Aamir Khan Film Marketing: जब आमिर ने कहा कि टीवी पर दिखाएंगे अपनी अनरिलीज्ड फिल्म, लेकिन बात निकली झूठ
Chale Chalo is Now Madness In The Desert: आमिर खान तेज और शातिर दिमाग हैं. उन्हें दर्शकों के दिमाग से खेलना आता है. सोशल मीडिया में भले ही उनकी फिल्म लाल सिंह चड्ढा (Lal Singh Chaddha) का बायकॉट किया जा रहा है, लेकिन उन्हें पता है कि अपनी फिल्म दर्शकों को कैसे दिखानी है. हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ‘अगर मैंने किसी का दिल दुखाया है किसी चीज से, तो मुझे उस बात का दुख है. मैं किसी का दिल नहीं दुखाना चाहता. बाकी जिन लोगों को मेरी फिल्म नहीं देखनी है तो मैं उस बात की इज्जत करूंगा. क्या कर सकता हूं. लेकिन मैं चाहता हूं कि ज्यादा से ज्यादा लोग इस फिल्म को देखें. मैंने बहुत मेहनत से फिल्म बनाई है और सिर्फ मैं ही नही हूं फिल्म में. फिल्म जो बनती है, सैकड़ों लोगों की मेहनत से बनती है. एक फिल्म से कितने लोग जुड़े होते हैं. कितने लोगों की रोजी रोटी जुड़ी होती है. इसलिए मैं चाहता हूं कि आप लोग मेरी फिल्म देखें.’ यानी आमिर अपने इस अंदाज से लोगों को मेनुपिलेट कर रहे हैं. वह यह भी कह रहे हैं लोगों की मर्जी है कि वह फिल्म देखें या न देखें. दूसरी तरफ यह भी कह रहे हैं कि फिल्म सिर्फ उनकी नहीं है. वह दर्शकों से कह रहे हैं कि मेरे लिए फिल्म देखने मत आओ, मेरी टीम के लिए फिल्म देखो.
खेलते रहे हैं दर्शकों के माइंड से
आमिर फिल्म मार्केटिंग के मास्टर माइंड माने जाते है. उन्हें अपनी फिल्मों की मार्केटिंग और पैकेजिंग आती है. बात 2014 की है. आमिर और उनकी मार्केटिंग-पीआर टीम ने मीडिया और सोशल मीडिया में ऐलान करवाया कि उनकी एक फिल्म टीवी चैनल एंड पिक्चर्स पर दिखाई जाएगी, जो कभी रिलीज ही नहीं हुई. इस चैनल, आमिर और उनकी पीआर टीम ने इस बात का जोर-शोर से प्रचार प्रसार किया कि उनकी अनरिलिज्ड फिल्म दर्शकों को दिखाई जाएगी. आमिर की तरफ से कहा गया कि वह अपने प्रशंसकों के साथ बैठकर यह फिल्म देखेंगे और सोशल मीडिया द्वारा दर्शक आमिर से इस फिल्म से जुड़े सवाल भी पूछ सकते हैं. फिल्म कौन सी है, क्या है, कौन डायरेक्टर है, क्या कास्ट है सब गोपनीय रखा गया. इस कार्यक्रम के एंकर करण जौहर (Karan Johar) थे. फिल्म का प्रीमियर रात 8 बजे होना था.
