60 दिन जेल में रहा, फिर भी सभापति कैसे : हाईकोर्ट | Stayed in jail for 60 days, still how is the Sawai Madhopur chairman | News 4 Social
जयपुरPublished: Jan 31, 2023 05:16:36 pm
सवाईमाधोपुर नगरपरिषद सभापति विमल महावर के रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़े जाने तथा 60 दिन तक न्यायिक हिरासत में रहने के बाद भी पद पर बने रहने के मामले में पार्षदों की याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर के न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह ने मुख्य सचिव सहित स्वायत शासन विभाग, कार्मिक विभाग के सचिव, स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक व संयुक्त सचिव सहित सवाईमाधोपुर जिला कलक्टर, नगर परिषद आयुक्त तथा सभापति को नोटिस जारी किए हैं।
rajasthan high court
सवाईमाधोपुर नगरपरिषद सभापति विमल महावर के रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़े जाने तथा 60 दिन तक न्यायिक हिरासत में रहने के बाद भी पद पर बने रहने के मामले में पार्षदों की याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर के न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह ने मुख्य सचिव सहित स्वायत शासन विभाग, कार्मिक विभाग के सचिव, स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक व संयुक्त सचिव सहित सवाईमाधोपुर जिला कलक्टर, नगर परिषद आयुक्त तथा सभापति को नोटिस जारी किए हैं।
इस सम्बंध में नगपरिषद सवाईमाधोपुर के पार्षद तूफान सिंह व अन्य 5 पार्षदों ने याचिका लगाई थी। हाईकोर्ट ने सरकार और सभापति से पूछा है कि रंगे हाथ रिश्वत लेने के मामले में 60 दिन से अधिक न्यायिक हिरासत में रहने के बाद भी किस अधिकार से सभापति के पद पर कार्यरत हैं।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आर.के. गौत्तम, जी. एस. गौतम ने न्यायालय को बताया कि कार्मिक विभाग के परिपत्र 10/8/2001 एवं 7/7/2010 द्वारा स्पष्ट प्रावधान है की “यदि कोई लोक सेवक रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए पकड़ा जाता है तो ऐसी स्थिति में राज्य सरकार एवं विभाग की ओर से उसे पद से निलंबित किया जाता है। पूर्व में भी सवाईमाधोपुर नगरपरिषद कमलेश जेलिया के मामले में भी उनको निलंबित कर दिया गया था।
इसके विपरीत उक्त मामले में राजनीतिक संरक्षण के चलते सभापति विमल महावर को 60 दिन बाद राजस्थान हाईकोर्ट से जमानत मिलने के दूसरे दिन ही पद पर कार्यग्रहण करवा लिया गया, जबकि नगर परिषद आयुक्त ने स्वायत शासन विभाग से कार्यग्रहण करवाए जाने के संबंध में निदेशक से मार्गदर्शन भी मांगा था। लेकिन वह भी आज तक नहीं मिला है।
इसके साथ ही यह प्रकरण मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की भी जानकारी में सवाईमाधोपुर में प्रेस वार्ता के दौरान 14 दिसंबर 2022 को पत्रकारों द्वारा ला दिया गया था। इस पर न्यायालय ने स्वायत शासन के अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल मेहता को याचिका की प्रति दिलाते हुए 10 दिन में जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। साथ ही संबंधित अधिकारियों और सभापति विमल चंद महावर को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।