Alzheimer: कोविड के बाद लोगों को होने लगी है बातें भूलने की बीमारी, देखें बढ़ते अल्जाइमर केसों पर एक्सपर्ट की राय

48
Alzheimer: कोविड के बाद लोगों को होने लगी है बातें भूलने की बीमारी, देखें बढ़ते अल्जाइमर केसों पर एक्सपर्ट की राय

Alzheimer: कोविड के बाद लोगों को होने लगी है बातें भूलने की बीमारी, देखें बढ़ते अल्जाइमर केसों पर एक्सपर्ट की राय

विशेष संवाददाता, नई दिल्लीः बिस्तर पर जाने के बाद भी नींद नहीं आना, नींद पूरी नहीं होना, बार-बार नींद खुलना, याददाश्त में कमी आना, बार-बार बातें भूल जाने जैसी परेशानी हो रही है तो ऐसे लोगों को अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। एम्स के न्यूरोलॉजी विभाग की एक्सपर्ट डॉक्टर मंजरी त्रिपाठी का कहना है कि कोविड के बाद यह समस्या बढ़ी है, लेकिन ज्यादातर लोगों को यह बात समझ में नहीं आती और उन्हें लगता नहीं है कि उन्हें इस तरह की कोई बीमारी है।

डॉक्टर मंजरी ने कहा कि एक दशक पहले अल्जाइमर होने की औसत उम्र 80 साल थी, लेकिन अब यह इससे पहले भी हो रहा है। उन्होंने अल्जाइमर्स एंड रिलेटेड डिसऑर्डर सोसायटी ऑफ इंडिया, दिल्ली चैप्टर की एक स्टडी का हवाला देते हुए कहा कि कोरोना के बाद अल्जाइमर की समस्या तेजी से बढ़ी है। कोविड से पहले 50 से 70 साल के लोग भी काफी एक्टिव होते थे, चलते-फिरते थे, वॉक पर जाते थे, लेकिन पिछले दो साल से सब कुछ बंद हो गया है। उसकी वजह से यह परेशानी आई है।

Delhi Pollution: हो जाएं सावधान… आ रहा है डबल खतरा, अभी कोविड माइल्ड, प्रदूषण बढ़ने पर ज्यादा होगा फेफड़ों पर असर
डॉ. मंजरी ने कहा कि पोस्ट कोविड लोगों में ब्रेनफॉग, काम करना या याद रखना इन सबमें दिक्कत आ रही है। इसको ‘डिमेंशिया ब्रेनफॉग’ कह सकते हैं। इसके साथ ही दूसरी बात यह है कि पोस्ट कोविड मरीजों में थकान और काम न कर पाने की समस्या भी बहुत बढ़ रही है। उनकी याददाश्त में परेशानी भी है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन लक्षणों में व्यक्ति अपने छोटे-मोटे कामकाज को भूलने लगता है। यह मामूली काम भी उसके इस भूलने का शिकार हो जाते हैं। उनकी बोलचाल की भाषा भी प्रभावित होने लगती है। समय व स्थान बताने में असमर्थ होते हैं। सोचने-समझने की शक्ति भी खत्म होने लगती है। चीजें रखकर भूल जाना आदि बताती हैं कि लोगों से संपर्क घटने लगता है और रोगी एकांत में रहने लगता है। पहले जैसे काम करने की उसकी क्षमता भी खत्म हो जाती है।

navbharat times -मंकी मैन, चोटी कटवा, अचानक रोना-चीखना… क्‍यों बेकाबू हो जाते हैं लोग? मास हिस्‍टीरिया का A टू Z
वहीं, सोसायटी के राष्ट्रीय कार्यकारी निदेशक आर. नरेंद्र का कहना है कि साल 2010 में देश में अल्जाइमर के 37 लाख मरीज थे, लेकिन अब यह बढ़कर लगभग 60 लाख के करीब पहुंच गए हैं। चिंता की बात यह है कि अधिकतर ग्रामीण इलाके के लोग इससे प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि साल 2050 तक देश में अल्जाइमर मरीजों की संख्या बढ़कर 1 करोड़ 40 लाख होने के आसार हैं। ऐसे में सरकार को इस दिशा में नीति बनाने की जरूरत है।

दिल्ली की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News