Ashram-3 Controversy: साध्वी प्रज्ञा की चेतावनी में कितना दम, क्या सेंसर बोर्ड का काम अब साधु-संतों के संगठन करेंगे?

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Ashram-3 Controversy: साध्वी प्रज्ञा की चेतावनी में कितना दम, क्या सेंसर बोर्ड का काम अब साधु-संतों के संगठन करेंगे?

हाइलाइट्स

  • भोपाल में आश्रम-3 की शूटिंग पर जारी है विवाद
  • रविवार को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने शूटिंग में की थी तोड़ फोड़
  • शूटिंग रोकने के समर्थन में आईं भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा
  • सांसद की चेतावनी- अब साधु-संतों की इजाजत के बाद बनेंगी फिल्में

भोपाल
आश्रम-3 (Ashram-3 Web Series) की शूटिंग पर मचे बवाल के बीच भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा (Bhopal MP Sadhvi Pragya) ने नया शिगूफा छेड़ दिया है। सोमवार को साध्वी ने कहा कि अब कोई फिल्म बनने से पहले उनकी स्क्रिप्ट देखी जाएगी। फिल्म या वेब सीरीज में कुछ आपत्तिजनक कंटेंट मिलने पर उसे हटाया जाएगा। इसके बाद ही शूटिंग की अनुमति दी जाएगी। सांसद ने कहा है कि भारत भक्ति अखाड़ा अलग से एक विभाग बनाएगा जो इस तरह की फिल्मों पर नजर रखेगा। सांसद भारत भक्ति अखाड़े की महामंडलेश्वर हैं।

साध्वी के बयान के बाद से इस पर विवाद शुरू हो गया है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने उनका नाम लिए बगैर इसे फासीवाद बताया है। उन्होंने इस मामले में वेब सीरीज के डायरेक्टर प्रकाश झा (Director Prakash Jha) की चुप्पी पर भी सवाल उठाए हैं।

साध्वी प्रज्ञा के बयान पर सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि देश में फिल्म और वेब सीरीज के कंटेंट पर नजर रखने के लिए सेंसर बोर्ड (Censor Board) है। सेंसर बोर्ड की अनुमति के बाद ही फिल्में रिलीज की जाती हैं। केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा गठित सेंसर बोर्ड अकेली संस्था है जो फिल्मों के कंटेंट पर नजर रखती है। साध्वी प्रज्ञा की चेतावनी वर्षों से चली आ रही इस व्यवस्था और सेंसर बोर्ड की प्रासंगिकता पर पर भी सवालिया निशान खड़े कर सकती है।

सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि साधु-संतों के संगठन के पास क्या फिल्मों की स्क्रिप्ट पर नजर रखने का अधिकार है। देश में साधु-संतों के कई संगठन और कई अखाड़े हैं। यदि यही मांग दूसरे संगठनों ने भी शुरू कर दी तो सरकार क्या करेगी। यदि दूसरे धर्मों से जुड़े संगठनों ने भी इस तरह की मांग रख दी देश में फिल्में और वेब सीरीज बनाना असंभव सरीखा हो जाएगा।

‘साधु-संत फिल्म नहीं देखते लेकिन अब स्क्रिप्ट पढ़ेंगे, तभी मिलेगी शूटिंग की इजाजत’- आश्रम-3 पर मचे बवाल के बीच साध्वी प्रज्ञा की चेतावनी
साध्वी प्रज्ञा हिंदुत्व से जुड़े मुद्दों पर बढ़-चढ़ कर बोलती हैं और उनकी यह चेतावनी इसी की अगली कड़ी है। कानूनी रूप से उन्हें या उनके संगठन को ऐसा कोई अधिकार नहीं है कि वे फिल्मों की स्क्रिप्ट पढ़ने के बाद उसे बनाने की अनुमति दें। यह अधिकार केवल सरकार के पास है। एमपी के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा भी है कि प्रदेश सरकार इसके लिए अलग से नीति बनाएगी। फिल्मों और वेब सीरीज की स्क्रिप्ट देखने के बाद ही उनकी शूटिंग की इजाजत दी जाएगी।

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साध्वी प्रज्ञा की बातों में दम भले न हो, लेकिन यह प्रदेश सरकार के लिए एक नई मुसीबत बन सकती है। जिस तरह बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने भोपाल में आश्रम-3 की शूटिंग में तोड़-फोड़ की, यह ट्रेंड आगे भी जारी रहा तो कानून-व्यवस्था की समस्या खड़ी हो जाएगी। यह मामला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से भी जुड़ा है। अदालतों को इसकी नए सिरे से व्याख्या करनी पड़ेगी।

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