फिल्म के नाम पर डॉक्युमेंट्री
जब एंड पिक्चर्स पर ‘फिल्म’ चालू हुई तो कई दिनों से बेसब्री से इंतजार करने वाले दर्शक ठगे के ठगे रह गए. यह फिल्म नहीं थी बल्कि एक ‘डॉक्युमेंट्री’ थी, जो आमिर की सुपर हिट और पहली होम प्रोडक्शन फिल्म लगान की मेकिंग के फुटेज बताती थी. इस फिल्म का नाम था, चले चलोः द लुनासी ऑफ फिल्म मेकिंग. इस फिल्म को देखकर कई लोग आमिर से बेहद नाराज हो गए. उन्हें लगा कि यह सरासर धोखेबाजी है. बात इतनी ही नहीं थी. यह डॉक्युमेंट्री भी अनरिलीज्ड नहीं थी. खुद फिल्म प्रसारण के दौरान आमिर ने कुबूल किया कि उनकी यह फिल्म अनरिलीज्ड नहीं है, जबकि इस फिल्म को टीवी पर रिलीज करने से पहले उनका कहना था कि यह फिल्म थियेटर्स में रिलीज नहीं हुई है. सचाई यह है कि यह डॉक्युमेंट्री फिल्म लगान के बाद कुछ थियेटर्स में रिलीज की गई थी, लेकिन थियेटर में दर्शकों के न आने की वजह से दो हफ्तों में ही इसे उतार लिया गया. इतना ही नहीं, इस डॉक्युमेंट्री की डीवीडी भी मार्केट में उतारी गई थी और टीवी पर शो के दौरान डीवीडी बाजार में उपलब्ध थी. ऐसे में किसी भी नजरिए से यह फिल्म या डॉक्युमेंट्री अनरिलिज्ड हो ही नहीं सकती थी. यह सिर्फ आमिर का एक प्रमोशन हथकंडा था ताकि दर्शक ज्यादा से ज्यादा संख्या में टीवी के आगे बैठकर उनकी फिल्म देखें.
अब मैडनेस इन द डेजर्ट
वैसे मजेदार बात यह है कि अपनी जिस डॉक्युमेंट्री को आमिर ने सबसे पहले चले चलोः द जर्नी ऑफ फिल्म मेकिंग नाम से सिनेमाघरों में रिलीज किया और डीवीडी पर दिखाया, उसे ही वह एंड टीवी पर टाइटल में एक शब्द बदल कर लाए, चले चलोः द लुनासी ऑफ फिल्म मेकिंग. आप हैरान होंगे कि अब यही डॉक्युमेंट्री ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध है. लेकिन वहां इसका नाम बदल दिया है. नेटफ्लिक्स पर चले चलो नाम की यह डॉक्युमेंट्री आपको मैडनेस इन द डेटर्ज नाम से मिलेगी.
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Chale Chalo is Now Madness In The Desert: आमिर खान तेज और शातिर दिमाग हैं. उन्हें दर्शकों के दिमाग से खेलना आता है. सोशल मीडिया में भले ही उनकी फिल्म लाल सिंह चड्ढा (Lal Singh Chaddha) का बायकॉट किया जा रहा है, लेकिन उन्हें पता है कि अपनी फिल्म दर्शकों को कैसे दिखानी है. हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ‘अगर मैंने किसी का दिल दुखाया है किसी चीज से, तो मुझे उस बात का दुख है. मैं किसी का दिल नहीं दुखाना चाहता. बाकी जिन लोगों को मेरी फिल्म नहीं देखनी है तो मैं उस बात की इज्जत करूंगा. क्या कर सकता हूं. लेकिन मैं चाहता हूं कि ज्यादा से ज्यादा लोग इस फिल्म को देखें. मैंने बहुत मेहनत से फिल्म बनाई है और सिर्फ मैं ही नही हूं फिल्म में. फिल्म जो बनती है, सैकड़ों लोगों की मेहनत से बनती है. एक फिल्म से कितने लोग जुड़े होते हैं. कितने लोगों की रोजी रोटी जुड़ी होती है. इसलिए मैं चाहता हूं कि आप लोग मेरी फिल्म देखें.’ यानी आमिर अपने इस अंदाज से लोगों को मेनुपिलेट कर रहे हैं. वह यह भी कह रहे हैं लोगों की मर्जी है कि वह फिल्म देखें या न देखें. दूसरी तरफ यह भी कह रहे हैं कि फिल्म सिर्फ उनकी नहीं है. वह दर्शकों से कह रहे हैं कि मेरे लिए फिल्म देखने मत आओ, मेरी टीम के लिए फिल्म देखो.
