5 भाई तीसरी तक भी नहीं पढ़े, अभावों को हरा राजस्थान के बॉर्डर जिले में रहने वाले युवा ने रचा इतिहास, कोल इंडिया में पाया 14 लाख का पैकेज

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5 भाई तीसरी तक भी नहीं पढ़े, अभावों को हरा राजस्थान के बॉर्डर जिले में रहने वाले युवा ने रचा इतिहास, कोल इंडिया में पाया 14 लाख का पैकेज
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5 भाई तीसरी तक भी नहीं पढ़े, अभावों को हरा राजस्थान के बॉर्डर जिले में रहने वाले युवा ने रचा इतिहास, कोल इंडिया में पाया 14 लाख का पैकेज

बाड़मेर:कहते है कि इंसान अगर ठान ले, तो ऊंचे से ऊंचा मुकाम हासिल कर सकता है। एक ऐसी ही कहानी राजस्थान के बाड़मेर जिले से सामने आ रही है। यहां रेतीले धोरों से निकल कर एक युवा शख्स ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। इस युवा की प्रतिभा दिखाकर कोल इंडिया ने 14 लाख का पैकेज देकर अपना हिस्सा बनाया है। हम बात कर रहे हैं, पाकिस्तान की सीमा से लगते जाटों का कुआं के रुखमन की सफलता की कहानी की। इस युवा ने गरीबी से उठकर कोल इंडिया कम्पनी में अपना नया मुकाम बनाया है।

रुखमण सारण की सफलता के चर्चे चारों ओर
रेत के दरिया में टापू सरीखा नजर आने वाला बाड़मेर जिले के भारत पाकिस्तान सीमा पर बसा जाटों का कुआं। एहसान का तला ग्राम पंचायत के इस गांव के युवा रुखमण सारण की सफलता की चर्चा आज हर तरफ है हो भी क्यों नहीं। रुखमन अब कोल इंडिया कम्पनी का हिस्सा जो बन गए है।

कुल 6 भाई में 5 तीसरी से पढ़े
रुखमन सारण के कुल 6 भाई है और पांच भाई स्कूल में कक्षा तीसरी तक भी नही पहुंचे। लेकिन यह पढ़ लिख कर कुछ करने का जज्बा और अपने परिवार, अपने गांव का नाम रोशन करने का सपना संजोए हुए था। लिहाजा रुखमन ने अपनी तालीम को जारी रखा। इसी की बदौलत इसका चयन विश्व की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक महारत्न कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड में मैनेजमेंट ट्रेनी पद पर हुआ है।

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गेट 2021 में हासिल की थी ऑल इंडिया रैंक 68
आईआईटी मुंबई की ओर से आयोजित GATE 2021 के आधार पर इंजीनियर रुखमण सारण की ऑल इंडिया रैंक 68 आई है यही वजह है कि कोल इंडिया ने इसे 14 लाख का पैकेज दिया है। अपने बेटे की सफलता पर उसके पिता को बेहद नाज है।

जानिए कैसे बढ़ाया अपने आप को आगे
बाड़मेर के सीमावर्ती क्षेत्र जाटों का कुआं एहसान का तला के एक किसान परिवार से नाता रखने वाले रुखमण सारण ने अपनी शुरुआती तालीम अपने गांव में की और फिर जिला मुख्यालय पर किसान छात्रावास में 12वी की पढ़ाई पूरी करने के बाद बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग, इंजीनियरिंग कॉलेज जोधपुर से 2020 में माइनिंग ब्रांच से की।

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इसके बाद उन्होंने कुछ समय वेदांता ग्रुप में काम किया और अब उसकी मेहनत और प्रतिभा को कोल इंडिया लिमिटेड को माइनिंग इंजीनियरिंग ब्रांच में नजर आएगी। रुखमन बताते है कि उनके गांव से वह एकमात्र विद्यार्थी थे जिन्होंने साइंस लेकर यह मुकाम हासिल किया है। अब रुखमन 14 लाख के पैकेज के साथ कोल इंडिया कम्पनी का हिस्सा बन गए है।

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