संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बिहार के मुज्जफरपुर में सेना को लेकर अपना तर्क दिया था. उन्होंने कहा था कि महीने में सेना जितनी फ़ौज तैयार करेगी उतनी संघ तीन दिन में खड़ी कर सकता है. मोहन भगवत के इस बयान के बाद उठी राजनीती थमने का नाम ही नहीं ले रही है. बीएसपी सुप्रीमो तथा उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी इस बात पर आपत्ति जताई है.
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने संघ प्रमुख पर साधा निशाना
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी संघ प्रमुख के बयान की कड़ी निंदा की है. मोहन भागवत पर निशाना साधते हुये उनका कहना है अगर उनको अपने स्वयंसेवकों पर इतना भरोसा है तो, सरकारी खर्च करके कमांडों सुरक्षा क्यों ले रखी है? मायावती ने कहा, “मोहन भागवत को अपने मिलिटेंट स्वयंसेवकों पर इतना ज्यादा भरोसा है, तो उन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए सरकारी खर्च पर विशेष कमांडो क्यों ले रखे हैं?” ऐसे समय में, जब सेना को विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, मोहन भागवत का बयान सेना के मनोबल को गिराने वाला है. इसकी इजाजत उन्हें नहीं दी जा सकती. बता दें कि उन्होंने आरएसएस प्रमुख से अपने बयानबाजी के लिए देश से मांफी मांगने को भी कहा. उन्होंने कहा वैसे भी मोहन भागवत को आरएसएस स्वंयसेवकों के सम्बंध में यह भ्रम अब दूर कर लेना चाहिये कि वे लोग निःस्वार्थ काम कर रहे हैं. आरएसएस अब सामाजिक संगठन न रहकर राजनीतिक संगठन में तब्दील होता जा रहा है. उनके स्वयंसेवक सामाजिक सेवा को ताक पर रखकर पूरी तरह से भाजपा के लिए चुनावी राजनीति करने में ही व्यस्त नजर आते हैं.
असल बयान क्या था
गौरतलब है कि आरएसएस प्रमुख ने स्वयंसेवकों की एक सभा को संबोधित करते हुए और अपने बयान का मतलब समझाते हुये कहा था, “हम सैन्य संगठन नहीं हैं, मगर सेना जैसा अनुशासन हमारे अंदर है. अगर देश को जरूरत पड़े और देश का संविधान, कानून कहे तो सेना तैयार करने में छह-सात महीने लग जाएंगे. संघ के स्वयंसेवकों को लेंगे तो तीन दिन में तैयार हो जाएंगे. ये हमारी क्षमता है.”
मायावती के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी आरएसएस को लेकर केंद्र सरकार पर कटाक्ष किया था. अपने कर्नाटक दौरे के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री पर टिप्पणी करते हुये कहा कि देश में संघ की सरकार चल रही है. सरकार हर काम आरएसएस के इशारों पर करती है. नोटबंदी जैसा बड़ा फैसला भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरएसएस के कहने पर लिया था.