राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतने पर आलोचनाओं का शिकार हुए अभिनेता अक्षय कुमार का कहना है कि बॉलीवुड में 25 साल तक काम करने के बाद भी लोगों को लगता है कि मैं इस पुरस्कार के काबिल नहीं, तो वे इसे वापस ले सकते हैं।
अक्षय को उनकी फिल्म ‘रुस्तम’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया, जो नौसेना कमांडर के.एम. नानावती से जुड़ी घटना पर आधारित है. हालांकि, इस फैसले की कई लोगों ने यह कहकर आलोचना की है कि यह सही नहीं हैं।
अक्षय को अवार्ड मिलने पर कंफ्यूज ट्विंकल –
अक्षय ने कहा, ‘‘मैं पिछले 25 वषरें से यह सुनता आया हूं कि जब भी कोई जीतता है तो उसके बारे में चर्चा शुरू हो जाती है. यह कोई नई बात नहीं है. कुछ लोग हमेशा विवाद पैदा करते हैं. ‘उसे नहीं जीतना चाहिए, दूसरे व्यक्ति को जीतना चाहिए था।’’’
अफवाहों पर अक्षय ने कहा-
उन्होंने कहा, ‘‘ठीक है. मैंने 26 साल बाद यह जीता है. अगर वो भी आपका मन करे तो ले लो.’’ एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट और अक्षय ने साल 2017-18 के लिए स्वास्थ्य और दुर्घटना बीमा योजना के तहत 370 स्टंटमैन को बीमा देने के लिए साझेदारी की है।
जूरी सदस्यों पर भेदभाव का आरोप-
अक्षय से यह पूछने पर कि भविष्य में उनके परोपकारी कार्य के लिए पद्म भूषण के लिए क्या उनके नाम पर विचार किया जाएगा, इस पर अभिनेता ने कहा, ‘‘ऐसा पुरस्कार जीतने के लिए आपको बहुत बड़ा काम करना होता है. उसके बाद लोगों को यह लग सकता है कि आप इस पुरस्कार के योग्य हैं. हम अपने स्टंटमैन के लिए ऐसी चीजें कर रहे हैं जो भी हम कर सकते हैं.’’
बैंकॉक के वेटर से लेकर बॉलीवुड का खिलाड़ी बनने तक का सफ़र-
‘‘एयरलिफ्ट’’ स्टार ने कहा कि यह अच्छा है कि बॉलीवुड में कुछ पुरस्कार समारोह में स्टंटमैन के प्रयासों को पहचाना जा रहा है लेकिन उम्मीद करते हैं कि और अधिक लोग उनकी कड़ी मेहनत को पहचाने।
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों का ऐलान, अक्षय चुने गए बेस्ट एक्टर, ‘नीरजा’ रही बेस्ट हिंदी फिल्म-
बता दें कि ‘खिलाड़ी’ और ‘मोहरा’ जैसी फिल्मों के लिए लोकप्रिय अक्षय वर्तमान में देशभक्ति पर आधारित फिल्में कर रहे हैं. उन्होंने इस क्रम में ‘रुस्तम’ के अलावा ‘हॉलिडे : ए सोल्जर इज नेवर ऑफ ड्यूटी’, ‘बेबी’ और ‘एयरलिफ्ट’ जैसी फिल्में की हैं।