Agra: 19वीं बार हादसे के मुहाने पर है यमुना पर बना अंबेडकर ब्रिज, 2508 लाख की लागत से हुआ था निर्माण

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Agra: 19वीं बार हादसे के मुहाने पर है यमुना पर बना अंबेडकर ब्रिज, 2508 लाख की लागत से हुआ था निर्माण

Agra: 19वीं बार हादसे के मुहाने पर है यमुना पर बना अंबेडकर ब्रिज, 2508 लाख की लागत से हुआ था निर्माण

Agra News In Hindi: वर्ष 2008 में बीएसपी शासनकाल में बने आंबेडकर पुल पर कार्यदायी संस्था सेतु निगम ने चिंता जाहिर की है। नगर निगम द्वारा बनाई गई बेरिकेडिंग पुल के लिए मुसीबत बन सकती है। इसके साथ ही पुल पर भारी वाहनों के लोड से एप्रोच भी बिगड़ गई है।

 

Agra: 19वीं बार हादसे के मुहाने पर है यमुना पर बना अंबेडकर ब्रिज, 2508 लाख की लागत से हुआ था निर्माण
सुनील साकेत, आगराः बीएसपी शासनकाल में बना आंबेडकर पुल पर खतरा बढ़ रहा है। इसकी आशंका जाहिर करते हुए कार्यदायी संस्था ने चेतावनी जारी की है। सेतु निगम ने पुल पर नगर निगम द्वारा बनाई गई 4 मीटर ऊंची जालीदार बेरिकेडिंग से पुल पर खतरा जताया है। इस संबंध में पीडब्ल्यूडी और सेतू निगम ने मंडलायुक्त को पत्र लिखकर कोई भी र्दुघटना होने की आशंका जताई है। ताजमहल से एत्माद्दौला, चीनी का रोजा, मेहताब बाग को जाने वाले पर्यटकों के लिहाज से आंबेडकर पुल का निर्माण कराया गया था।बीएसपी के शासनकाल में 9 अक्टूबर 2008 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने पुल का शिलान्यास किया। साल 2010 में पुल को आम लोगों के लिए खोल दिया गया। इस पुल को बनाने में करीब 2508 लाख की अनुमानित राशि खर्च हुई थी। पुल पर प्रतिदिन के हिसाब से करीब 15 हजार से अधिक वाहन प्रतिदिन आवागमन करते हैं। आंबेडकर पुल कई बार क्षतिग्रस्त हो चुका है। आप पार्टी के नेता कपिल वाजपेई का कहना है कि सरकारी विभागों ने पत्र लिखकर एक अपनी खानापूर्ति कर ली है। अगर कोई जनहानि होती है तो जनता को झेलनी पड़ेगी। जिम्मेदार विभागों ने अपने-अपने पल्ले झाड़ लिए हैं।


बिना एनओसी के बना दी बेरिकेडिंग

कार्यदायी संस्था सेतु निगम ने पुल के निर्माण पुल पर एक मीटर की ऊंचाई वाली एक जाली लगाई थी, लेकिन इसके बाद नगर निगम ने पीडब्ल्यूडी और सेतु निगम से बिना एनओसी लिए ही पुल पर 4 मीटर की ऊंचाई वाली लोहे की जालीदार बेरीकेडिंग लगा दी है। जो कि 5 जून का टूटकर गिर गई। इससे घटना के बाद कार्यदायी संस्था ने अलर्ट जारी करते हुए किसी भी र्दुघटना की आशंका जताई है।

18 बार हो चुका है क्षतिग्रस्त

हाथीघाट और स्मारक एत्माद्वौला को जोडऩे के लिए स्ट्रेची ब्रिज के बराबर में आंबेडकर पुल का निर्माण कराया गया था। 650 मीटर लंबे आंबेडकर पुल में 22 एस्पेंशन ज्वाइंट हैं। ब्रिज के निर्माण के बाद से ही भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। ब्रिज पर लगा आरसीसी लिंटर उखड़ गया। दो एक्पेंशन ज्वाइंट क्षतिग्रस्त हो गए। अब तक आंबेडकर पुल 18 बार क्षतिग्रस्त हो चुका है। पिछली बार जी 20 सम्मेलन के दौरान इस पर मरम्मत कार्य कराया गया था।

सीमेंट ढुलाई ने बिगाड़ दी एप्रोच

जाम की समस्या और हल्के वाहनों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए आंबेडकर ब्रिज वैकल्पिक मार्ग के तौर पर कामयाब रहा है। लेकिन यमुना ब्रिज स्थित रेलवे गोदाम से इस पुल पर होकर हर दिन एक से डेढ़ हजार टन से अधिक सीमेंट की ढुलाई हो रही है। पुल पर ट्रैक्टर व अन्य भारी वाहनों के दवाब से एप्रोच बिगड़ गई है।

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