पढ़ें, अखिलेश की भगवान कृष्ण की मूर्ति का अमेरिका, जापान और दुबई कनेक्शन

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akhilesh's lord krishna statue's america, japan and dubai connection

सपा मुखिया अखिलेश यादव भी पीएम मोदी के नक्शेकदम पर चल रहे हैं। मोदी ने गुजरात में पटेल की सबसे बड़ी मूर्ति बनवाई थी तो अखिलेश सैफई में भगवान कृष्ण की मूर्ति बनवा रहे हैं। दावा है कि यह दुनिया में मुरलीधर की सबसे बड़ी मूर्ति है। इसका वजन और लागत जानकर आप दांतों तले उंगली दबा लेंगे। कारीगरों को भी अमेरिका से बुलाया गया है।

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यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इटावा के सैफई स्थित अपने स्कूल में 51 फीट ऊंची और 60 टन वजन की भगवान कृष्ण की मूर्ति बनवा रहे हैं। छह करोड़ 32 लाख रुपये में यह मूर्ति तैयार हो गई है। मूर्ति का निर्माण छह महीने से हो रहा है और इसके बनने की किसी को कानोकान खबर नहीं पहुंची।

रथ पाणी मुद्रा में हैं भगवान कृष्ण

भगवान कृष्ण की मूर्ति को ‘रथ-पाणी’ मुद्रा में दिखाया गया है। इसमें दिखाया गया है कि भीष्म पितामाह पर क्रोधित होकर कृष्ण शस्त्र न उठाने की अपनी प्रतिज्ञा भी तोड़ देते हैं। मूर्ति के आसपास कुरुक्षेत्र का रूप दिया जाएगा। इससे पूरा महाभारत काल दिखाई देगा।

जापान से मंगवाया गया है स्टील

मूर्ति को बनवाने के लिए स्टील जापान से मंगवाया गया है। इसमें 35 टन तांबा और 25 टन स्टील लगा है। कृष्ण के हाथ स्थित चक्र का वजन करीब सात टन है। इसे पूरा होने में करीब चार महीने लगेंगे। इंजीनियरों का कहना है कि मूर्ति की स्थापना 15 जनवरी को हो जाएगी, लेकिन इसका उद्घाटन स्कूल खुलने के बाद ही किया जाएगा।

अमेरिका के कलाकारों ने दिखाया हुनर

मूर्ति को बनाने के लिए अमेरिका के कलाकारों को बुलाया गया है। इसमें प्राची प्रताप, प्रशांत प्रताप और एडवर्ट ब्रथेट शामिल हैं। इन्हीं तीनों मूर्तिकारों ने जनेश्वर मिश्र पार्क में मौजूद जनेश्वर की मूर्ति को बनाया था। 2012 से ये सभी समाजवादी पार्टी से जुड़े हुए हैं।

मूर्ति को रंगने के लिए दुबई के मो. हसीब को बुलाया गया
मूर्ति को रंगने के लिए दुबई से मो. हसीब को बुलाया गया है। इस पर जहाजों पर किया जाने वाला पेंट किया जाएगा। यह पेंट मौसम-पानी से डल नहीं पड़ता है। चमक बरकरार रहती है। भगवान कृष्ण की मूर्ति के स्ट्रक्चर को नोएडा के सूरजपुर के बिल्डर इमामुद्दीन और रियाज ने वेल्ड किया है। हसीब ने जाने-माने बिजनेस शिप्स पेंट किए हैं, इसमें सउदी अरब का ब्लू शिप ‘कार्गो‘ भी शामिल है।