70 किमी दूर से आ रहा अमृत इंदौर में दूषित होकर आ रहा घरों तक | Amrit coming from 70 km away gets contaminated in Indore and reaches h | Patrika News

11
70 किमी दूर से आ रहा अमृत इंदौर में दूषित होकर आ रहा घरों तक | Amrit coming from 70 km away gets contaminated in Indore and reaches h | Patrika News

70 किमी दूर से आ रहा अमृत इंदौर में दूषित होकर आ रहा घरों तक | Amrit coming from 70 km away gets contaminated in Indore and reaches h | Patrika News


इंदौरPublished: Jan 29, 2023 06:14:38 pm

हर, हर नर्मदे…जयंती पर भी इंदौर में सड़कों पर बहती रही नर्मदा जल

70 किमी दूर से आ रहा अमृत इंदौर में दूषित होकर आ रहा घरों तक

70 किमी दूर से आ रहा अमृत इंदौर में दूषित होकर आ रहा घरों तक

इंदौर. नर्मदा जयंती पर लाखों लोग नर्मदा दर्शन के लिए उनके तटों पर इकट्ठा हुए। लेकिन जिस इंदौर शहर को नर्मदा लगातार पाल रही है उसी शहर में उनकी बेकद्री भी उन्हीं की जयंती पर होती रही। इंदौर में पेयजल का मुख्य साधन नर्मदा का पानी फूटी लाइनों और लीकेज के कारण सड़कों पर बहता रहा, लेकिन उस पर ध्यान देने वाला कोई नहीं था। इंदौर में पेजयल लाइनों के लीकेज के कारण नर्मदा का अमृत समान जल घरों में दूषित होकर पहुंच रहा है। शहर के कई इलाकों में इसी दूषित पानी की शिकायतें लगातार आ रही हैं, लेकिन उस पर ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है।
खरगोन जिले में जलूद से 70 किलोमीटर की दूरी में 2 हजार मीटर ऊंचे पहाडों को पहाड को पार कर नर्मदा जल इंदौर आता है। इंदौर में नर्मदा के पानी को सप्लाय करने के लिए लगभग 2800 किलोमीटर से ज्यादा की पेयजल लाइनें हैं। जिसमें से लगभग 2400 किलोमीटर की लाइनों में से पानी जनता तक पहुंचता है। इसमें से 1800 किलोमीटर की लाइनें दो दशक से भी ज्यादा पुरानी हैं। इन लाइनों में जगह-जगह लीकेज होने की समस्या लगातार बनी रहती है। इन लीकेज से नर्मदा का पानी तो सड़कों पर व्यर्थ बहता ही है, साथ ही इन्हीं के जरिए गंदा पानी भी इन पेयजल लाइनों में पहुंच रहा है। शहर के कई क्षेत्रों में इनके कारण गंदा पानी लगातार आ रहा है। विजय नगर, बाणगंगा, स्कीम-54, स्कीम-114, तेजपुर गड़बड़ी, निरंजनपुर, गुमाश्तानगर के आसपास के क्षेत्र, एरोड्रम क्षेत्र आदि जगह पर लगातार गंदे पानी की शिकायतें जनता कर रही है। नगर निगम में रोजाना गंदा पानी घरों में आ रहा है। लेकिन नगर निगम के अधिकारियों का ध्यान इस पर नहीं जाता है।
बहता रहा पानी
नर्मदा जयंती के दिन भी लालबाग पैलेस के सामने नर्मदा लाइन में लीकेज के कारण लाखों लीटर पानी सड़कों पर व्यर्थ बहता रहा। लालबाग पैलेस मुख्य गेट के सामने हुए लीकेज में से नर्मदा का पानी लगभग 3 घंटे से भी ज्यादा समय सड़क पर बहता रहा। यहां इतनी मात्रा में पानी निकला की कर्बला पुल पर पानी का तालाब बन गया था। यहां पुल से होकर पानी सरस्वती नदी में जाता रहा। लेकिन इस दौरान पानी सड़कों पर बहता ही रहा। ये अकेला ही पाइंट नहीं था। इसी तरह मरीमाता चौराहे पर भी इमलीबाजार की ओर जाने वाली सड़क निर्माण की जा रही है। इसके लिए की गई खुदाई में सदर बाजार पानी की टंकी से पानी बहता रहा।
करते रहे आयोजन
एक ओर नर्मदा का पानी सड़कों पर बहता रहा, वहीं शहर में नर्मदा जयंती के अवसर पर कई जगह आयोजन भी होते रहे। नर्मदा चौराहा प्रगति नगर पर नर्मदा जयंती का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान नगर निगम के जलकार्य समिति प्रभारी अभिषेक शर्मा और पूर्व जलकार्य समिति प्रभारी मधु वर्मा, बलराम वर्मा सहित कई लोग यहां पर इकट्ठा हुए। इस दौरान उन्होंने नर्मदा पूजन के साथ ही सामुहिक नर्मदा अष्टक का पाठ और नर्मदा आरती की।
बनना चाहिए मास्टर प्लान
इंदौर में नर्मदा प्रथम चरण तक लाने वाली टीम का हिस्सा रहे पीएचई के पूर्व सहायक यंत्री और सामाजिक कार्यकर्ता नूर मोहम्मद कुरैशी के मुताबिक शहर में गंदे पानी की समस्या के जो मूल कारण हैं, उन पर हमें ध्यान देना होगा। शहर में पानी सप्लाय का 1978 में कानपूर से पूरा प्लान तैयार करवाया गया था, उसके हिसाब से ही लाइनें डाली गई थी और उसी हिसाब से ही लाइनों का मेंटेनेंस भी किया जाता था। लेकिन पिछले 50 सालों में शहर बढ़ा है ओर शहर के साथ ही जल वितरण का नेटवर्क भी बढ़ा है। ऐसे में हमें अब शहर के लिए एक वाटर मास्टर प्लान की बेहद जरूरत है।
– इंदौर में पानी सप्लाय 24 घंटे नहीं होता है ऐसे में खाली पेयजल लाइनों में हवा भरा जाती है। वहीं जैसे ही किसी भी लाइन में लीकेज होता है और उसके आसपास गंदा पानी आता है तो हवा की जगह ये पानी नर्मदा लाइन में भर जाता है। इस सकिंग का हमें कोई तकनीकी हल निकालना होगा। जिससे पानी सप्लाय के बाद लाइनें साफ रहें।
– हम जो भी लाइन और वाल्ब डालें उसका पूरा रिकॉर्ड तैयार किया जाए। और समय समय पर उनका मैंटेनेंस किया जाए। हर साल बजट में जिस तरह से लीकेज सुधारने के लिए एक राशि तय की जाती है उसी तरह से पुरानी लाइनों को जिनकी तय उम्र पूरी हो चुकी है, उसको बदला जाए।
———-
हम लाइनों को लगातार बिछाने के साथ ही उसका पूरा डाटा तैयार कर रहे हैं। हमारी कोशिश है कि पेयजल का पूरा सिस्टम तैयार किया जाए। जिससे शहर में पानी पूरी मात्रा में सभी को मिल सके।
– अभिषेक शर्मा, जलकार्य समिति प्रभारी

उमध्यप्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Madhya Pradesh News