Aaj Ka Rashifal 8 May: आखिर क्या कहते हैं आपके सितारे जानिए तीन ज्योतिषाचार्यों से पढ़ें पत्रिका में | Know what your stars say from three astrologers | News 4 Social h3>
आपके सवालों के जवाब फैमिली एस्ट्रो स्पेशल पर
यहां पाएं चार तरह की एस्ट्रो विधाओं के टिप्स
1). अंकगणित
2). टैरो कार्ड
3). वैदिक ज्योतिष (सनसाइन-मूनसाइन)
4). वास्तु शास्त्र
यह कॉलम उन पाठकों के लिए है जो ज्योतिष शास्त्र के माध्यम से भविष्य के पूर्वानुमानों में भी रुचि रखते हैं। भविष्य के पूर्वानुमान लगाने की लगभग सभी लोकप्रिय विधाओं को समाहित कर इस क्षेत्र में रुचि रखने वाले पाठकों के लिए यह देश में एक नए तरह की पहल है। जिसमें पाठक ना केवल दिन से जुड़ी सम्भावनाओं की जानकारी लें सकेगें साथ ही भविष्य से जुड़े प्रश्न भेज पूर्वानुमान प्राप्त कर सकेगें।
इस कॉलम में अंकगणित टैरो कार्ड, सनसाइन, वैदिक ज्योतिष एवं मून साइन के अनुसार ग्रह नक्षत्र के समग्र प्रभाव का पूर्वानुमान और संभावना पर लगातार जानकारियों को साझा करेंगे।
ज्योतिषाचार्य: पं. मुकेश भारद्वाज
अंकगणित के अनुसार आज का मूलांक 8 और भाग्यंक दो है। इसके मायने यह है कि आज के दिन में जहां एक ओर बहुत तेज गति से कार्य करने की ऊर्जा विद्यमान है। वहीं संशय, संदेह अगर कार्य या व्यक्तियों के बीच आता है तो पूरी ऊर्जा की दिशा बदल सकता है। बहुत संभल कर कार्य करने की आवश्यकता है भावनात्मक संबंधों में अगर नकारात्मकता आई तो आज के दिन संबंधों पर दीर्घकालीन विपरीत प्रभाव डाल सकती है। मूलांक 1,2,4,6,8 बालों के लिए सामान्य से बेहतर दिन और मूलांक 3,5,7 और 9 वालों को संघर्ष की स्थिति रह सकती है।
टैरो कार्ड में आज का कार्ड स्ट्रैंथ के साथ फाईव ऑफ वेड्स है। इसके मायने हैं कि आज के दिन में वैचारिक दृढ़ता, अपनी महत्वाकांक्षा और सेल्फ रिस्पेक्ट पाने के लिए जोरदार कोशिश और प्रतिस्पर्धा और संघर्ष में अपनी मानसिक दृढ़ता दिखाते हुए पूर्व निर्धारित कार्यक्रम पर आगे बढ़ने का दिन है। लेकिन अगर इसी प्रकार के संशय या मानसिक कमजोरी को बीच में आने दिया तो आज के दिन की महत्वपूर्ण और विशिष्ट सफलता को अपने हाथ निकलने का भय बना रहेगा। सावधानी से मानसिक दृढ़ता का परिचय देते हुए आगे बढ़ने का दिन है।
सनसाइन के अनुसार आज अपने कार्यों में एकाग्रता अनुभव करेंगे। आपके साथी कर्मी सहयोग करते हुए दिखाई देंगे। जिन लोगों से पहले किसी प्रकार की नकारात्मकता आदान-प्रदान हो चुका है उनके साथ आज दूरी बनाना उचित रहेगा। इससे कार्यों की गति प्रभावित नहीं होगी कार्य सुचारू रूप से चलते रहेंगे।
मूनसाइन के अनुसार आज का दिन भावनात्मक तनाव से दूर रहते हुए साथी के साथ ऐसे विषयों पर वार्तालाप से बचना होगा जो विषय पहले से विवादित हैं। छोटे उपहार और छोटी यात्राएं मन को प्रसन्न रख सकती हैं। किसी भी प्रकार के तनाव को आज अपने मन पर हावी होने ना दें।
कैसा रहेगा इस सप्ताह आपका दाम्पत्य राशिफल?
दांपत्य जीवन के लिए आने वाला सप्ताह मिलजुल कर एक दूसरे की योजनाओं कार्यक्रमों या इच्छित संकल्पों पर कार्य करने का हो सकता है। सप्ताह के प्रथम 2 दिन जहां बहुत ही अधिक सहयोग और समर्पण दिखाई देगा वहीं सप्ताह का मध्य एक दूसरे के किए गए सहयोग की अपेक्षा में साथ मिल पाएगा। वहीं सप्ताह के अंतिम 2 दिन तेज गति से चलते घटनाक्रम में न सिर्फ आर्थिक और सामाजिक रुप से एकरूपता दिखाई देगी बल्कि भावनात्मक रूप से भी एक दूसरे के प्रति पूर्ण समर्पण के साथ कार्य करने की प्रवृत्ति नजर आएगी। लेकिन जहां कहीं अविश्वास या तर्क वितर्क स्थिति है वहां संबंधों में इस अच्छे दौर का फायदा उठाने की स्थिति बनना कठिन है।
आपका सवाल
प्रश्न: शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने का क्या महत्व है?
