Agra News: आगरा में वीर सावरकर के नाम पर क्यों मचा है घमासान, जानिए पूरा मामला

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Agra News: आगरा में वीर सावरकर के नाम पर क्यों मचा है घमासान, जानिए पूरा मामला

Agra News: आगरा में वीर सावरकर के नाम पर क्यों मचा है घमासान, जानिए पूरा मामला

आगरा: नगर निगम के आखिरी सदन में सत्ता पक्ष के प्रस्ताव पर जमकर बवाल हुआ। बीजेपी ने चौराहे का नाम बदलने और वीर सावरकर की प्रतिमा लगाए जाने का प्रस्ताव दिया था, जिसके विरोध में विपक्ष एक साथ खड़ा हो गया, लेकिन बहुमत के सामने विरोध किसी काम नहीं आया। एक बार फिर एक चौराहे का नाम बदला गया और वीर सावरकर की प्रतिमा लगाने की मंजूरी भी मिल गई। वहीं, बीएसपी और समाजवादी पार्टी के पार्षदों का कहना है कि महापौर मनमानी कर रहे हैं। जिस प्रस्ताव को उन्हें पास कराना होता है, उसे पास करवा लेते हैं, जबकि उनके प्रस्तावों पर सवाल उठाते हैं। विपक्षी पार्षदों का कहना है कि सावरकर ने देश के लिए कोई बलिदान नहीं दिया, अगर मूर्तियां लगवानी है तो सरदार भगत सिंह की लगवाई जाए।

आगरा के धूलियागंज चौराहे का नाम बदलने और सावरकर की प्रतिमा लगाने के लिए बीजेपी के पार्षद अमित ग्वाला ने सदन में प्रस्ताव दिया था। प्रस्ताव के आने पर समाजवादी पार्टी के नेता राहुल चौधरी ने विरोध शुरू कर दिया। उनका साथ देते हुए बीएसपी के पार्षद भी खड़े हो गए। दोनों ओर से विरोध के स्वर गूंजने लगे, लेकिन तभी बीजेपी की ओर से वीर सावरकर अमर रहे की नारेबाजी शुरू हो गई। ये नारेबाजी काफी देर तक सदन में गूंजती रही। इस पर महापौर नवीन जैन ने वोटिंग कराने का निर्णय लिया और सदन में प्रस्ताव को हरी झंडी मिल गई।

बीएसपी पार्षद दल के नेता मनोज सोनी ने आरोप लगाया है कि महापौर दलित विरोधी मानसिकता के हैं। उन्होंने बौद्ध स्तूप और बाबा साहब के नाम पर मेट्रो स्टेशन का नाम बदलने वाले प्रस्ताव का विरोध किया था, जबकि सावरकर की प्रतिमा के प्रस्ताव को अपनी मनमानी से पास करवा लिया।

सावरकर की प्रतिमा पर बवाल

समाजवादी पार्टी के नेता राहुल चौधरी का कहना है कि बीजेपी सरदार भगत सिंह से सावरकर की तुलना करती है, जबकि सावरकर ने अंग्रेजों के आगे अपने घुटने टेक दिए थे। उन्होंने कहा कि प्रतिमा लगवानी है तो सरदार भगत सिंह की लगवाई जाए। इधर, बीएसपी पार्षद दल के नेता मनोज सोनी का कहना है कि जगदीश पुरा में बौद्ध स्तूप बनाने के प्रस्ताव को सदन में पास नहीं होने दिया और कमेटी गठित करवा दी। विपक्ष ने सावरकर की प्रतिमा का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि ये गांधी जी की हत्या में शामिल रहे हैं।

नाम बदलवाते रहे, विकास नहीं किया

विपक्षी नेताओं का कहना है कि महापौर नवीन जैन ने अपने कार्यकाल में शहर के दर्जनों चौराहों के नाम बदलवा दिए हैं। तमाम प्रतिमाएं लगवा दी हैं, लेकिन विकास के नाम पर सिर्फ जुमले दिए हैं। कांशीराम आवास योजना में बनाए गए भवनों के प्लास्टर निकल गया है। यमुनापार में सीवर लाइन तक नहीं है। दलित बस्तियों में घनी आबादी में कोई काम नहीं करवाया है। सीवरलाइन नहीं होने के चलते आज भी लोगों को गंदे शौचालयों में जाना पड़ता है। नरायच, मोती महल, नगला पेच, नगला फतूरी, टेढ़ी बगिया, प्रकाश नगर, गौतम नगर समेत तमाम क्षेत्रों में गलियां टूटी और कच्ची पड़ी हैं।
इनपुट-सुनील साकेत

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