जून में भी सरकारी विमान सेवा कम्पनी एयर इंडिया के खिलाफ सबसे ज्यादा शिकायतें दर्ज की गई, देश के चार प्रमुख महानगरों के हवाई अड्डों पर ठीक समय पर उड़ान न भरने के मामले सामने आये है, और समय पर पहुंचने का प्रदर्शन बेहद ख़राब रहा ।
नागर विमानन महानिदेशालय के आंकड़ों के अनुसार, घरेलू मार्गो पर एयर इंडिया के खिलाफ प्रति एक लाख यात्री 16 शिकायतें आई है। इस मामले में प्रति एक लाख यात्री 13 शिकायतों के साथ दूसरे नंबर पर जेट एयरवेज और जेट लाइट रही। प्रति एक लाख यात्री जो एयर के खिलाफ आठ शिकायतें, ट्रूजेट के खिलाफ सात, स्पाइसजेट के खिलाफ पांच और एयर एशिया के खिलाफ तीन शिकायतें आई है। शिकायतों के निपटारे के मामले में भी एयर इंडिया सबसे फिसड्डी रही ।
विनिवेश पर जीओएम की पहली बैठक
एयर इंडिया के विनिवेश के तौर तरीके तय करने के लिए गठित अधिकार प्राप्त मंत्रिसमूह की शुक्रवार को पहली बैठक हुई । वित् मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुई बैठक में नागरिक विमान मंत्री अशोक गजपति राजू, रेल मंत्री सुरेश प्रभु तथा ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने भाग लिया । जीओएम के एक अन्य सदस्य सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ओडिशा के दौरे पर होने के कारण बैठक में भाग नहीं ले सके। बैठक में चर्चा के लिए एयर इंडिया के सीएमडी अश्वनी लोहानी को भी बुलाया गया था ।
बैठक के बाद राजू ने जानकारी देते हुए कहा कि ‘हम जनता से कुछ छिपा नहीं सकते मगर हम तभी कुछ बता पायंगे जब बताने लायक स्थिति आएगी। विमान सचिव आर.एन. चौबे ने भी मुद्दे को बाजार के लिहाज से सवेंदनशील बताते हुए कुछ बताने से इंकार कर दिया । हालाँकि सूत्रों की माने तो बैठक में ठोस निर्णय नहीं लिया गया है ।
आपको बता दे, जीओएम को एयर इंडिया के 52000 करोड़ रूपये के कर्ज, उसकी परिसंपत्तियों के बारे में भी निर्णय लेना है। उसे यह भी देखना है कि विनिवेश पूर्ण रूप से हो। एयर इंडिया पर कर्ज के अलावा 50 हजार करोड़ रूपये के घाटे का भी बोझ है । जिसे कम करने के लिए पिछली सरकार ने 2012 में 30 हजार करोड़ रूपये के दस वर्षीय मरम्मत का एलान किया था । पैकेज की आधे से ज्यादा राशि एयर इंडिया को मिल चुकी थी।