उत्तर: भगवान शिव पर बेलपत्र चढ़ाने का बहुत पुण्य लाभ मिलता है। ऐसा हमारी सनातन संस्कृति में बहुत महत्वपूर्ण तरीके से उल्लेखित है। भगवान शिव पर बेलपत्र सृजन, पालन और विनाश तीनों का प्रतिनिधित्व करता है। इसके साथ ही सत्व, रज और तम तीनों तरह की प्रवृत्तियों को भी बील पत्र के माध्यम से भगवान शिव से जोड़ते हैं। ऐसा माना जाता है की बेलपत्र भगवान शिव के तीन नेत्रों का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। कुछ लोग इसे भगवान शिव के त्रिशूल से भी जोड़ते हैं और भूत भविष्य और वर्तमान तीनों कालों पर नियंत्रण और उनमें राहत प्रदान करने की भगवान शिव की शक्ति से भी बेलपत्र जोड़ा जाता है। ऐसा माना जाता है कि जब भगवान शिव ने समुद्र मंथन के समय विषपान किया था उस समय उनके शरीर में बहुत अधिक उष्णता हो गई थी जिसे उन पर जलाभिषेक करके और बिल्व पत्र का लेप करके अग्नि को शांत किया गया। उसी परिपेक्ष में यह माना जाता है कि भगवान शिव को बेलपत्र बहुत प्रिय है और जो भक्तगण बेलपत्र को भगवान शिव को अर्पित करते हैं वे उनकी मनोकामना पूर्ण करते हैं।
आज का दैनिक राशिफल ज्यो पं चंदन श्याम नारायाण व्यास पंचांगकर्ता के साथ
मेष:-आज का दिन व्यवसाय के लिए रहेगा। पारिवारिक कार्यों में भागदौड़ अधिक होने से थकान हो सकती है। कामकाज में इच्छानुरूप परिणाम मिलेंगे। भवन क्रय करने का मन होगा। नए सम्बन्ध बनेंगे।
वृषभ:- विपरीत परिस्थिति में आत्मविश्वास बनाए रखें। आप जल्द दूसरों पर विश्वास कर लेते हैं। सतर्क रहे व्यर्थ विवादों से दूर रहें। लंबे समय से अधूरे पड़े कार्य पूर्ण होने की संभावना है। नए आभूषणों की प्राप्ति होगी।
मिथुन:- आज दिन की शुरुआत से ही व्यस्तता रहेगी। दिनचर्या प्रभावित होगी। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। कार्य की सफलता के लिए प्रयत्नशील रहेंगे।
कर्क:- दिन अनुकूल है। आवास की समस्या हल हो सकती है। समाज में आपका प्रभाव बढ़ने से शत्रु परास्त होंगे। यात्रा में अपनी वस्तुएं संभालकर रखें। नए सम्बन्ध लाभप्रद रहेंगे।
सिंह:- संतो के दर्शन होंगे। प्रतिष्ठित व्यक्तियों से संबंधों का लाभ मिलेगा। आपकी कीर्ति में वृद्धि होगी। कार्यों को टालने का प्रयास नहीं करें। आर्थिक मामलो में लापरवाही न करें।
कन्या:- समय रहते जरूरी कागजातों को टटोल लें। पारिवारिक समस्या से चिंतित रहेंगे। व्यापार में नए प्रस्ताव मिलेंगे। व्यक्तिगत कार्यों में लापरवाही कर रहे हैं। नौकरी में उन्नति की संभावना है। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
तुला:- आप के कार्यों से परिवार में आपकी प्रशंसा होगी। मित्रों के साथ यात्रा होगी। यश, उत्साह बढ़ेगा। व्यवसायिक कार्य में जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें। प्रेम प्रासंग में सफल होंगे।
वृश्चिक:- व्यापार में बदलाव आने की उम्मीद है। व्यापार के नए स्रोत प्राप्त होने के योग हैं। रुका पैसा मिलेगा। सुख-समृद्धि बढ़ेगी। बुद्धिमानी से समस्या का समाधान संभव है। मेहमानों का आगमन होगा।
धनु:- अनजाने में हुई गलती से नुकसान होगा। व्यापार में आ रही परेशानी से तनाव बड़ सकता है। नई योजनाएं क्रियान्वित होंगी। श्रेष्ठजनों से मेल होगा। व्यवसाय की उलझन खत्म होगी।
मकर:- अपने धन का कुछ अंश परोपकार में लगाए्रं। व्यापार में कार्य का विस्तार होगा। परिवार में शुभ एवं अनुकूल समाचार प्राप्त हो सकते हैं। रिश्तेदारों से संबंध प्रगाढ़ होंगे। व्यवसाय में वोरोधीयों से सावधान रहें।
कुम्भ:- परिजनों पर संदेह न करें। व्यापार आर्थिक लाभ होगा। अपने लोगों को महत्व देवे नहीं किस व्यक्ति से क्या बात करनी हे विशेष ध्यान रखें। व्यापारिक निर्णय समय पर लेने से लाभ होगा।
