Anil Ambani news: कर्ज में डूबे अनिल अंबानी को झटका, बिकने जा रही कंपनी के सीईओ ने दिया इस्तीफा h3>
नई दिल्ली: अनिल अंबानी (Anil Ambani) की कर्ज में डूबी कंपनी रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) के सीईओ धनंजय तिवारी ने इस्तीफा दे दिया है। कंपनी ने उनके इस्तीफे के कारणों का खुलासा नहीं किया है लेकिन बुधवार को नियामक फाइलिंग में कहा कि तिवारी 15 मार्च 2022 से सेवामुक्त हो गए। भारी कर्ज में डूबी यह कंपनी बिकने जा रही है और इसे खरीदने की होड़ में अडानी फिनसर्व (Adani Finserve) समेत कई कंपनियां शामिल हैं।
अभी यह कंपनी एनसीएलटी की मुंबई ब्रांच में कॉरपोरेट रिजॉल्यूशन प्रोसेस (CIRP) में है। रिजर्व बैंक ने 20 नवंबर, 2021 में रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को भंग कर दिया था। कंपनी ने पेमेंट में डिफॉल्ट किया था और उसके कामकाज पर भी सवाल उठाए गए थे। केंद्रीय बैंक ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र के पूर्व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर नागेश्वर राव वाई को कंपनी का प्रशासक नियुक्त किया था।
कितना है कर्ज
इस कंपनी को खरीदने में अडानी फिनसर्व, केकेआर (KKR), पीरामल फाइनेंस (Piramal Finance) और पूनावाला फाइनेंस (Poonawalla Finance) समेत 14 प्रमुख कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है। रिलायंस कैपिटल के लिए बोलियां दाखिल करने की तारीख 11 मार्च थी जिसे बढ़ाकर अब 25 मार्च कर दिया गया है। रिलायंस कम्युनिकेशंस और रिलायंस नैवल एंड इंजीनियरिंग सहित ADAG की कई कंपनियां कर्ज का भुगतान करने में नाकाम रही जिसके बाद बैंकों ने उन्हें बैंकरप्सी कोर्ट में घसीट लिया। रिलायंस कम्युनिकेशन ने दिसंबर में कहा था कि उस पर भारतीय बैंकों और वित्तीय संस्थानों का 26,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। अभी यह कंपनी इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग से गुजर रही है। भारतीय बैंकों, वेंडरों और अन्य क्रेडिटर्स ने कंपनी पर 86,000 करोड़ रुपये के बकाये का दावा किया है।
अनिल की बड़ी कंपनियों में रिलायंस कैपिटल पर दिसंबर 2020 तक 20,380 करोड़ रुपये और रिलायंस होम फाइनेंस पर 13 हजार करोड़ रुपये का कर्ज था। अनिल अंबानी पर फरवरी 2020 तक 30.5 करोड़ डॉलर का कर्ज था जबकि उनकी असेट्स केवल 8.2 करोड़ डॉलर थी। इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन में रिलायंस कैपिटल की रिलायंस जनरल इंश्योरेंस, रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस, रिलायंस सिक्योरिटीज, रिलायंस एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी, रिलायंस होम फाइनेंस और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस सब्सिडियरीज शामिल हैं। भारत और एशिया के सबसे बड़े रईस मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी कभी देश के तीसरे सबसे बड़े रईस थे लेकिन आज उनकी नेटवर्थ जीरो है।
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कितना है कर्ज
इस कंपनी को खरीदने में अडानी फिनसर्व, केकेआर (KKR), पीरामल फाइनेंस (Piramal Finance) और पूनावाला फाइनेंस (Poonawalla Finance) समेत 14 प्रमुख कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है। रिलायंस कैपिटल के लिए बोलियां दाखिल करने की तारीख 11 मार्च थी जिसे बढ़ाकर अब 25 मार्च कर दिया गया है। रिलायंस कम्युनिकेशंस और रिलायंस नैवल एंड इंजीनियरिंग सहित ADAG की कई कंपनियां कर्ज का भुगतान करने में नाकाम रही जिसके बाद बैंकों ने उन्हें बैंकरप्सी कोर्ट में घसीट लिया। रिलायंस कम्युनिकेशन ने दिसंबर में कहा था कि उस पर भारतीय बैंकों और वित्तीय संस्थानों का 26,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। अभी यह कंपनी इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग से गुजर रही है। भारतीय बैंकों, वेंडरों और अन्य क्रेडिटर्स ने कंपनी पर 86,000 करोड़ रुपये के बकाये का दावा किया है।
अनिल की बड़ी कंपनियों में रिलायंस कैपिटल पर दिसंबर 2020 तक 20,380 करोड़ रुपये और रिलायंस होम फाइनेंस पर 13 हजार करोड़ रुपये का कर्ज था। अनिल अंबानी पर फरवरी 2020 तक 30.5 करोड़ डॉलर का कर्ज था जबकि उनकी असेट्स केवल 8.2 करोड़ डॉलर थी। इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन में रिलायंस कैपिटल की रिलायंस जनरल इंश्योरेंस, रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस, रिलायंस सिक्योरिटीज, रिलायंस एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी, रिलायंस होम फाइनेंस और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस सब्सिडियरीज शामिल हैं। भारत और एशिया के सबसे बड़े रईस मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी कभी देश के तीसरे सबसे बड़े रईस थे लेकिन आज उनकी नेटवर्थ जीरो है।
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