83 की उम्र में बेटे की चाहत के लिए 30 की लड़की से करी शादी

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राजस्थान के करौली में 83 साल के बुजुर्ग ने पैतृक संपत्ति संभालने के लिए पुत्र की चाह में दूसरी शादी की. क़िस्सा यहीं ख़त्म नही होता कि 83 साल के आदमी ने शादी की, बल्कि मुद्दे की बात ये है कि इस वृद्ध ने अपनी आधी से भी कम उम्र की लड़की से शादी की है. बताया जा रहा है कि लड़की की उम्र 30 साल है. ये शादी सैंमरदा गांव में हुई और शादी के भोग में आसपास के 12 गांव के लोगों को खाने पर बुलाया गया. 83 वर्षीय दूल्हे सुखराम ने कहा कि शादी करने का एक ही अजेंडा है और वो है बच्चा, जो उनकी प्रॉपर्टी की देखरेख कर सके. उनकी राजस्थान में ज़मीन और दिल्ली में प्लॉट है.

पहली पत्नी भी राज़ी

हम पुरानी कुरीतियों से आगे निकलने के कितने ही दावे कर लें लेकिन इस तरह की घटनाएं हमे हकीकत का आईना दिखाती रहती हैं. राजस्थान स्थित करौली जिले के सैमरदा गांव निवासी 83 साल के बुजुर्ग सुखराम बैरवा ने बेटे की चाहत में 30 साल की एक महिला से विवाह रचाया है और यह ‘बेमेल’ विवाह पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है. सबसे खास बात कि सुखराम अपनी पहली पत्‍नी बट्टो से रजामंदी लेकर बैंड-बाजा के साथ घोड़ी पर चढ़कर अपनी नई दुल्‍हन को लेने पहुंचे. विवाह में पहली पत्‍नी के साथ बेटी-दामाद भी मौजूद रहे और बताया जा रहा है कि सभी जमकर नाचे भी.

सुखराम की पहली पत्नी से दो बेटी और एक बेटा कान्हू था. मगर 30 साल की उम्र में किसी बीमारी के कारण उसकी मौत हो गई थी. इस कारण वंशवृद्धि का संकट पैदा हो गया. ऐसे में बुज़ुर्ग ने नज़दीक के राहिर गांव में रहने वाली 30 वर्षीय रमेशी के साथ विवाह रचाने का फैसला किया. बताया जा रहा है कि सुखराम के पास दिल्ली में एक प्लॉट और राजस्थान के गांव में सात बीघा जमीन है.

बहुत तलाशी फिर मिली दुल्हन

ऐसा बताया जा रहा है कि अपने एकलौते बेटे की मौत के बाद से सुखराम मानसिक रूप से परेशान रहने लगे थे. जिस वजह से उन्‍होंने लंबे समय पहले परिजनों के समक्ष बेटे की चाह में एक और विवाह करने की इच्छा जताई थी. तभी से उनके लिए नई दुल्हन की तलाश की जा रही थी और आखिरकार यह पूरी भी हो गई. अंततः बेटे की चाहत में सुखराम बैरवा ने 30 साल की रमेशी के साथ शनिवार रात विवाह किया और रविवार को आसपास के 12 गांवों के एक हज़ार लोगों को दावत दी. फिलहाल उनकी पहली पत्‍नी उनके साथ ही रह रही है. भैरव की दो बेटियां हैं और दोनों की ही शादी हो चुकी है. बेटी, दामाद और उनके पांच बच्‍चे भी साथ रह रहे हैं.

Marriage -

इसलिए हुई ये शादी

सुखराम के दामाद पप्पू बैरवा ने बताया कि दुल्हन रमेशी पास के ही राहिर गांव की निवासी है और वह सात बहनों में सबसे छोटी है. उसकी छह बड़ी बहनों का विवाह पहले ही हो चुका है. मगर मानसिक रूप से कमज़ोर रमेशी का विवाह नहीं हो पा रहा था. इस कारण उसके माता-पिता परेशान थे. इसी बीच सुखराम के परिजनों ने उनके समक्ष विवाह का प्रस्ताव रखा तो वे अपनी बेटी का विवाह करने को तैयार हो गए.

पड़ सकता है कानूनी फंदा

इस पूरे मामले में सपोटरा के उपखण्ड अधिकारी राजपाल यादव ने बताया कि मैने पुलिस थाना अधिकारी से मामले की जानकारी करने के लिए कहा है. पहली पत्नी के जिंदा रहते हुए दूसरी शादी करना वैसे अमान्य है. शिकायत के बाद इस्तगासे के माध्यम से कोर्ट से कार्रवाई कराई जा सकती है.