Akhilesh Vs Jayant: चौड़ी हो रही हैं Akhilesh और Jayant के बीच दरारें? Congress के साथ पींगे क्यों बढ़ा रही है RLD

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Akhilesh Vs Jayant: चौड़ी हो रही हैं Akhilesh और Jayant के बीच दरारें? Congress के साथ पींगे क्यों बढ़ा रही है RLD

Akhilesh Vs Jayant: चौड़ी हो रही हैं Akhilesh और Jayant के बीच दरारें? Congress के साथ पींगे क्यों बढ़ा रही है RLD

लखनऊः उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी के साथी एक-एक करके उनका साथ छोड़कर जाते रहे लेकिन जयंत चौधरी के नेतृत्व वाली आरएलडी लगातार अखिलेश के साथ मजबूती से बनी रही। लेकिन अब ऐसा लगता है कि आरएलडी भी सपा से अलग रास्ता अख्तियार करने की तैयारी में है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जयंत चौधरी की पार्टी में इसे लेकर सुगबुगाहट भी होने लगी है। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि समाजवादी पार्टी अपने गठबंधन के छोटे दलों का सम्मान नहीं कर रही है। सपा मुखिया अखिलेश पर आरएलडी को धमकाने के भी आरोप लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा महत्वपूर्ण फैसलों में गठबंधन दल की राय न लेने को लेकर भी अखिलेश से आरएलडी नाराज है। बताया जा रहा है कि चौधरी चरण सिंह के पदचिह्नों पर चलने वाली यह पार्टी नए सियासी विकल्पों की तलाश में कांग्रेस का भी दरवाजा खटखटा रही है।

बिछड़े सभी बारी-बारी

समाजवादी पार्टी और आरएलडी ने लगातार दावा किया है कि उन दोनों का गठबंधन काफी मजबूत है। साल 2019 से दोनों पार्टियां साथ चुनाव लड़ रही हैं। इस बीच मायावती की बहुजन समाज पार्टी से भी सपा का गठबंधन हुआ लेकिन चुनाव में पराजय के बाद हाथी ने अलग रास्ता अपना लिया। बीते यूपी विधानसभा चुनाव में अखिलेश ने राज्य के छोटे दलों को एक छत के नीचे लाने की कोशिश की और ओम प्रकाश राजभर की सुभासपा और महान दल के साथ गठबंधन किया। दोनों ही दल सपा का साथ छोड़कर जा चुके हैं।

आरएलडी के साथ भी सब ठीक नहीं

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सपा की आरएलडी के साथ भी तनातनी चल रही है और जयंत चौधरी की पार्टी सपा से अलग किसी अन्य विकल्प पर विचार कर रही है। दोनों पार्टियों के बीच दरारें पहली बार निकाय चुनाव के दौरान दिखाई दीं। दोनों ही पार्टियां यह दावा कर रही थीं कि गठबंधन काफी मजबूत स्थिति में है लेकिन फिर भी निकाय की कई सीटों पर दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार उतारे। आरएलडी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि पार्टी अब सपा से इतर नया विकल्प देख रही है क्योंकि इस बड़ी पार्टी को अपने से छोटी पार्टियों की भावनाओं का कोई ख्याल नहीं है। उन्होंने अपने कनिष्ठ सहयोगी का सम्मान नहीं किया। पार्टी के वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के संपर्क में हैं। हम अपने विकल्प तलाश रहे हैं और अगर सब ठीक रहा तो आने वाले लोकसभा चुनाव में आरएलडी, कांग्रेस और आजाद समाज पार्टी को एक साथ मिलकर चुनाव लड़ते हुए देखा जा सकता है।

कब-कब दिखी दरारें

हालिया उतर प्रदेश निकाय चुनाव में टिकट वितरण के दौरान दोनों पार्टियों में दरार के पहले संकेत दिखाई दिए थे। विवाद का केंद्र थी मेरठ की मेयर सीट, जिस पर रालोद की नजर थी। इस सीट पर अपने उम्मीदवार खड़ा करते समय अखिलेश यादव ने रालोद से सलाह नहीं ली और सीमा प्रधान को पार्टी का उम्मीदवार बना दिया। सीमा सपा विधायक अतुल प्रधान की पत्नी हैं। बताया जाता है कि आरएलडी यहां से अपने उम्मीदवार खड़ा करना चाहती थी।

इसके अलावा एक और घटना जिसने दिखाया कि जयंत और अखिलेश के बीच सब कुछ ठीक नहीं है, वह निकाय चुनाव के दौरान सपा का 2 मई का चुनावी कार्यक्रम था, जिसमें आरएलडी नेता जयंत चौधरी सपा मुखिया अखिलेश के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। हालांकि, उस समय आरएलडी ने सफाई दी थी कि अखिलेश के साथ आरएलडी के अन्य नेता तो मौजूद थे। जयंत भी 2 मई को अखिलेश की प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल नहीं हुए थे। इसके अलावा जयंत कर्नाटक में कांग्रेस नेता सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण समारोह में भी पहुंचे थे, जबकि अखिलेश ने इससे दूरी बनाई थी।

कांग्रेस से पींगे बढ़ा रही आरएलडी

सवाल है कि सपा से अलग होकर आरएलडी किसके साथ जा सकती है? इसका जवाब पार्टी के ही तमाम नेता देते हैं। आरएलडी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि ‘जयंत चौधरी की कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से बात चल रही है। कई मौकों पर मीटिंग में सचिन पायलट भी शामिल रहे हैं।’ वहीं आरएलडी और कांग्रेस के बीच राजस्थान में सीट बंटवारा भी हुआ है। भरतपुर से पार्टी का एक विधायक भी है। इसके अलावा कांग्रेस की सरकार में मुख्यमंत्री बने सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण समारोह में जयंत चौधरी का पहुंचना भी बहुत कुछ कहता है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने व्यस्तता का बहाना देकर समारोह से दूरी बना ली थी।

दरारों से सपा का साफ इनकार

आरएलडी और सपा के बीच दरारों को सपा ने सिरे से खारिज किया है। सपा के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि दोनों दलों का गठबंधन पक्का है। उन्होंने यह भी कहा कि हमें खुशी है कि जयंत चौधरी कर्नाटक गए। यह एक अच्छी चाल थी। अखिलेश जी भी जाते लेकिन पूर्व प्रतिबद्धताओं के कारण वह नहीं जा सके।

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