Agra News Live Today: आगरा के फुटवियर को GI टैग, जलेसर के घुंघरू- घंटे को भी मिली पहचान
आगरा: उत्तर प्रदेश में जिलों के उत्पादों को अपनी पहचान दिलाने की कवायद तेजी से चन रही है। इस क्रम में ब्रज क्षेत्र को बड़ी सफलता मिली है। ब्रज क्षेत्र के दो उत्पादों को जीआई टैग से नवाजा गया है। इसका अर्थ क्या हुआ कि अब ये इलाके इन उत्पादों के नाम से भी जाने जाएंगे। आगरा का फुटवियर उद्योग पहले से ही राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है। अब इसे वैश्विक स्तर पर विशिष्ट पहचान हासिल हो गई है। वहीं, एटा के जलेसर का घुंघरू- घंटी उद्योग को भी विश्व में पहचान मिली है। इन दोनों उत्पादों के जियो टैगिंग को मंजूरी दे दी गई है। इस प्रकार ब्रज के कुल 7 उद्योगों को अब तक जियो टैग मिल चुका है।
यूपी का आगरा फुटवियर उद्योग के लिए जाना जाता है। यहां छोटे बड़े मिलाकर 10 हजार से अधिक फुटवियर कारखाने हैं। आगरा का जूता कारोबार करीब 7500 करोड़ सालाना के टर्नओवर तक पहुंच गया है। इस रोजगार से करीब 3 लाख लोग सीधे जुड़े हुए हैं। वहीं, एटा के जलेसर में सैकड़ों छोटे-बड़े कारखाने हैं। यहां पर घुंघरू-घंटे और पीतल के अन्य उत्पादों का निर्माण होता है। जलेसर में मुख्य रूप से घुंघरू, घंटा, मजीरा, पूजा आरती पैजनी, सिग्मोर आदि का निर्माण होता है।
दुनिया भर में आगरा के जूतों की डिमांड
आगरा के जूते की दुनिया भर में डिमांड है। आगरा में 160 एक्सपोर्ट्स यूनिट्स हैं, जो 3500 करोड़ का सालाना औसत निर्यात करती हैं। वहीं, एटा के जलेसर में घुंगरू- घंटी से जुड़ी करीब 350 यूनिट से सालाना लगभग 500 करोड़ रुपए का कारोबार होता है। देश में 65 फीसदी और विदेशों में 27 फीसदी जूते की आपूर्ति आगरा से होती है। आगरा के जूता उद्योग का जीआई टैगिंग से इसके अच्छे दिन आने की उम्मीद बढ़ गई है। मुगल काल में जूतों को बनाने का काम यहां शुरू हुआ था।
जूता कारोबारी कहते हैं कि जीआई टैग मिलने के बाद अब आगरा को फुटवियर कैपिटल ऑफ वर्ल्ड करार देकर दुनिया में जोरदार प्रचार किया जाएगा। हम दुनिया को बताएंगे कि चीन में नहीं, बल्कि आगरा में दुनिया के सबसे बेस्ट ब्रांड के जूते बनाए जा रहे हैं। हमारी कारीगरी अनोखी है, जो 500 वर्षों से विरासत में मिली हुई है।
यूपी के 54 प्रोडक्ट्स को जीआई टैगिंग
उत्तर प्रदेश के कुल 54 उत्पाद हैं, जिन्हें अब तक जीआई टैग मिल चुका है। वहीं, पूरे देश के करीब 700 से अधिक उत्पाद जीआई टैग के तहत रजिस्टर्ड हैं। अपने खास गुणों के कारण राज्य में विशिष्ट पहचान बनाने वाले विभिन्न क्षेत्रों के मशहूर उत्पादों की जीआई टैगिंग की जाती है। आगरा के फुटवियर उद्योग को जीआई टैग मिलने के बाद आगरा के जूतों की साख दुनिया में बढ़ेगी। देश- विदेश में आगरा के जूतों डिमांड भी बढ़ेगी। जीआई टैग मिलने से कई सारे फायदे हैं। इसमें उत्पाद के लिए कानूनी सुरक्षा मिलना सबसे महत्वपूर्ण है। जीआई टैग से उत्पाद की विश्वसनीयता बढ़ जाती है। मैन्यूफैक्चरर किसी भी अन्य देशों में उत्पाद का निर्यात कर सकते हैं, जिससे घरेलू बाजारों में से लेकर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उस उत्पाद की मांग बढ़ जाती है।
