Badminton: पीवी सिंधु चोट की वजह से बैंडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप में नहीं ले रही हिस्सा, इन खिलाड़ियों से मेडल की उम्मीदें

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Badminton: पीवी सिंधु चोट की वजह से बैंडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप में नहीं ले रही हिस्सा, इन खिलाड़ियों से मेडल की उम्मीदें


Badminton: पीवी सिंधु चोट की वजह से बैंडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप में नहीं ले रही हिस्सा, इन खिलाड़ियों से मेडल की उम्मीदें

तोक्यो: भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु चोटिल होने के कारण पिछले एक दशक में पहली बार बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं ले पाएगी। उनकी अनुपस्थिति में सोमवार से शुरू हो रहे इस टूर्नामेंट भारत का दारोमदार युवा लक्ष्य सेन और एचएच प्रणय पर होगा। सिंधु ने विश्व चैंपियनशिप में पांच पदक जीते हैं, जिनमें 2019 में जीता गया स्वर्ण पदक भी शामिल है। राष्ट्रमंडल खेलों में अपने खिताबी अभियान के दौरान वह चोटिल हो गई थी जिसके कारण उन्हें इस चैंपियनशिप से उन्हें हटना पड़ा।

ऐसी स्थिति में इस टूर्नामेंट में भारत का अच्छा प्रदर्शन बरकरार रखने का दारोमदार युवा लक्ष्य के अलावा अनुभवी प्रणय और किदांबी श्रीकांत पर आ गया है। भारत ने 2011 के बाद इस चैंपियनशिप में हमेशा पदक जीता है। पिछले साल श्रीकांत ने जहां रजत पदक जीता था वहीं लक्ष्य कांस्य पदक जीतने में सफल रहे थे लेकिन इस साल मुकाबला अधिक कड़ा नजर आता है।

वर्ष 2021 में जापान के केंटो मोमोटा तथा जोनाथन क्रिस्टी और एंथोनी गिंटिंग की इंडोनेशियाई जोड़ी ने विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं लिया था लेकिन इस बार किसी खिलाड़ी ने नाम वापस नहीं लिया है। इसके साथ ही भारत के पुरुष खिलाड़ियों से उम्मीदें काफी की जा रही हैं क्योंकि हाल में उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है। राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के बाद लक्ष्य का आत्मविश्वास काफी बढ़ा हुआ है और वह विश्व चैंपियनशिप में खिताब के प्रबल दावेदार के रूप में शुरुआत करेंगे।

यह 20 वर्षीय खिलाड़ी डेनमार्क के दिग्गज हैंस-क्रिस्टियन सोलबर्ग विटिंगस के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेंगे। भारत के तीनों पुरुष खिलाड़ी एक ही क्वार्टर में है और ऐसे में उनका आमना सामना हो सकता है। नौवीं वरीयता प्राप्त लक्ष्य तीसरे दौर में प्रणय से भिड़ सकते हैं। प्रणय को इससे पहले दूसरे दौर में दूसरी वरीयता प्राप्त मोमोटा को हराना होगा।

प्रणय ने पिछले कुछ समय से अपने प्रदर्शन में निरंतरता रखी है। वह तीन बार सेमीफाइनल और एक बार फाइनल में पहुंचे और उनसे इसी तरह के प्रदर्शन को बरकरार रखने की उम्मीद की जा रही है। श्रीकांत को 12वीं वरीयता दी गई है और वह भी लक्ष्य और प्रणय की तरह अच्छी फॉर्म में है। राष्ट्रमंडल खेलों में उन्होंने कांस्य पदक जीता लेकिन आयरलैंड के नाट गुयेन और चीन के झाओ जून पेंग जैसे खिलाड़ियों को हराने के लिए उन्हें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा।

यदि श्रीकांत शुरुआती बाधाओं को पार कर लेते हैं तो क्वार्टर फाइनल में उनका मुकाबला दुनिया के पांचवें नंबर के मलेशियाई ली जिया जिया से हो सकता है। इनके अलावा पुरुष युगल में चिराग सेठी और सात्विक साइराज रंकीरेड्डी पर भी सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। इस भारतीय जोड़ी ने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। विश्व में सातवें नंबर की इस भारतीय जोड़ी को पहले दौर में बाई मिली है। दूसरे दौर में उनका मुकाबला मलेशिया के गोह वी शेम और टैन वी किओंग की 13वीं वरीयता प्राप्त जोड़ी से हो सकता है।

इनके अलावा साइना नेहवाल पर भी निगाहें टिकी रहेंगी जो हाल में कम चर्चा में रही है। साइना ने विश्व चैंपियनशिप में एक रजत और एक कांस्य पदक जीता है लेकिन यहां उन्हें पदक जीतने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा। साइना पहले दौर में हांगकांग की चेउंग नगन यी से भिड़ेगी। महिला युगल में अश्विनी पोनप्पा और एन सिक्की रेड्डी तथा गायत्री गोपीचंद और त्रेसा जॉली भी अपनी चुनौती पेश करेंगी।



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