55 साल की इस महिला का दिमाग है कंप्यूटर से भी तेज, गूगल बेबे के नाम से हैं मशहूर

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News, नई दिल्ली। दुनियाभर में कई ऐसे लोग हैं जो अपनी अलग प्रतिभा से खुद की पहचान बनाते हैं। आपने 8 साल के कौटिल्य के बारे में तो काफी सुना होगा, जिसे लोग भारत का ‘गूगल ब्वॉय’ कहते हैं। लेकिन आपको बता दें कि देश में सिर्फ ‘गूगल ब्वॉय’ ही नहीं ‘गूगल बेबे’ भी हैं। जी हां, यहां हम बात कर रहे हैं पंजाब के जिला फतेहगढ़ साहिब के मनैला गांव में रहने वाली कुलवंत कौर की। वे 55 साल की एक ऐसी महिला हैं जिनका दिमाग कंप्यूटर से भी तेज चलता है।

कुलवंत कौर एक जमींदार परिवार से ताल्लुक रखती हैं। वे हर सवाल का जवाब गूगल इंजन की तरह देती हैं। ऐसे में कस्बे के लोग उन्हें ‘गूगल बेबे’ के नाम से बुलाते हैं। उन्हें कई हजारों सवालों के जवाब मुंहज़ुबानी याद हैं।

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ज्ञान का पिटारा हैं 55 साल की बेबे
55 साल की बेबे की ज्ञान का पिटारा सीमित नहीं है। उन्हें कई धर्मों के बारे में भी अच्छी जानकारी है इन्में में शामिल है हिन्दू, ईसाई, इस्लाम, बोधी, यहूदी और सिख इत्यादि, बेबे धर्म गुरुओं के उपदेशों तथा लिखित वाणियों आदि की जानकारी भी मुंहज़ुबानी याद रखती हैं।

सिर्फ 4 कक्षा तक शिक्षा का मौका
जानकारी के अनुसार, कुलवंत कौर को सिर्फ 4 कक्षाओं तक ही पढ़ाई करने का मौका मिला। बावजूद इसके उन्हें हर ग्रंथ का ज्ञान है। बेबे बताती हैं जब उनका परिवार आगरा में रहता था, तब उनके पिता के मित्र व्यापारी राम लाल (डग्गी वाले) उनके घर आकर पिता के साथ घंटो अनेकों धर्म पर चर्चा करते थे बेबे के और उनके सारे भाई- बहन बैठ कर उनकी बातें सुना करते थे, बेबे को वहीं से ढेर सारी बातें याद हो गई।

कैसे हासिल की धर्म की जानकारी
बेबे के पिता प्रीतम सिंह पेशे से इंजीनियर थे, उनका जन्म पाकिस्तान के लाहौर में हुआ था। वो रोजगार के सिलसिले में आगरा आए थे वहीं बेबे उर्फ कुलवंत कौर का जन्म हुआ था। आगरा से ही बेबे ने चौथी कक्षा तक की पढ़ाई की थी उसके आगे की पढ़ाई वह पारिवारिक समस्या की वजह से आगे नहीं पढ़ पाईं। 

बेबे का कहना है कि जब भी कोई किताब वह एक बार पढ़ लेती हैं, तो उसे दोबारा पढ़ने की जरूरत नहीं पड़ती। कस्बे के लोगों के अनुसार बेबे को स्कूलों में विशेष तौर पर बुलाया जाता है। वे बच्चों द्वारा पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर बिना पलक झपके दे देती हैं।

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कौन-कौन सी किताबें पढ़ी  
अभी तक बेबे ने, हिस्टरी ऑफ पंजाब, हिस्टरी ऑफ इंडिया, डिस्कवरी ऑफ इंडिया, डिस्कवरी ऑफ पंजाब इसके अलावा धर्म के लिए 22 साल लिटरेचर को पढ़ा है। बेबे के घर में उन्होंनें एक छोटी लाइब्रेरी बना रखी है जिसमें सिख रसाले, बाबा बंदा सिंह बहादुर, सिख मिशनरी, खुशवंत सिंह, दीवान वरिंदर नाथ, कुलदीप नैय्यर इन सबकी पुस्तकों को संभाल कर रखा है।

धर्म अध्ययन पर पीएचडी करेंगी बेबे 
कुछ समय पहले बेबे समाज सेवक एसपी सिंह ओबरॉय नजर में आई तो उन्होंनें बेबे को 3000 रूपए की पेंशन मुहैया कराई, उन्होंने बेबे की पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के अधिकारियों से बात कराई उन्होंने बेबे से 6 सवाल पूछे जिसका जवाब बेबे ने तुरंत दे दिया। ओबरॉय चाहते हैं कि बेबे पंजाबी यूनिवर्सिटी के धर्म अध्ययन विभाग से आगे अध्ययन करे, बेबे भी धर्म अध्ययन विषय से पीएचडी करना चाहंती हैं।