Ashok Gehlot vs Sachin Pilot: गहलोत-पायलट की जंग के बीच बाड़मेर नगर परिषद में उबाल, कांग्रेस के बोर्ड सभापति और उपसभापति में ठनी
बाड़मेर: राजस्थान सरकार में मचा घमासान अभी थमा भी नहीं है कि बाड़मेर कांग्रेस के नगर परिषद बोर्ड में भी पार्षदों के बिच तलवारें खींच गई हैं। मामला इतना बिगड़ गया है सभापति और उपसभापति दोनों के गुट एक दूसरे को हटाने की तैयारी में जुट गए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए बाड़मेर विधायक को आलाकमान की भूमिका निभाते हुए देखा गया, लेकिन फिर भी पार्षदों की गुटबाजी और नाराजगी पूरी तरह दूर नहीं हुई है। वहीं उपसभापति ने इशारों-इशारों में ही सभापति पर रिश्वत लेने के आरोप जड़ दिए।
बाड़मेर नगर परिषद में जैसे ही सरकार की ओर से नगर परिषद क्षेत्र में पट्टा बनने शुरू हुए तो नगर परिषद में आय शुरू हो गई तो पार्षदों के बीच भी विवाद शुरू हो गया। गुटबाजी इस कदर हावी हो गई की पार्षदों के दो गुट बन गए और उपसभापति का गुट सभापति को हटाने की रणनीति बनाने में लग गए और मामले को बढ़ता देख विधायक को बीच बचाव कर दोनों पक्षों को बिठाकर मामले को सुलझाने की कोशिश की, हालांकि कुछ हद तक समझाइस करने में सफल भी हुए, लेकिन उपसभापति ने बातों बातों में अपनी नाराजगी ज़ाहिर भी कर दी।
हालांकि अपने ऊपर लगे आरोपों को सभापति ने सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उपसभापति कुछ मुद्दों को लेकर नाराज जरूर हैं, लेकिन उसे सुलझा दिया गया है। विधायक के साथ में बैठकर सभी मुद्दों पर विचार विमर्श कर दिया गया है और उपसभापति जी गुस्से ली प्रवृत्ति के हैं, इसलिए वह रिएक्शन जल्दी देते हैं। लेकिन हमारे पार्षदों के बीच में किसी तरह का कोई मनमुटाव नहीं है। बाड़मेर शहर का विकास किस तरीके से हो उस पर विस्तार से चर्चा की गई।
इस पूरे विवाद के बाद बंद कमरे में सभी पार्षदों के साथ बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने अलग-अलग बैठक कर दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद मीडिया के सामने आकर कहा कि किसी तरीके की कोई नाराजगी नहीं हमारे शहर का विकास किस तरीके से हो उसको लेकर चर्चा हुई। वहीं विधायक ने अपने बयानों में इस बात को स्वीकार भी कर लिया कि कुछ नाराजगी थी, जिस को दूर कर दिया गया है अब बाड़मेर का विकास कैसे हो इसको लेकर चर्चा हुई है।
हालांकि पार्टी के विधायकों के बीच में आए उबाल को विधायक शांत करते हुए दिखाई दिए, लेकिन जिस तरह के बयान और बंद कमरों में विधायक ने अपने ऑफिस पर ताला लगाकर बैठक की है ऐसे में इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता की कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति में उफान आया हुआ है। आने वाले समय में यह विरोध के स्वर नगर परिषद पार्षदों की ओर से पार्टी के लिए नई परेशानी खड़ी करने वाली दिखाई दे रही है।
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हालांकि अपने ऊपर लगे आरोपों को सभापति ने सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उपसभापति कुछ मुद्दों को लेकर नाराज जरूर हैं, लेकिन उसे सुलझा दिया गया है। विधायक के साथ में बैठकर सभी मुद्दों पर विचार विमर्श कर दिया गया है और उपसभापति जी गुस्से ली प्रवृत्ति के हैं, इसलिए वह रिएक्शन जल्दी देते हैं। लेकिन हमारे पार्षदों के बीच में किसी तरह का कोई मनमुटाव नहीं है। बाड़मेर शहर का विकास किस तरीके से हो उस पर विस्तार से चर्चा की गई।
इस पूरे विवाद के बाद बंद कमरे में सभी पार्षदों के साथ बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने अलग-अलग बैठक कर दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद मीडिया के सामने आकर कहा कि किसी तरीके की कोई नाराजगी नहीं हमारे शहर का विकास किस तरीके से हो उसको लेकर चर्चा हुई। वहीं विधायक ने अपने बयानों में इस बात को स्वीकार भी कर लिया कि कुछ नाराजगी थी, जिस को दूर कर दिया गया है अब बाड़मेर का विकास कैसे हो इसको लेकर चर्चा हुई है।
हालांकि पार्टी के विधायकों के बीच में आए उबाल को विधायक शांत करते हुए दिखाई दिए, लेकिन जिस तरह के बयान और बंद कमरों में विधायक ने अपने ऑफिस पर ताला लगाकर बैठक की है ऐसे में इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता की कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति में उफान आया हुआ है। आने वाले समय में यह विरोध के स्वर नगर परिषद पार्षदों की ओर से पार्टी के लिए नई परेशानी खड़ी करने वाली दिखाई दे रही है।