थी। तभी से धीरेंद्र शास्त्री को सेल्फी लेने और मोबाइल चलाने का शौक था। यही वजह है कि रिक्की के साथ उनकी बचपन की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हैं।



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