5जी के दौर में इंदौर: जानें क्या है, अहम दस्तावेजों के लिए डिजिटल संदूक | Indore in the era of 5G Now digital box for important documents | Patrika News

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5जी के दौर में इंदौर: जानें क्या है, अहम दस्तावेजों के लिए डिजिटल संदूक | Indore in the era of 5G Now digital box for important documents | Patrika News

5जी के दौर में इंदौर: जानें क्या है, अहम दस्तावेजों के लिए डिजिटल संदूक | Indore in the era of 5G Now digital box for important documents | Patrika News

इंदौरPublished: Dec 19, 2022 05:56:17 pm

ओटीपी सिस्टम से डिजिटल लॉकर में सुरक्षित दस्तावेज
लाखों में खुले डिजी लॉकर, फाइल-कागजों का घट रहा बोझ

Patrika

Indore in the era of 5G

इंदौर. 5जी दौर के साथ इंदौर तेजी से कदमताल कर रहा है। शहर बिजनेस बढ़ाने, बच्चों की पढ़ाई को और प्रभावी बनाने जैसे कई कामों के लिए जहां मेटावर्स की आभासी दुनिया को अपना रहा है। वहीं अब व्यक्तिगत दस्तावेजों को सहेजने के लिए डिजिटल तरीकों को आजमाने में भी पीछे नहीं है।
यहां के लोगों में डिजिटल लॉकर को लेकर क्रेज बढ़ा है। लाखों की तादाद में डिजी लॉकर खुल गए हैं। इनमें लोगों ने अपने सभी आवश्यक व निजी दस्तावेज डिजिटली सेव किए हैं। शिक्षा, बैंकिंग सहित अन्य कामों के भी दस्तावेजों को सीधे ऑनलाइन मोबाइल से अपलोड करने की सुविधा होने से इसका चलन बढ़ा है। अब फाइल व कागज भी साथ ले जाने की बाध्यता खत्म हो रही है। डिजिटल लॉकर में सभी निजी कागज बैंक के लॉकर की तरह सुरक्षित हैं। 2019 से 2021 तक की रिपोर्ट के अनुसार, देश मेें 300 करोड़ से अधिक प्रामाणिक दस्तावेज डिजिटल लॉकर में हैं और 3 करोड़ से अधिक लोग पंजीकृत हैं। ऐसे में इंदौर में 5जी आने के चलते डिजी लॉकरों में भी आने वाले सालों में करोड़ों दस्तावेज लॉक होंगे। बता दें कि यह सुविधा डिजिटल इंडिया के तहत शुरू हुई थी।
इस सुविधा से फायदे
दस्तावेजों के लिए ई-हस्ताक्षर की सुविधा है। इसका उद्देश्य कागजी दस्तावेजों के उपयोग को कम कर प्रशासनिक खर्चों को कम करना है। यह खाता आधार से जुड़ा रहता है। ओटीपी से ही डिजी लॉकर खुलता है। ओटीपी सिस्टम होने से भी इसकी उपयोगिता बढ़ी है। विभागीय कामकाज का सिस्टम भी सरल हुआ है। डिजिटली फाइलें भी सीधे संबंधित विभाग को मिल रही हैं।
डिजी लॉकर के लिए आधार जरूरी
डिजी लॉकर से आधार धारक ही जुड़ सकता है। इसमें डिजिटल प्रारूप में ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन पंजीकरण, मार्कशीट जैसे अन्य कामकाजी प्रामाणिक दस्तावेजों व प्रमाण-पत्रों को लॉकर में सेव करने के लिए खाता खोला जाता है। इसमें वास्तविक दस्तावेजों की स्कैन कॉपी अपलोड होती है। सभी आधार आधारित खातों के लिए एक जीबी तक का स्टोरेज भी मिलता है। साइन-अप के लिए आधार पंजीकृत मोबाइल नंबर पर वन-टाइम पासवर्ड दर्ज करना होता है। बैंक भी नेट-बैंकिंग एप्लिकेशन से डिजी लॉकर से जुड़ी है। इसमें ई-हस्ताक्षर की सुविधा भी है।
सभी आवश्यक दस्तावेज डिजिटली रखने की सुविधा होने से डिजिटल लॉकर का चलन बढ़ा है। शहर में भी इसके उपयोगकर्ता बढ़ी तादात में हैं। ओटीपी सिस्टम होने से सुरक्षित प्लेटफार्म है। इस सुविधा के चलते कागजों के उपयोग में कमी आ रही है।-प्रीति कोठारी, जिला सूचना अधिकारी

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