AIIMS Report: एम्स में OPD में मरीज़ों की संख्या 25 लाख तक पहुंची, डेथ रेट में 1% का सुधार

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AIIMS Report: एम्स में OPD में मरीज़ों की संख्या 25 लाख तक पहुंची, डेथ रेट में 1% का सुधार

AIIMS Report: एम्स में OPD में मरीज़ों की संख्या 25 लाख तक पहुंची, डेथ रेट में 1% का सुधार

नई दिल्ली: कोविड ने एम्स में इलाज प्रक्रिया को काफी प्रभावित कर दिया था। हालात यह थे कि 2019-20 में जहां ओपीडी में 44 लाख मरीजों का इलाज हुआ था, तो 2020-21 में यह कम होकर 15 लाख पर आ गया था। लेकिन अब धीरे-धीरे इसमें सुधार हो रहा है और 2021-22 में ओपीडी मरीजों के इलाज में बढ़ोतरी हुई और अब मरीजों की संख्या बढ़कर 25 लाख तक पहुंच गई है। यही नहीं, एम्स ने अपने मुख्य अस्पताल में डेथ रेट एक प्रतिशत कम करने में सफलता प्राप्त की है। इस दौरान एम्स में एडमिशन रेट में भी सुधार हुआ और सर्जरी की संख्या भी बढ़ी है।

एम्स ने अपनी 2021-22 की सालाना रिपोर्ट जारी कर दी है। इस रिपोर्ट के अनुसार, कोविड की मार का असर धीरे-धीरे कम होता दिख रहा है। हर स्तर पर सुधार देखा जा रहा है। ओपीडी से लेकर मरीजों का एडमिशन और सर्जरी बढ़ी है तो अस्पताल में मरीजों का स्टे कम हुआ है। संक्रमण दर में कमी और मौत की दर में कमी आना बड़ी बात है। यूं तो हर साल एम्स की ओपीडी में नए मरीजों का नया रिकॉर्ड बनता था, लेकिन पहली बार कोरोना काल में इसमें भारी कमी हुई थी। साल 2019-20 में एम्स में ओपीडी में 44,14,490 मरीजों को इलाज मिला था, जो 2020-21 में यह कम होकर सिर्फ 15,42,854 रह गया था। लेकिन 2021-22 में इसमें सुधार हुआ, जो अच्छा संकेत है। 2021-22 में ओपीडी मरीजों की संख्या बढ़कर 25,33,814 तक पहुंच गई, पिछले साल की तुलना में लगभग दोगुना का इजाफा हुआ है।

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2019-20 में एम्स में 2,01,144 सर्जरी की गई थी, लेकिन 2020-21 में यह कम होकर सिर्फ 72,737 पर आ गई थी। बड़ी संख्या में मरीजों की सर्जरी नहीं हुई थी। जबकि एम्स में सर्जरी की वेटिंग कई-कई सालों की होती है। हालांकि इस दौरान 2,68,144 मरीजों को एडमिट किया गया था। 2020-21 में 1,40,962 एडमिशन हुए और मरीजों की सर्जरी 72,737 रही। अब 2021-22 में यह बढ़कर 1,44,471 तक जा पहुंची है, यानी सर्जरी में भी दोगुने का इजाफा हुआ।

8.3% संक्रमण दर

रिपोर्ट के अनुसार, एम्स के मेन हॉस्पिटल में डेथ रेट 2020-21 में 3 प्रतिशत तक पहुंच गया था, जबकि 2019-20 में यहां पर डेथ रेट सिर्फ 1.7 प्रतिशत था। इसके पहले भी एम्स में 2018-19 में डेथ रेट 1.7 प्रतिशत ही था। 2021-22 में यह कम होकर 2 प्रतिशत पर आ गया। एक साल के अंदर 1 प्रतिशत की बड़ी कमी दर्ज हुई है। यही नहीं, कार्डिएक थोरासिक और न्यूरोसाइंस सेंटर में डेथ रेट 6.9 प्रतिशत तक पहुंच गया था, जो इस बार 4.1 प्रतिशत पर आ गया है। वहीं ट्रॉमा सेंटर में डेथ रेट 9 प्रतिशत से कम होकर 5 प्रतिशत पर आ गया है। एम्स के मेन हॉस्पिटल में 2019-2020 में संक्रमण दर 5.6 प्रतिशत थी, जो 2020-21 में बढ़कर 8.9 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। 3.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। लेकिन इस साल 2021-22 में यह कम होकर 8.3 प्रतिशत पर आ गई है।

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