आसाराम की उम्मीदों को लगा झटका, हाईकोर्ट नें पैरोल देने से किया इनकार

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जोधपुर। अपने ही आश्रम की नाबालिग छात्रा से यौन शोषण के आरोप में जोधपुर जेल में सजा काट रहे आसाराम की उम्मीदों को एक और झटका लगा है। उसकी तरफ से लगाई गई पैरोल याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज करते हुए पैरोल देने से इनकार कर दिया है। यह याचिका आसाराम के भांजे ने पेश की थी।

ASHRAM GOT JOLT AFTER HIGHCOURT DISMISSED THE PAROLE 1 news4social -

हाईकोर्ट के जस्टिस संगीत लोढ़ा व जस्टिस दिनेश मेहता की खंडपीठ में आसाराम के भांजे रमेश भाई ने आसाराम की ओर से याचिका पेश कर पैरोल की मांग की थी। पूर्व में आसाराम की ओर से रमेश भाई ने जिला पैरोल कमेटी के समक्ष पैरोल अर्जी पेश की थी। अर्जी में इस नियम का हवाला दिया गया था कि जब कोई सजायाप्ता एक चौथाई सजा को पूरी कर लेता है तो वह पैरोल का हकदार होता है। आसाराम ने भी पांच साल से ज्यादा सजा जोधपुर की जेल में काट ली है लेकिन जिला पैरोल कमेटी ने अर्जी को खारिज कर दिया था। इसके बाद आसाराम की ओर से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था।

इसमें सरकार की ओर से पेश जवाब में तर्क दिया गया था कि आसाराम को मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है, ऐसे में शेष सजा की गणना कैसे की जाए। जवाब में यह भी कहा गया कि महानिदेशक (जेल) ने आसाराम को पैरोल के संबंध में राज्य सरकार से विधिक राय भी मांगी थी, जिसमें भी पैरोल देने से इनकार किया गया है। जवाब में यह भी बताया गया, कि इस प्रकरण के अलावा आसाराम के खिलाफ तीन अन्य प्रकरण भी विचाराधीन है। इन सभी तर्कों को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट की खंडपीठ ने आसाराम को पैरोल देने से इनकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया। उल्लेखनीय है कि आजीवन कारावास की सजा में पांच साल जेल को एक चौथाई मान लिया जाता है लेकिन गत 25 अप्रेल को एससी-एसटी एक्ट कोर्ट जज मधुसुदन शर्मा की कोर्ट ने आसाराम को जीवन की आखिरी सांस तक जेल में रखने की सजा सुनवाई थी।