50 लाख रुपए के लिए गर्भवती की हत्या, अभियुक्त पति-ससुर को आजीवन रहना होगा कारावास | Murder of pregnant for 50 lakh rupees | Patrika News
मामले के अनुसार 6 अगस्त 2017 को शबनम बानो पत्नी बशीर रहमानी ने झुंझुनूं कोतवाली थाने में रिपोर्ट दी। इसमें बताया कि उसकी पुत्री मेहरूनिशा का निकाह 24 जनवरी 2016 को बटवालान मोहल्ला निवासी जुबेर पुत्र फारूक के साथ हुआ। निकाह के समय उन्होंने एक प्लॉट सहित काफी सामान बेटी को दिया था। निकाह के बाद लड़की के पति जुबेर, ससुर फारूक, सास हुस्ना बानो आदि ने बेटी से कहा कि वह अपने पिता से मकान बनाने के लिए 50 लाख रुपए लेकर आए।
रुपए नहीं मिले तो की मारपीट लड़की ने यह बात अपने माता-पिता को बताई। इस पर उन्होंने कहा कि अभी हमारे पास इतने रुपए नहीं है, बाद में यह मांग पूरी कर देंगे। लेकिन लड़की के ससुराल वालों ने कहा कि उन्हें अभी रुपए चाहिए। इसी बात को लेकर वह उनकी बेटी को मारपीट कर परेशान करने लगे। उस समय मेहरूनिशा 5-6 महीने की गर्भवती थी।
रिपोर्ट में बताया कि 4 अगस्त 2017 को दोपहर में उसकी लड़की का टेलीफोन आया। उसने बताया कि उसके साथ उसके पति, सास व ससुर आदि मारपीट कर रहे हैं और कह रहे हैं कि अभी अपने पिता से 50 लाख रुपए मंगवा, नहीं तो तेरे को जान से मार देंगे। इस पर उसके ससुराल वालो से बात करनी चाही तो उन्होंने कहा कि वे बात नहीं करना चाहते और लड़की के हाथ से फोन छीन लिया।
इसके दो-तीन घंटे बाद फिर फोन आया कि तुम्हारी बेटी की तबीयत ज्यादा खराब है, उसे अस्पताल लेकर जा रहे हैं। इस पर लड़की के पिता व भाई अस्पताल पहुंचे, वहां चिकित्सक ने बताया कि उसकी मृत्यु हो गई।
बिना पोस्टमार्टम के दफना दिया रिपोर्ट में बताया गया कि मेहरूनिशा की मौत के बाद उसके शव को ससुराल वालो ने बिना पोस्टमार्टम के दफना दिया। यह बात उन्हें पता चली तो उन्होंने पुत्री मेहररूनिशा का शव कब्रिस्तान से निकलवाकर पोस्टमार्टम करवाया और मामला दर्ज करवाया।
सास की हो चुकी मृत्यु
जांच के बाद पुलिस ने पति जुबेर अली, सास हुस्ना बानो व ससुर फारूक अली के विरूद्ध संबंधित न्यायालय में चालान पेश कर दिया। ट्रायल के दौरान सास हुस्ना बानो की मृत्यु हो गई। इस्तगासा पक्ष की तरफ से पैरवी कर रहे राज्य सरकार के सहायक निदेशक अभियोजन कमल किशोर शर्मा व मृतका की तरफ से पैरवी कर रहे गोकुलचंद सैनी ने कुल 15 गवाहान के बयान कराए तथा 104 दस्तावेज प्रदर्शित कराए।
विवाहिता के साथ गर्भ में पल रहे शिशु की भी मृत्यु
सहायक निदेशक कमल किशोर शर्मा व गोकुलचंद सैनी ने न्यायालय में तर्क दिया कि मृतका मेहरूनिशा गर्भवती थीं। मेहरूनिशा के साथ-साथ गर्भ में पल रहे शिशु की भी मृत्यु हो गई। मामला गंभीर किस्म का है। इसलिये दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए।
न्यायाधीश ने पत्रावली पर आए साक्ष्य का बारिकी से विश्लेषण करते हुए पति जुबेर व ससुर फारूक को आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ-साथ एक-एक लाख रुपए का जुर्माना, धारा 315 में पांच-पाचं वर्ष की सजा, धारा 498ए में दो-दो वर्ष, धारा 201 में तीन-तीन वर्ष व धारा 406 में दो-दो वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। सभी सजाएं साथ-साथ भुगतने का आदेश दिया गया है।
