हिजाब पहनकर लगातार तीन बार जीते बॉडी बिल्डिंग के अलग-अलग खिताब

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केरल की 23 वर्षीय बॉडी बिल्डर मजीज़िया भानू ने जब अपना हालिया अवार्ड जीता तो जजों ने उन्हें खड़े होकर सम्मानित किया. इस उपलब्धि के बाद से मजीज़िया सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई हैं. उनकी जीत ख़ास इसलिए है क्यूंकि वो हिजाब पहनकर बॉडीबिल्डिंग करती हैं, जिसने हर किसी को हैरान कर दिया है. हर जगह उनकी तारीफ हो रही है कि उन्होंने केरल के समाज की संकीर्ण और पुरानी सोच को तोड़कर कुछ अलग किया है.

डेंटिस्ट की डिग्री से स्नातक कर रही मजीज़िया थर्ड इयर की छात्रा हैं. वो पॉवर लिफ्टिंग में कई मेडल जीत चुकी हैं. लेकिन हालही में उन्होंने ऐसा कॉन्टेस्ट जीता जिससे वो भी हैरान हैं. उन्होंने कहा- ”मैं पूरी तरह से हैरान हूं कि मैंने बॉडीबिल्डिंग कॉम्पिटीशन जीता है.” 25 फरवरी को मिस्टर केरल कॉन्टेस्ट हुआ जिसमें मजीज़िया ने ‘बेस्ट वुमन फिटनेस फिज़ीक’ का टाइटल जीता.

एक पोस्ट और बदल गई ज़िन्दगी

मजीज़िया ने बताया- ”मैं बॉडीबिल्डिंग में अचनाक आई. मैंने कभी इस क्षेत्र में आने की नही सोची थी. मैंने फेसबुक पर एक पोस्ट देखा था मगर मैं असमंजस में थी क्यूँकी इस क्षेत्र में आने के लिए मुझे अपने जिस्म का कुछ हिस्सा खोलना पड़ता(बेपर्दा होना पड़ता). लेकिन मेरे मंगेतर ने मुझे प्रोत्साहन दिया. मैं हिचकिचा रही थी जिसके बाद मेरे मंगेतर ने मुझे ऐसी तस्वीरें दिखाईं जिसमें मिस्र की मुस्लिम महिलाएं हिजाब पहने बॉडीबिल्डिंग कर रही हैं. फिर मैंने सोचा मैं भी ये कर सकती हूँ. मैंने सिर्फ एक कोशिश की थी, मगर ये कभी नही सोचा था कि मैं ये खिताब जीत पाउंगी.”

मजीज़िया ने लगातार तीसरी बार स्ट्रॉन्गेस्ट वूमन ऑफ केरल का टाइटल अपने नाम किया है. उन्होंने 2016 के आखिर में ट्रेनिंग शुरू की और ये मुकाम हासिल किया.

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रविवार को मजीज़िया ने अलप्पुजह में ‘द बेस्ट लिफ्टर ऑफ़ केरल’ का खिताब जीता फिर उसके तुरंत के बाद कोची में आयोजित हो रहे बॉडी बिल्डिंग कम्पटीशन के लिए रवाना हुई. यहाँ पर भी उन्होंने 6 दावेदारों को कड़ी टक्कर देते हुए ख़िताब अपने नाम कर लिया.

अपनों का साथ

मजीज़िया के जिम ट्रेनर शामाज़ ने कहा- ”वो बिल्कुल लड़कों की तरह ट्रेनिंग करती हैं. वो पूरी मेहनत करती हैं. ये कोई आम बात नहीं है कि कोई महिला हिजाब में जिम ट्रेनिंग करे. वो कई परेशानियों से लड़कर यहां पहुंची हैं.”

मजीज़िया ने हंसते हुए कहा- ”मैं हिजाब में खुश हूं और मैं जो चाहूं वो कर सकती हूं. मैं अपने पिता अब्दुल मजीद और माँ रज़िया की आभारी हूं कि वो मेरे साथ खड़े रहे और मेरे मंगेतर ने पूरा साथ दिया.”