7th Pay Commission: आठवां पे कमीशन भूल जाइए, अब परफॉर्मेंस के आधार पर बढ़ेगी केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी

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7th Pay Commission: आठवां पे कमीशन भूल जाइए, अब परफॉर्मेंस के आधार पर बढ़ेगी केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी

7th Pay Commission: आठवां पे कमीशन भूल जाइए, अब परफॉर्मेंस के आधार पर बढ़ेगी केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी

नई दिल्ली: केंद्रीय कर्मचारियों को आठवें पे कमीशन (8th pay commission) का बेसब्री से इंतजार है। लेकिन लगता है कि सरकार अब आगे कोई कमीशन गठित करने के मूड में नहीं है। सरकार साफ कर चुकी है कि एक और वेतन आयोग का गठन करने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। यानी एक तरह से वेतन आयोग के दिन अब लद चुके हैं। सरकार ऐसी व्यवस्था पर काम कर रही है जिससे कर्मचारियों की सैलरी उनकी परफॉर्मेंस (Performance linked increment) के आधार पर बढ़े। इसके लिए Aykroyd फॉर्मूला के आधार पर सभी भत्तों और वेतन की समीक्षा की जा सकती है।

केंद्रीय कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव करने के लिए हर दस साल में एक वेतन आयोग यानी पे कमीशन (pay commission) का गठन करती है। इसकी सिफारिशों के आधार पर केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी तय की जाती है। अब तक सात बार पे कमीशन बनाया जा चुका है। देश में पहला पे कमीशन जनवरी 1946 में बना था और सातवां पे कमीशन 28 फरवरी, 2014 को गठित हुआ था। वित्त राज्य मंत्री पकंज चौधरी ने सोमवार को संसद में कहा कि फिलहाल 8वां वेतन आयोग (8th Central Pay Commission) गठित करने का कोई प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन नहीं है।

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परफॉर्मेंस के आधार पर वेतन बढ़ोतरी
चौधरी लोकसभा में एक सवाल का जवाब दे रहे थे। उनसे पूछा गया था कि क्या सरकार के पास केंद्रीय कर्मचारियों के लिए आठवें केंद्रीय वेतन आयोग का प्रस्ताव विचाराधीन है ताकि इसे एक जनवरी, 2026 से लागू किया जा सके। हालांकि चौधरी ने इस दावे का खंडन किया कि आठवां केंद्रीय वेतन आयोग नहीं बनेगा। लेकिन सरकार की मंशा से साफ है कि वह आगे इस तरह का कोई आयोग गठित करने के मूड में नहीं है।

चौधरी पहले ही कह चुके हैं कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के मुताबिक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को दिए जाने वाले वेतन, भत्ते और पेंशन की समीक्षा के लिए एक और वेतन आयोग का गठन करने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। लेकिन पे मैट्रिक्स की समीक्षा और संशोधन के लिए नई व्यवस्था पर काम होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसी व्यवस्था पर काम कर रही है जिससे कर्मचारियों की सैलरी उनकी परफॉर्मेंस (Performance linked increment) के आधार पर बढ़े। उन्होंने कहा Aykroyd फॉर्मूला के आधार पर सभी भत्तों और वेतन की समीक्षा की जा सकती है।

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क्या है Aykroyd फॉर्मूला
इस फॉर्मूले से कर्मचारियों की सैलरी को महंगाई, कॉस्ट ऑफ लिविंग और कर्मचारी की परफॉर्मेंस से जोड़ा जाएगा। इन सब चीजों के आंकलन के बाद ही सैलरी में इजाफा होगा। इससे सभी वर्ग के कर्मचारियों को फायदा होगा। 7वें वेतन आयोग की अपनी सिफारिश में जस्टिस माथुर ने कहा था कि हम पे स्ट्रक्चर को Aykroyd फॉर्मूले के तहत तय करना चाहते हैं। इसमें कॉस्ट ऑफ लिविंग को भी ध्यान में रखा जाता है। यह फॉर्मूला वॉलेस रुडेल आयकरॉयड ने दिया था। उनका मानना था कि आम आदमी के लिए दो अहम चीजें हैं, भोजन और कपड़ा। इनकी कीमतों के बढ़ने के साथ ही कर्मचारियों की सैलरी में भी इजाफा होना चाहिए।

यह पूछे जाने पर कि महंगाई के मद्देनजर कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने के लिए सरकार क्या कर रही है, वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि इसके लिए उन्हें महंगाई भत्ता (DA) दिया जाता है। ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स के आधार पर महंगाई की दर का गणना होती है और इसी आधार पर हर छह महीने में केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता संशोधित किया जाता है। इस बीच केंद्रीय कर्मचारियों को डीए का भी बेसब्री से इंतजार है। इस मामले में जल्दी ही सरकार फैसला ले सकती है।

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