Adani Enterprises FPO: शेयरों में भारी गिरावट के बीच अडानी ग्रुप ने जुटाए 6,000 करोड़ लेकिन म्यूचुअल फंड्स ने बनाई दूरी

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Adani Enterprises FPO: शेयरों में भारी गिरावट के बीच अडानी ग्रुप ने जुटाए 6,000 करोड़ लेकिन म्यूचुअल फंड्स ने बनाई दूरी

Adani Enterprises FPO: शेयरों में भारी गिरावट के बीच अडानी ग्रुप ने जुटाए 6,000 करोड़ लेकिन म्यूचुअल फंड्स ने बनाई दूरी


नई दिल्ली: अमेरिका की शॉर्ट-सेलिंग फर्म Hindenburg Research की एक निगेटिव के कारण शेयरों में भारी के बीच अडानी ग्रुप (Adani Group) के लिए एक अच्छी खबर आई। कंपनी की फ्लैगशिप कंपनी अडानी इंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) ने एफपीओ से पहले एंकर निवेशकों से 5,985 करोड़ रुपये जुटाए हैं। कंपनी ने बताया कि उसने 30 से अधिक संस्थागत निवेशकों को 3,276 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 1,82,68,925 शेयर आवंटित किए हैं। कंपनी ने इस एफपीओ के लिए प्राइस बैंड 3,112 रुपये से 3,276 रुपये रखा है। कंपनी के एंकर बुक को सभी क्लास के इनवेस्टर्स के अच्छा रिस्पांस मिला। लेकिन घरेलू इनवेस्टर्स में केवल लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों ने ही इसमें हिस्सा लिया। म्यूचुअल फंड्स ने इस इश्यू से दूरी बनाकर रखी। कंपनी का 20,000 करोड़ रुपये का एफपीओ शुक्रवार को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा और मंगलवार को बंद होगा।

इश्यू में हिस्सा लेने वाली कंपनियों में Abu Dhabi Investment Authority (ADIA), Maybank Asia, Goldman Sachs, Nomura Financial, Societe Generale, Jupiter, BNP Paribas, Al Mehwar, Citigroup और Morgan Stanley शामिल रहीं। सरकारी इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी (LIC) को कुल एंकर पोर्शन का पांच फीसदी हिस्सा यानी 9,15,748 शेयर जारी किए गए। एलआईसी की पहले ही अडानी एंटरप्राइजेज में 4.2 फीसदी हिस्सेदारी है। इसी तरह जापान के इनवेस्टमेंट बैंक नोमूरा सिंगापुर को एंकर पोर्शन का 1.07 फीसदी हिस्सा आवंटित किया गया है। एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस और एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस ने प्री-एफपीओ प्लेसमेंट में हिस्सा लिया।

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अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट

इससे पहले एक रिपोर्ट के कारण अडानी ग्रुप के शेयरों में 10 फीसदी तक गिरावट आई। अमेरिका की निवेश जांच कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि गौतम अडानी की अगुवाई वाला यह ग्रुप दशकों से खुल्लम-खुल्ला शेयरों में गड़बड़ी और अकाउंट धोखाधड़ी में शामिल रहा है। इस रिपोर्ट में अडानी परिवार के नियंत्रण वाली ‘मुखौटा इकाइयों’ के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। ये कंपनियां कैरेबियाई और मॉरीशस से लेकर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) तक में है। इसमें दावा किया गया है कि इनका उपयोग भ्रष्टाचार, मनी लांड्रिंग और कर चोरी को अंजाम देने के लिए किया गया। साथ ही ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों के धन की हेराफेरी के लिए भी इसका उपयोग किया गया।

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अडानी ग्रुप ने इस रिपोर्ट को झूठ का पुलिंदा बताते हुए कहा कि रिपोर्ट को लेकर तथ्यों की पुष्टि के लिए उससे कोई संपर्क नहीं किया गया। रिपोर्ट कुछ और नहीं बल्कि चुनिंदा गलत और निराधार सूचनाओं को लेकर तैयार की गई है और जिसका मकसद पूरी तरीके से दुर्भावनापूर्ण है। जिन बातों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है, उसे भारत की अदालतें भी खारिज कर चुकी हैं। ग्रुप ने रिपोर्ट के समय को लेकर भी सवाल उठाया है। उसने कहा कि एफपीओ से ठीक पहले जारी रिपोर्ट से साफ पता चलता है कि दुर्भावनापूर्ण इरादे से इसे लाया गया है जिसका मकसद अडानी ग्रुप के साख को बट्टा लगाना है।

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