आम आदमी पार्टी की राज्यसभा उम्मीदवार बची: चुनाव आयोग ने ख़ारिज की कांग्रेस की शिकायत

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आम आदमी पार्टी द्वारा राज्यसभा के लिए नामित एन. डी. गुप्ता की राज्यसभा पहुंचने की अड़चनों पर आज पूर्ण विराम लग गया. कांग्रेस पार्टी द्वारा चुनाव आयोग में एन. डी. गुप्ता की उम्मीदवारी रद्द करने के सम्बन्ध में शिकायत दर्ज की गई थी कि वह राज्यसभा की अपनी उम्मीदवारी दाखिल करने के बावजूद ‘लाभ के पद’ पर बने हुए हैं, जोकि कानूनन सही नहीं है. आयोग ने एन. डी गुप्ता का पक्ष सुनने के बाद अपना फैसला सुनाते हुए कांग्रेस की शिकायत को खारिज कर दिया है.

अब एन डी गुप्ता का राज्यसभा जाना लगभग तय माना जा रहा है. चुनाव आयोग के फैसले के बाद स्वयं एन. डी. गुप्ता ने कहा कि, “अजय माकन को मेरे खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए और क्योंकि मैं किसी प्रकार के लाभ के पद पर नहीं था इसलिए यह साफ है कांग्रेस ने सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए यह पूरा खेल रचा था”.

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कांग्रेस की एन. डी. गुप्ता के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत के पश्चात आयोग के रिटर्निंग ऑफिसर ने इस सम्बन्ध में एन. डी. गुप्ता से जवाब मांगा था और पूछा था की क्या वह किसी लाभ के पद पर बने हुए हैं?
चुनाव आयोग द्वारा एन. डी. गुप्ता से मुख्यतः दो प्रश्न पूछे गए थे. पहला यह की क्या एन. डी. गुप्ता ‘नेशनल पेंशन सिस्टम ट्रस्ट’ के ट्रस्टी है और क्या यह लाभ का पद है? दूसरा यह की क्या एन. डी. गुप्ता ‘नेशनल पेंशन सिस्टम ट्रस्ट’ की ऑडिट कमेटी के चेयरमैन हैं?

एन. डी. गुप्ता की ओर से आए जवाब में उन्होंने कहा कि ‘नेशनल पेंशन सिस्टम ट्रस्ट’ का पद ‘लाभ का पद’ नहीं है और उन्होंने इस पद से 29 दिसंबर 2017 को ही इस्तीफा दे दिया था. गुप्ता ने आगे कहा कि चूँकि उन्होंने ट्रस्टी के पद से इस्तीफा दे दिया था इसलिए वह अब ऑडिट कमेटी के चेयरमैन भी नहीं रहे, इस नाते वह मौजूदा स्थिति में किसी भी लाभ के पद पर नहीं है. उन्होंने दरख्वास्त की थी कि आयोग द्वारा उनके खिलाफ की गई शिकायत को खारिज कर दिया जाए. आज चुनाव आयोग ने अपने फैसले में यह बात कही की एन. डी. गुप्ता किसी भी प्रकार के लाभ के पद पर नहीं है एवं उनकी राज्यसभा की दावेदारी को किसी भी हाल में रद्द नहीं किया जा सकता है.