5000 नर्सिंग होम चल रहे, रजिस्टर्ड सिर्फ 926

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5000 नर्सिंग होम चल रहे, रजिस्टर्ड सिर्फ 926

5000 नर्सिंग होम चल रहे, रजिस्टर्ड सिर्फ 926


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जिले में 5000 नर्सिंग होम चल रहे हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग की फाइलों में 926 की ही जानकारी दर्ज है। जिले के हर कोने में एक अवैध नर्सिंग होम का कारोबार चल रहा है। शहर के अलावा ग्रामीण इलाकों में अवैध नर्सिंग होम खोलकर मरीजों की जान से खिलवाड़ की जा रही है। इन नर्सिंग होम में बिना डिग्री के डॉक्टर मरीजों का गलत इलाज कर रहे हैं। इन अवैध नर्सिंग होम पर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। सीएस डॉ यूसी शर्मा ने बताया कि सभी पीएचसी प्रभारियों को ऐसे नर्सिंग होम चिह्नित करने के लिए निर्देश दे दिया गया है।

पिंकी मामले में सकरा प्रभारी को शोकॉज

सकरा की पिंकी के मामले में वहां के सीएचसी प्रभारी को सीएस ने शोकॉज किया है। सीएस ने बताया कि सीएसची प्रभारी से पूरी रिपोर्ट मांगी गई है। सीएस ने कहा कि इस मामले में जांच कमेटी गठित की जा रही है। सकरा सीएचसी के अलावा भी पीएचसी प्रभारियों को अवैध नर्सिंग होम पर छापेमारी का भी निर्देश दिया गया है। सीएस ने बताया कि कमेटी इस मामले की पूरी पड़ताल करेगी और उसकी रिपोर्ट सीएस को देगी। उन्होंने बताया कि सकरा में लगातार दो ऐसे मामले सामने आने बाद वहां सख्ती बढ़ाई जा रही है। सकरा के पीएचसी प्रभारी और बीएचएम को इस घटना के बारे में पूरी रिपोर्ट मांगी गई है। इसके अलावा सकरा में कितने अवैध नर्सिंग होम चल रहे हैं और कितना बिना डिग्री के डॉक्टर हैं इनका पता लगाने के लिए भी कहा गया है। पिंकी की एक नर्सिंग होम में ऑपरेशन के दौरान पेशाब की नली काट दी गई।

सकरा में सिर्फ दो रजिस्टर्ड अस्पताल

सकरा में सिर्फ दो ही रजिस्टर्ड अस्पताल है। लेकिन प्रखंड में लगभग 100 नर्सिंग होम का संचालन किया जा रहा है। इन नर्सिंग होम पर अबतक विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। सूत्रों के अलावा 100 से 200 मीटर पर सकरा में कई नर्सिंग होम चल रहे हैं। किडनी पीड़िता सुनीता का जहां ऑपरेशन किया गया था, पिंकी का ऑपरेशन उसी अस्पताल के पास हुआ।

बड़ा बोर्ड लगाकर लोगों को दे रहे झांसा

अवैध नर्सिंग होम अपने अपने मेडिकल का बड़ा बोर्ड और सुविधाओं का जिक्र कर लोगों को झांसा दे रहे हैं। हाइवे किनारे कई ऐसे नर्सिंग होम चल रहे हैं जिनके बाहर बोर्ड तो बड़े लगाये गये हैं लेकिन सुविधा सारी कागजी है। इनमें से कई अस्पतालों ने अपने भवन पर मल्टी स्पेशियलिटी का बोर्ड भी लगा रखा है।

रजिस्ट्रेशन से पहले होती है अस्पताल की जांच

किसी भी अस्पताल के रजिस्ट्रेशन से पहले विभाग मानकों की जांच करता है। इसमें अस्पताल में इमरजेंसी में क्या सुविधा है, उसके पास डिग्री वाले और लाइसेंसी डॉक्टर और नर्स हैं या नहीं। जांच की सुविधा है या नहीं, इसके अलावा अस्तपाल में कचरा प्रबंधन की क्या स्थिति है। पिछले दिनों जिले के 173 अस्पतालों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियम का पालन नहीं करने पर बंद करने का नोटिस दिया गया था।

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