मोदी की जीत के 5 बड़े कारण

191

कल लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे आ गये और इन नतीजों में साफ़ तौर पर भारतीय जनता पार्टी की जीत को महसूस किया जा सकता है. हालांकि ये जीत भारतीय जनता पार्टी से कही ज्यादा मोदी-शाह की जोड़ी की है जिन्होंने भाजपा के संगठन को जमीनी तौर पर बेहद मजबूत किया है. यहाँ हम ऐसे पांच कारण बता रहे हैं जिसकी वजह से भाजपा को फिर से सत्ता में लौटने में मदद मिली.

1- अद्भुत और निर्णायक नेतृत्व का भरोसा

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की बात करें तो वो एक राजनैतिक शून्यता के बाद मज़बूत नेता के तौर पर उभर के सामने आये हैं. 2014 में अगर भाजपा की जीत सत्ता विरोधी लहर के कारण भी मान ली जाए तो 2019 का पिछली बार से भी ज्यादा बहुमत इस बात की तस्दीक करता कि नरेंद्र मोदी के इर्द-गिर्द भी भारतीय राजनीती में कोई नहीं ठहरता है.

2- आतंक के खिलाफ कठोर निर्णय क्षमता

14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले को कौन भूल सकता है. इस हमले में 40 जवानो की मौत के बाद पूरा देश दहल उठा था. लेकिन उसके कुछ ही दिन बाद भारतीय वायुसेना ने एयर स्ट्राइक करके आतंकवादियों को सबक सीखाने का काम किया. ऐसा निर्णय पिछली किसी भी सरकार के काल में नहीं लिया गया था, और यही बात नरेंद्र मोदी की नेतृत्व क्षमता को अभूतपूर्व बनाती है.

sarkari yojna -

3- कल्याणकारी योजनाओं का सही क्रियान्वयन

उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री जन-धन योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, कृषि सम्मान निधि इन सभी योजनाओं का सही क्रियान्वयन भी इस जीत में निर्णायक भूमिका निभाता है. अब अगर जनता को उन योजनाओं का लाभ मिलेगा जिससे वह पहले वंचित रह जाते थे तो निश्चित तौर पर वो सरकार तो वही चुनेंगे.

izzat ghar -

4- महिलाओं को सम्मान और अधिकार

मोदी सरकार में देश की आधी आबादी मतलब की महिलाओं के लिए स्व्च्छता अभियान के तहत शौचालय और सेनीटेशन इत्यादि में निसंदेह पिछले कई सालों की तुलना में अधिक सटीक काम हुआ है, इस बात का फायदा मौजूदा सरकार को मिलना एक उम्मीद और भरोसा दोनों को ही दर्शाता है.

5- खुद नरेंद्र मोदी

राजनितिक विश्लेषक भले ही किसी भी बात को स्वीकारोक्ति न देते हों लेकिन इस बात को नकारा नहीं जा सकता है कि नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व पर भी लोगो का झुकाव रहा है, फिर वो चाहे हिन्दू ह्रदयसम्राट की छवि हो जो कि बनारस में जा कर हो जाती है या फिर एक कठोर शासक की. इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि नरेंद्र मोदी खुद ही अपने जीत के कारण हैं.