मामले के अनुसार 6 अगस्त 2017 को शबनम बानो पत्नी बशीर रहमानी ने झुंझुनूं कोतवाली थाने में रिपोर्ट दी। इसमें बताया कि उसकी पुत्री मेहरूनिशा का निकाह 24 जनवरी 2016 को बटवालान मोहल्ला निवासी जुबेर पुत्र फारूक के साथ हुआ। निकाह के समय उन्होंने एक प्लॉट सहित काफी सामान बेटी को दिया था। निकाह के बाद लड़की के पति जुबेर, ससुर फारूक, सास हुस्ना बानो आदि ने बेटी से कहा कि वह अपने पिता से मकान बनाने के लिए 50 लाख रुपए लेकर आए।
रुपए नहीं मिले तो की मारपीट लड़की ने यह बात अपने माता-पिता को बताई। इस पर उन्होंने कहा कि अभी हमारे पास इतने रुपए नहीं है, बाद में यह मांग पूरी कर देंगे। लेकिन लड़की के ससुराल वालों ने कहा कि उन्हें अभी रुपए चाहिए। इसी बात को लेकर वह उनकी बेटी को मारपीट कर परेशान करने लगे। उस समय मेहरूनिशा 5-6 महीने की गर्भवती थी।
रिपोर्ट में बताया कि 4 अगस्त 2017 को दोपहर में उसकी लड़की का टेलीफोन आया। उसने बताया कि उसके साथ उसके पति, सास व ससुर आदि मारपीट कर रहे हैं और कह रहे हैं कि अभी अपने पिता से 50 लाख रुपए मंगवा, नहीं तो तेरे को जान से मार देंगे। इस पर उसके ससुराल वालो से बात करनी चाही तो उन्होंने कहा कि वे बात नहीं करना चाहते और लड़की के हाथ से फोन छीन लिया।
इसके दो-तीन घंटे बाद फिर फोन आया कि तुम्हारी बेटी की तबीयत ज्यादा खराब है, उसे अस्पताल लेकर जा रहे हैं। इस पर लड़की के पिता व भाई अस्पताल पहुंचे, वहां चिकित्सक ने बताया कि उसकी मृत्यु हो गई।
बिना पोस्टमार्टम के दफना दिया रिपोर्ट में बताया गया कि मेहरूनिशा की मौत के बाद उसके शव को ससुराल वालो ने बिना पोस्टमार्टम के दफना दिया। यह बात उन्हें पता चली तो उन्होंने पुत्री मेहररूनिशा का शव कब्रिस्तान से निकलवाकर पोस्टमार्टम करवाया और मामला दर्ज करवाया।
सास की हो चुकी मृत्यु
जांच के बाद पुलिस ने पति जुबेर अली, सास हुस्ना बानो व ससुर फारूक अली के विरूद्ध संबंधित न्यायालय में चालान पेश कर दिया। ट्रायल के दौरान सास हुस्ना बानो की मृत्यु हो गई। इस्तगासा पक्ष की तरफ से पैरवी कर रहे राज्य सरकार के सहायक निदेशक अभियोजन कमल किशोर शर्मा व मृतका की तरफ से पैरवी कर रहे गोकुलचंद सैनी ने कुल 15 गवाहान के बयान कराए तथा 104 दस्तावेज प्रदर्शित कराए।
विवाहिता के साथ गर्भ में पल रहे शिशु की भी मृत्यु
सहायक निदेशक कमल किशोर शर्मा व गोकुलचंद सैनी ने न्यायालय में तर्क दिया कि मृतका मेहरूनिशा गर्भवती थीं। मेहरूनिशा के साथ-साथ गर्भ में पल रहे शिशु की भी मृत्यु हो गई। मामला गंभीर किस्म का है। इसलिये दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए।
न्यायाधीश ने पत्रावली पर आए साक्ष्य का बारिकी से विश्लेषण करते हुए पति जुबेर व ससुर फारूक को आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ-साथ एक-एक लाख रुपए का जुर्माना, धारा 315 में पांच-पाचं वर्ष की सजा, धारा 498ए में दो-दो वर्ष, धारा 201 में तीन-तीन वर्ष व धारा 406 में दो-दो वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। सभी सजाएं साथ-साथ भुगतने का आदेश दिया गया है।