Akhilesh Yadav : UP में कोई सीटें मांगेगा तो Uttarakhand और Madhya Pradesh में सीट लूंगा, पर डील किससे करने जा रहे अखिलेश?

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Akhilesh Yadav : UP में कोई सीटें मांगेगा तो Uttarakhand और Madhya Pradesh में सीट लूंगा, पर डील किससे करने जा रहे अखिलेश?

Akhilesh Yadav : UP में कोई सीटें मांगेगा तो Uttarakhand और Madhya Pradesh में सीट लूंगा, पर डील किससे करने जा रहे अखिलेश?


समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष की निगाहें मध्य प्रदेश में इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों पर टिकी हैं। उन्होंने कहा है कि कोई उनसे यूपी में सीट मांगेगा तो वे बदले में एमपी और उत्तराखंड में सीट लेंगे। इसके बाद से चर्चा चल पड़ी है कि एमपी में अखिलेश किसके सहारे चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं।

 

हाइलाइट्स

  • एमपी विधानसभा चुनावों पर है सपा प्रमुख अखिलेश यादव की नजर
  • ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में रहा है समाजवादी पार्टी का प्रभाव
  • बीजेपी से निष्कासित प्रीतम सिंह लोधी पर डोरे डाल रही सपा
भोपालः समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बड़ा बयान दिया है। अखिलेश ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में कोई पार्टी उसे गठबंधन कर सीटें मांगेगी तो वे बदले में मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में सीटें लेंगे। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव अभी दूर है, लेकिन एमपी में इस साल के अंत में चुनाव होने हैं। इस बयान के बाद से यह कयास लग रहे हैं कि अखिलेश एमपी में किसके साथ गठबंधन करने की कोशिश कर सकते हैं। 2022 के नवंबर महीने में अखिलेश ग्वालियर आए थे तो उन्होंने जोर देकर कहा था कि उनका पार्टी एमपी में अपना विस्तार करेगी और विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार खड़े करेगी।

ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में रहा है प्रभाव

उत्तर प्रदेश से लगे ग्वालियर-चंबल और बुंदेलखंड क्षेत्रों में समाजवादी पार्टी का अच्छा खासा प्रभाव रहा है। पहले के चुनावों में पार्टी को अधिकांश जीतें भी इन्हीं इलाकों में हासिल हुई हैं। समाजवादी पार्टी का इन इलाकों में मजबूत संगठन है। यादव सम्मेलन जैसे आयोजनों में भागीदारी कर पार्टी अपनी उपस्थिति दर्ज भी कराती रही है।

2003 में मिली थीं सात सीटें

उत्तर प्रदेश के बाहर समाजवादी पार्टी को मजबूत राजनीतिक ताकत नहीं माना जाता, लेकिन पिछले साल सितंबर में अखिलेश यादव ने सपा को राष्ट्रीय पार्टी बनाने का संकल्प लिया था। इस लिहाज से एमपी में इस साल होने वाला विधानसभा चुनाव उनके लिए काफी महत्वपूर्ण हो सकता है। एमपी में सपा को सबसे बड़ी कामयाबी 2003 के विधानसभा चुनाव में मिली थी जब उसके सात उम्मीदवार जीते थे। 2008 में पार्टी का एक विधायक जीता था। 2018 में भी एक सीट पर सपा प्रत्याशी ने जीत हासिल की थी।

प्रीतम सिंह लोधी पर नजर

पिछले कई महीनों से सपा की नजर बीजेपी से निष्कासित प्रीतम सिंह लोधी पर है। पिछले साल नवंबर महीने में लोधी ने किसानों के मुद्दे पर शिवपुरी में अनशन किया था। इसे तुड़वाने लखनऊ से सपा के तीन नेता आए थे। इनमें अखिलेश के भाई धर्मेंद्र यादव भी शामिल थे। इससे पहले मुलायम सिंह यादव की मौत के बाद प्रीतम लोधी लखनऊ जाकर अखिलेश से मिले थे। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में लोध जाति के अच्छे खासे वोटर्स हैं और प्रीतम सिंह लोधी का उनमें काफी प्रभाव है।

उमा की नाराजगी भी हो सकती है मददगार

प्रीतम सिंह लोधी बीजेपी से नाराज चल रहीं पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के समर्थक हैं। कुछ सप्ताह पहले उमा शिवपुरी गई थीं और प्रीतम सिंह को अपना आशीर्वाद दिया था। उन्होंने प्रीतम से कहा था कि बीजेपी से बाहर रहकर वे ज्यादा असरदार हो सकते हैं। सपा यदि प्रीतम सिंह लोधी को अपने साथ जोड़ती है तो उसे उमा की नाराजगी का भी फायदा मिल सकता है।

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