Ajmer News: जिला परिषद के सीईओ पर महिला ने लगाया अपमानित करने का आरोप, कोतवाली थाने में दर्ज कराया मुकदमा
Rajasthan News: अजमेर जिला परिषद के सीईओ हेमंत स्वरूप माथुर पर एक महिला को जाति सूचक शब्दों से अपमानित करने का आरोप लगा है। भगवानगंज की रहने वाली चांदनी हाड़ा ने इस मामले में कोतवाली थाने में सीईओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। सीईओ खुद पर लगे सभी आरोपों को नकारा है।
अजमेर: राजस्थान के अजमेर में जिला परिषद सीईओ हेमंत स्वरूप माथुर पर एक महिला संविदा कार्मिक को अपमानित करने का मामला दर्ज हुआ है। आरोप है कि माथुर ने जातिसूचक शब्दों से महिला को अपमानित किया। इस संबंध में कोतवाली थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। मामले की जांच डीएसपी छवी शर्मा कर रही है। वहीं सीईओ ने सभी आरोप नकारे हैं। उन्होंने कहा कि मामले की जांच होगी तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। सीईओ पर आरोप लगाने वाली भगवानगंज की रहने वाली चांदनी हाड़ा ने कोतवाली थाने में रिपोर्ट दी थी। जिसमें बताया कि वह वर्ष 2009 से जिला परिषद में जिला प्रशिक्षण समन्वयक के रूप में संविदा पर कार्यरत है। गत दिनों ही सीईओ के रूप में आरएएस अधिकारी हेमंत स्वरूप माथुर ने पदभार ग्रहण किया। हाड़ा ने रिपोर्ट में लिखा कि पांच माह से वेतनमान नहीं मिलने के कारण उसने प्रार्थना पत्र दिया। जिस पर सीईओ ने उसे कहा कि ‘तुम छोटी जाति वालों को कौन नौकरी पर रख लेता है। तुझे उखाड़ फेंकूंगा, अकेली विधवा हो। कोई अधिकारी मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकेगा।’
महिला ने अपरी रिपोर्ट में लिखा है कि सीईओ ने कहा कि तुम कोर्ट की चक्कर लगाती रहना। हाड़ा ने यह भी आरोप लगाया कि दूसरी बार जब पेश हुई तो सीईओ हेमंत माथुर ने बदतमीजी से अपने पीए को बुलाकर कहा कि हर किसी को मुंह उठाकर अंदर मत आने दिया करो। साथ ही उसे बेइज्जत किया। हेमंत माथुर की ओर से पहले दिन से जातीय भेदभाव किया जा रहा है और विधवा होने का गलत फायदा उठाकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। मेरी औरत लज्जा को भी भंग किया जा रहा है। हाड़ा की रिपोर्ट पर कोतवाली थाना पुलिस ने एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच डीएसपी छवी शर्मा को सौंपी गई है।
इस तरह की घटना होना संभव नहीं- सीईओ
जिला परिषद के सीईओ हेमंत स्वरूप माथुर ने सभी आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से चांदनी हाड़ा को नहीं जानते हैं। ना ही उसके प्रति उनकी कोई दुर्भावना रही है। चांदनी हाड़ा ने जिला प्रमुख की जनसुनवाई में वेतन नहीं मिलने की पीड़ा बताई थी। जिसके बाद उन्होंने संबंधित कार्मिकों से रिकॉर्ड मंगवाकर वेतन दिलवाने के लिए प्रयास भी किया। उनके कक्ष में लगभग हमेशा लोग मौजूद ही रहते हैं। ऐसे में इस तरह की घटना होना संभव नहीं या होती तो अन्य लोगों को भी जानकारी होती। कथित रूप से जिस पीए के सामने प्रताड़ित करने की बात कही जा रही है उसके बयान भी पुलिस दर्ज करें।
अटेंडेंस रजिस्टर में हस्ताक्षर नहीं करने देने से नाराज होकर की झूठी शिकायत
सीईओ माथुर ने कहा कि हाल ही में उन्होंने राज्य सरकार के आदेशानुसार कार्मिकों के ड्यूटी पर आने और जाने का रजिस्टर रखने के निर्देश दिए थे। यह रजिस्टर बनाया जा रहा है। संभवतया इस प्रणाली के तहत ही हाड़ा को हस्ताक्षर करने से रोका गया, इसके चलते ही हाड़ा को उसे हटा देने की गलतफहमी हुई और उसने रिपोर्ट दे दी। माथुर ने कहा कि हाड़ा का अनुबंध जिला कलेक्टर ने मार्च 2023 तक कर रखा है। ऐसे में उनको हटाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। (रिपोर्ट-नवीन वैष्णव)
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इस तरह की घटना होना संभव नहीं- सीईओ
जिला परिषद के सीईओ हेमंत स्वरूप माथुर ने सभी आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से चांदनी हाड़ा को नहीं जानते हैं। ना ही उसके प्रति उनकी कोई दुर्भावना रही है। चांदनी हाड़ा ने जिला प्रमुख की जनसुनवाई में वेतन नहीं मिलने की पीड़ा बताई थी। जिसके बाद उन्होंने संबंधित कार्मिकों से रिकॉर्ड मंगवाकर वेतन दिलवाने के लिए प्रयास भी किया। उनके कक्ष में लगभग हमेशा लोग मौजूद ही रहते हैं। ऐसे में इस तरह की घटना होना संभव नहीं या होती तो अन्य लोगों को भी जानकारी होती। कथित रूप से जिस पीए के सामने प्रताड़ित करने की बात कही जा रही है उसके बयान भी पुलिस दर्ज करें।
अटेंडेंस रजिस्टर में हस्ताक्षर नहीं करने देने से नाराज होकर की झूठी शिकायत
सीईओ माथुर ने कहा कि हाल ही में उन्होंने राज्य सरकार के आदेशानुसार कार्मिकों के ड्यूटी पर आने और जाने का रजिस्टर रखने के निर्देश दिए थे। यह रजिस्टर बनाया जा रहा है। संभवतया इस प्रणाली के तहत ही हाड़ा को हस्ताक्षर करने से रोका गया, इसके चलते ही हाड़ा को उसे हटा देने की गलतफहमी हुई और उसने रिपोर्ट दे दी। माथुर ने कहा कि हाड़ा का अनुबंध जिला कलेक्टर ने मार्च 2023 तक कर रखा है। ऐसे में उनको हटाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। (रिपोर्ट-नवीन वैष्णव)
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