Adani Group: कॉपर कारोबार के लिए अदानी समूह ने वेदांता के इस पूर्व दिग्गज को किया नियुक्त

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Adani Group: कॉपर कारोबार के लिए अदानी समूह ने वेदांता के इस पूर्व दिग्गज को किया नियुक्त

नई दिल्ली
Adani Enterprises News: पिछले कुछ दिनों से कमोडिटी के भाव में जोरदार तेजी है और इसका फायदा उठाने के लिए अदानी ग्रुप (Adani Group) सामने आया है।अदानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) ने वेदांता (Vedanta) के पूर्व एग्जीक्यूटिव सतीश कुमार के को कॉपर कारोबार में एंट्री के लिए नियुक्त किया है।

गौतम अदानी (Gautam Adani) के नेतृत्व वाले अदानी ग्रुप में अदानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) एक इनक्यूबेशन प्लेटफार्म है। इस साल मार्च में अदानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) ने घोषणा की थी कि उसने कच्छ कॉपर लिमिटेड की स्थापना की है जो कॉपर कैथोड और रॉड के साथ तांबे के अन्य प्रोडक्ट भी बनाएगी।

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वेदांता में वीपी थे कुमार
इससे पहले कुमार वेदांता जिंक के इंटरनेशनल बिजनेस के वाइस प्रेसिडेंट थे और उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के जेम्सबर्ग प्रोजेक्ट का नेतृत्व किया था। अदानी ग्रुप (Adani Enterprises) ने इस बारे में ईटी के इस सवाल का जवाब नहीं दिया है। अगर प्रोफेशनल नेटवर्क साइट की बात करें तो कुमार ने भारत से बाहर 17 साल तक काम करने के बाद यह घोषणा की है कि वे अब अदानी ग्रुप (Adani Enterprises) के कॉपर बिजनेस के चीफ एग्जीक्यूटिव का नया असाइनमेंट संभालने के लिए अहमदाबाद लौट रहे हैं।

आत्मनिर्भर भारत में मदद
अपने पोस्ट में कुमार ने लिखा, “कच्छ कॉपर लिमिटेड के रूप में कॉपर बिजनेस को लीड करना एक बेहतरीन मौके की तरह है। इससे भारत के आत्मनिर्भर भारत अभियान में काफी मदद मिल सकती है।”

कमोडिटी कारोबार में अदानी की एंट्री
पिछले कुछ सालों से अदानी ग्रुप नए कारोबार में हाथ आजमा रहा है। अब तक अदानी समूह कमोडिटी के साइक्लिकल कारोबार से दूर था। कॉपर बिजनेस में अदानी ग्रुप की एंट्री इस रणनीति से बिल्कुल अलग है। वास्तव में दुनिया भर में रिफाइंड कॉपर की मांग बढ़ रही है और भारत में भी इसकी डिमांड और सप्लाई में काफी बड़ा गैप है जिसे अदानी ग्रुप भरना चाहता है।

कॉपर के निर्यातक से आयातक बना भारत
कुछ साल पहले तक भारत रिफाइंड कॉपर का शुद्ध निर्यातक बना हुआ था। वेदांता के तूतीकोरिन प्लांट के बंद होने के बाद से भारत में रिफाइंड कॉपर का आयात 3 गुना होकर 1,52,000 टन पर पहुंच चुका है। इसके साथ ही भारत के कॉपर एक्सपोर्ट में काफी कमी दर्ज की गई है। विश्लेषकों का मानना है कि कमोडिटी इस समय सुपर साइकिल मोड में है और कोरोना संक्रमण के दौर में कई कमोडिटी की मांग में तेज वृद्धि दर्ज की गई है।

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