खेलते रहे हैं दर्शकों के माइंड से
आमिर फिल्म मार्केटिंग के मास्टर माइंड माने जाते है. उन्हें अपनी फिल्मों की मार्केटिंग और पैकेजिंग आती है. बात 2014 की है. आमिर और उनकी मार्केटिंग-पीआर टीम ने मीडिया और सोशल मीडिया में ऐलान करवाया कि उनकी एक फिल्म टीवी चैनल एंड पिक्चर्स पर दिखाई जाएगी, जो कभी रिलीज ही नहीं हुई. इस चैनल, आमिर और उनकी पीआर टीम ने इस बात का जोर-शोर से प्रचार प्रसार किया कि उनकी अनरिलिज्ड फिल्म दर्शकों को दिखाई जाएगी. आमिर की तरफ से कहा गया कि वह अपने प्रशंसकों के साथ बैठकर यह फिल्म देखेंगे और सोशल मीडिया द्वारा दर्शक आमिर से इस फिल्म से जुड़े सवाल भी पूछ सकते हैं. फिल्म कौन सी है, क्या है, कौन डायरेक्टर है, क्या कास्ट है सब गोपनीय रखा गया. इस कार्यक्रम के एंकर करण जौहर (Karan Johar) थे. फिल्म का प्रीमियर रात 8 बजे होना था.
फिल्म के नाम पर डॉक्युमेंट्री
जब एंड पिक्चर्स पर ‘फिल्म’ चालू हुई तो कई दिनों से बेसब्री से इंतजार करने वाले दर्शक ठगे के ठगे रह गए. यह फिल्म नहीं थी बल्कि एक ‘डॉक्युमेंट्री’ थी, जो आमिर की सुपर हिट और पहली होम प्रोडक्शन फिल्म लगान की मेकिंग के फुटेज बताती थी. इस फिल्म का नाम था, चले चलोः द लुनासी ऑफ फिल्म मेकिंग. इस फिल्म को देखकर कई लोग आमिर से बेहद नाराज हो गए. उन्हें लगा कि यह सरासर धोखेबाजी है. बात इतनी ही नहीं थी. यह डॉक्युमेंट्री भी अनरिलीज्ड नहीं थी. खुद फिल्म प्रसारण के दौरान आमिर ने कुबूल किया कि उनकी यह फिल्म अनरिलीज्ड नहीं है, जबकि इस फिल्म को टीवी पर रिलीज करने से पहले उनका कहना था कि यह फिल्म थियेटर्स में रिलीज नहीं हुई है. सचाई यह है कि यह डॉक्युमेंट्री फिल्म लगान के बाद कुछ थियेटर्स में रिलीज की गई थी, लेकिन थियेटर में दर्शकों के न आने की वजह से दो हफ्तों में ही इसे उतार लिया गया. इतना ही नहीं, इस डॉक्युमेंट्री की डीवीडी भी मार्केट में उतारी गई थी और टीवी पर शो के दौरान डीवीडी बाजार में उपलब्ध थी. ऐसे में किसी भी नजरिए से यह फिल्म या डॉक्युमेंट्री अनरिलिज्ड हो ही नहीं सकती थी. यह सिर्फ आमिर का एक प्रमोशन हथकंडा था ताकि दर्शक ज्यादा से ज्यादा संख्या में टीवी के आगे बैठकर उनकी फिल्म देखें.
अब मैडनेस इन द डेजर्ट
वैसे मजेदार बात यह है कि अपनी जिस डॉक्युमेंट्री को आमिर ने सबसे पहले चले चलोः द जर्नी ऑफ फिल्म मेकिंग नाम से सिनेमाघरों में रिलीज किया और डीवीडी पर दिखाया, उसे ही वह एंड टीवी पर टाइटल में एक शब्द बदल कर लाए, चले चलोः द लुनासी ऑफ फिल्म मेकिंग. आप हैरान होंगे कि अब यही डॉक्युमेंट्री ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध है. लेकिन वहां इसका नाम बदल दिया है. नेटफ्लिक्स पर चले चलो नाम की यह डॉक्युमेंट्री आपको मैडनेस इन द डेटर्ज नाम से मिलेगी.
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