मीन:- समय पर काम करना सीखें।अपने विचारों पर नियंत्रण रखें। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। परिवार में खर्च बढ़ने से बजट बिगड़ सकता है। व्यापार-व्यवसाय सामान्य रहेगा। धर्म में रुचि बढ़ेगी।यात्रा सम्भव है।
ग्रह-नक्षत्र ज्योतिर्विद: पंडित घनश्यामलाल स्वर्णकार के साथ
शुभ वि. सं: 2080
संवत्सर का नाम: पिङ्गल
शाके सम्वत: 1945
हिजरी सम्वत: 1444
मु. मास: सव्वाल- 17
अयन: उत्तरायण
ऋ तु: ग्रीष्म
मास: ज्येष्ठ
पक्ष: कृष्ण
शुभ मुहूर्त: उपर्युक्त शुभाशुभ तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार आज जड़ूला व शल्य चिकित्सा के ज्येष्ठा नक्षत्र में तथा विवाह का अ.आ.में मूल नक्षत्र में (भौम वेध दोष युक्त) मुहूर्त है। तृतीया जया संज्ञक तिथि सायं 6-19 बजे तक, तदंतर चतुर्थी रिक्ता संज्ञक तिथि है तृतीया तिथि में अन्नप्राशन, गान-विद्या, सीमन्तकर्म, चित्रकारी और द्वितीया तिथि में कथित समस्त मांगलिक कार्य शुभ है। चतुर्थी रिक्ता संज्ञक तिथि में शत्रुमर्दन, बन्धन व साहसिक कार्य सिद्ध होते हैं। शुभकार्यादि वर्जित कहे गए हैं।
श्रेष्ठ चौघडिय़ा: आज सूर्योदय से प्रात: 7-27 बजे तक अमृत, प्रात: 9-05 बजे से पूर्वाह्न 10-44 बजे तक शुभ तथा दोपहर बाद 02-02 बजे से सूर्यास्त तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर 11-57 बजे से दोपहर 12-49 बजे तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।
दिशाशूल: सोमवार को पूर्व दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। चंद्र स्थिति में अनुसार आज पश्चिम व उत्तर दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभ्रपद्र है।
राहुकाल: प्रात: 7-30 बजे से प्रात: 9-00 बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारम्भ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।
चंद्रमा: चंद्रमा सायं 7-10 बजे तक वृश्चिक राशि में तदन्तर धनु राशि में रहेगा।
नक्षत्र: ज्येष्ठा ‘‘तीक्ष्ण व तिङर््यंमुख’’ संज्ञक नक्षत्र सायं 7-10 बजे तक, तदन्तर मूल ‘‘तीक्ष्ण व अधोमुख’’ संज्ञक नक्षत्र है। ज्येष्ठा और मूल दोनों गंडान्त मूल संज्ञक नक्षत्र भी है। ज्येष्ठा नक्षत्र में जड़ूला, अक्षरारम्भ, शत्रुवध, भेद, प्रहार आदि विषयक कार्य और मूल नक्षत्र में विवाह, विद्या, वास्तु शान्ति आदि कार्य प्रशस्त हैं। इन नक्षत्रों में जन्मे जातकों की यथाविधि मूल शान्ति कराना जातकों के हित में होगी।
योग: शिव नामक नैसर्गिक शुभ योग रात्रि 12-09 बजे तक, तदुपरान्त सिद्ध नामक शुभ योग है।
करण: वणिज नामकरण प्रात: 7-17 बजे तक, तदुपरान्त भद्रा सायं 6-19 बजे तक इसके बाद बवादि करण होंगे।
व्रतोत्सव: आज चतुर्थी व्रत (चंद्रोदय जयपुर में रात्रि 10-05 बजे पर) मां आनन्दमयी जयन्ती तथा गंडमूल सम्पूर्ण दिवारात्रि है।
आज जन्म लेने वाले बच्चे
आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (यी, यू, ये, यो) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। सायं 7-10 बजे तक जन्मे जातकों की जन्म राशि वृश्चिक व इसके बाद जन्मे जातकों की जन्म राशि धनु है। वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल व धनु राशि के स्वामी बृहस्पति है। इनका जन्म ताम्रपाद से है, जो शुभ माना गया है। सामान्यत: ये जातक बुद्धिमान, चतुर, सभी कार्यों में होशियार, धर्माचरण करने वाले, बहु-मित्रों वाले, काव्य में रुचि रखने वाले पर कुछ क्रोधी, कलहप्रद व कामासक्त भी होते हैं। इनका भाग्योदय 30-32 वर्ष की आयु तक होता है। वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल अष्टमस्थ है। अत: सुख शान्ति में विघ्न-बाधा रहेगी।