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यूपी का आगरा फुटवियर उद्योग के लिए जाना जाता है। यहां छोटे बड़े मिलाकर 10 हजार से अधिक फुटवियर कारखाने हैं। आगरा का जूता कारोबार करीब 7500 करोड़ सालाना के टर्नओवर तक पहुंच गया है। इस रोजगार से करीब 3 लाख लोग सीधे जुड़े हुए हैं। वहीं, एटा के जलेसर में सैकड़ों छोटे-बड़े कारखाने हैं। यहां पर घुंघरू-घंटे और पीतल के अन्य उत्पादों का निर्माण होता है। जलेसर में मुख्य रूप से घुंघरू, घंटा, मजीरा, पूजा आरती पैजनी, सिग्मोर आदि का निर्माण होता है।
दुनिया भर में आगरा के जूतों की डिमांड
आगरा के जूते की दुनिया भर में डिमांड है। आगरा में 160 एक्सपोर्ट्स यूनिट्स हैं, जो 3500 करोड़ का सालाना औसत निर्यात करती हैं। वहीं, एटा के जलेसर में घुंगरू- घंटी से जुड़ी करीब 350 यूनिट से सालाना लगभग 500 करोड़ रुपए का कारोबार होता है। देश में 65 फीसदी और विदेशों में 27 फीसदी जूते की आपूर्ति आगरा से होती है। आगरा के जूता उद्योग का जीआई टैगिंग से इसके अच्छे दिन आने की उम्मीद बढ़ गई है। मुगल काल में जूतों को बनाने का काम यहां शुरू हुआ था।
जूता कारोबारी कहते हैं कि जीआई टैग मिलने के बाद अब आगरा को फुटवियर कैपिटल ऑफ वर्ल्ड करार देकर दुनिया में जोरदार प्रचार किया जाएगा। हम दुनिया को बताएंगे कि चीन में नहीं, बल्कि आगरा में दुनिया के सबसे बेस्ट ब्रांड के जूते बनाए जा रहे हैं। हमारी कारीगरी अनोखी है, जो 500 वर्षों से विरासत में मिली हुई है।
यूपी के 54 प्रोडक्ट्स को जीआई टैगिंग
उत्तर प्रदेश के कुल 54 उत्पाद हैं, जिन्हें अब तक जीआई टैग मिल चुका है। वहीं, पूरे देश के करीब 700 से अधिक उत्पाद जीआई टैग के तहत रजिस्टर्ड हैं। अपने खास गुणों के कारण राज्य में विशिष्ट पहचान बनाने वाले विभिन्न क्षेत्रों के मशहूर उत्पादों की जीआई टैगिंग की जाती है। आगरा के फुटवियर उद्योग को जीआई टैग मिलने के बाद आगरा के जूतों की साख दुनिया में बढ़ेगी। देश- विदेश में आगरा के जूतों डिमांड भी बढ़ेगी। जीआई टैग मिलने से कई सारे फायदे हैं। इसमें उत्पाद के लिए कानूनी सुरक्षा मिलना सबसे महत्वपूर्ण है। जीआई टैग से उत्पाद की विश्वसनीयता बढ़ जाती है। मैन्यूफैक्चरर किसी भी अन्य देशों में उत्पाद का निर्यात कर सकते हैं, जिससे घरेलू बाजारों में से लेकर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उस उत्पाद की मांग बढ़ जाती है।