Bageshwar Maharaj से मिलने क्यों जा रहे Kamalnath? समझिए इनसाइड स्टोरी

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Bageshwar Maharaj से मिलने क्यों जा रहे Kamalnath? समझिए इनसाइड स्टोरी

Bageshwar Maharaj से मिलने क्यों जा रहे Kamalnath? समझिए इनसाइड स्टोरी



भोपाल:
बागेश्वर धाम महाराज पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Bageshwar maharaj news) इन दिनों इलाहाबाद में हैं। उनके भक्तों के साथ-साथ कुछ नेताों को भी इंतजार है कि वह कब बागेश्वर स्थित धाम लौटेंगे। इसमें सबसे आगे पूर्व सीएम कमलनाथ हैं। कमलनाथ पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से मिलने बागेश्वर धाम जाने की तैयारी कर रहे हैं। कांग्रेस सूत्रों से मिली खबर के अनुसार कमलनाथ बागेश्वर धाम में हनुमानजी महाराज की पूजा भी करेंगे। हालांकि ये स्थिति तब है, जब नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर सवाल उठा चुके हैं। सियासी जानकारों का मानने हैं कि बागेश्वर धाम सरकार से मिलने कमलनाथ यूं ही नहीं जा रहे हैं, इसके पीछे एक सियासी मिशन है।

दरअसल, बागेश्वर धाम महाराज जब विवादों में थे, तो बीजेपी के लोग खुलकर उनके समर्थन में थे। इससे साफ है कि अगामी विधानसभा चुनावों में बाबा अप्रत्यक्ष तरीके से बड़ी भूमिका निभाएंगे। हालांकि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने सियासी रिश्ते को नकारते रहे हैं। ऐसे में कमलनाथ ने पिछले दिनों कहा था कि हमारी उनसे बात होती है। मैं वहां जाने वाले भी था लेकिन वह नहीं थे। कमलनाथ ने यह भी कहा था कि मैं इंदौर में कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के कार्यक्रम में भी गया था।

कमलनाथ मिलने जा रहे बागेश्वर धाम

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कमलनाथ 13 फरवरी को बागेश्वर धाम पहुंच सकते हैं। 13 फरवरी को बागेश्वर धाम सामूहिक विवाह कार्यक्रम है। इसमें वह शामिल हो सकते हैं। इस दौरान देश के कई बड़े संत बागेश्वर धाम में मौजूद रहेंगे। कमलनाथ ऐसे वक्त में वहां जा रहे हैं, जब प्रदेश में कुछ महीनों बाद चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में बीजेपी के कान खड़े हो गए हैं। बागेश्वर महाराज को लपकने में कमलनाथ आगे निकल गए हैं। कथित रूप से बीजेपी अब काट ढूंढने में जुट गई है।

हनुमान भक्त हैं कमलनाथ

एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ हनुमानजी के बड़े भक्त हैं। उन्होंने छिंदवाड़ा में हनुमानजी की बड़ी प्रतिमा स्थापित करवाई है। इसके साथ ही उनके आवास और कांग्रेस दफ्तर में सुंदरकांड के पाठ होते रहते हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि इसे सियासी चश्मे से नहीं देखा जाए। कमलनाथ वहां हनुमानजी की पूजा के लिए जा रहे हैं। वहीं, जब धर्म की बात उठती तो कांग्रेस हमेशा कमलनाथ को हनुमान भक्त के रूप में पेश करती है। ऐसे में सियासी मिशन को नकारा नहीं जा सकता है।

एमपी में बाबा के हैं लाखों भक्त

दरअसल, अभी के माहौल को देखते हुए एमपी में यह तय है कि चुनाव के दौरान हिंदुत्व एक बड़ा मुद्दा होगा। हिंदुत्व की बात जब होगी तो प्रदेश की राजनीति में इन बाबाओं की भूमिका बड़ी होगी। खासकर उनकी, जिनके लाखों भक्त हैं। अभी सबसे ज्यादा प्रभाव धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का दिख रहा है। कमलनाथ उनसे मिलकर प्रदेश की राजनीति में एक अलग संदेश देना चाहते हैं। साथ ही इस मुलाकात से बीजेपी के आरोपों पर जवाब देंगे।

क्या पिछड़ गए शिवराज?

बागेश्वर महाराज से जब कमलनाथ की मुलाकात होगी तो कई तरह की बातें होंगी। बातें क्या होंगी, यह तो अभी साफ नहीं है लेकिन इस मुलाकात से क्या संदेश जाएगा। यह स्पष्ट है। ऐसे में सवाल है कि क्या कमलनाथ इस मामले में शिवराज से आगे निकल गए हैं। बीजेपी हालिया विवाद में बागेश्वर महाराज के साथ तो थी लेकिन अभी तक वहां जाकर किसी नेता ने मुलाकात नहीं की है।

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