44 कैमरे, वॉच टावर और दीवार… गाजीपुर लैंडफिल साइट्स में आग से बचाव के लिए नया सर्विलांस सिस्टम

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44 कैमरे, वॉच टावर और दीवार… गाजीपुर लैंडफिल साइट्स में आग से बचाव के लिए नया सर्विलांस सिस्टम

44 कैमरे, वॉच टावर और दीवार… गाजीपुर लैंडफिल साइट्स में आग से बचाव के लिए नया सर्विलांस सिस्टम

गाजीपुर लैंडफिल साइट पर आए दिन आग लगने से रोकने के लिए सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। यहां आग रोकने के लिए सर्विलांस सिस्टम तैयार किया जा रहा है। इसके अंतर्गत लैंडफिल साइट के चारों तरफ 20 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। पहले से यहां 24 कैमरे लगे हैं। इसके अलावा लैंडफिल साइट के चारों तरफ दीवार बनाई जाएगी।

 

हाइलाइट्स

  • लैंडफिल साइट पर आग रोकने के लिए सर्विलांस सिस्टम हो रहा तैयार
  • लैंडफिल साइट के चारों तरफ 20 और सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे
  • लैंडफिल साइट के चारों तरफ दीवार बनाई जाएगी, 25 करोड़ होंगे खर्च
नई दिल्ली :गाजीपुर लैंडफिल साइट पर आए दिन आग की घटनाएं होती हैं। इन्हें रोकने के लिए सर्विलांस सिस्टम तैयार किया जा रहा है। ऐसी घटनाओं पर नजर रखने के लिए लैंडफिल साइट के चारों तरफ 20 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। पहले से यहां 24 कैमरे लगे हैं। ऊंचाई पर लगने वाली आग को देखने के लिए वॉच टावर भी बनाया जाएगा। इसके अलावा भी कई तरह के प्रबंध करने की प्लानिंग एमसीडी ने की है। पिछले 3-4 सालों में गाजीपुर लैंडफिल साइट पर करीब 21 बार आग लगने की घटनाएं हुई हैं।

इस साल दो महीने में तीन बार लगी आग
गाजीपुर लैंडफिल साइट पर इस साल मार्च और अप्रैल में आग की तीन घटनाएं हो चुकी हैं। अप्रैल में जो आग लगी थी, उसकी आंच कई दिनों तक गरम रही। इस साल 28 मार्च, 9 अप्रैल और 20 अप्रैल को आग की घटनाएं हुईं थीं। लगातार हो रही इन घटनाओं को रोकने के लिए ही एमसीडी ने सर्विलांस सिस्टम लगाने का प्लान बनाया है।

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प्लान पर 25 करोड़ रुपये खर्च होगा
इसके तहत लैंडफिल साइट के चारों तरफ 20 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। पहले से 24 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जिनमें से 17 ऑपरेशनल हैं। इसके अलावा लैंडफिल साइट के चारों तरफ दीवार बनाई जाएगी। इस पर एमसीडी 25 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसके अलावा कॉर्बन डाईऑक्साइड मॉनिटरिंग सिस्टम, मीथेन डिटेक्टर, टेंपरेचर सेंसर और फायर अलार्म भी लगाए जाएंगे। ये सभी प्रबंध आईआईटी के एक्सपर्ट के साथ मिलकर एमसीडी करेगी।

क्यों लगती है आग
एमसीडी अफसरों का कहना है कि गाजीपुर लैंडफिल साइट पर कूड़े का ढेर इतना अधिक है कि उसके दबाव के चलते मिथेन गैस का लगातार बहाव होता है। गर्मियों में उच्च तापमान और मिथेन गैस के लगातार रिसाव के चलते आग लग जाती है। पिछले दो सालों में गाजीपुर लैंडफिल साइट पर आग वहीं लगी है, जहां पिछले दो सालों से फ्रेश कूड़ा रखा जा रहा है। आग लगने के बाद फायर डिपार्टमेंट की गाड़ियों को यहां तक पहुंचने में कम से कम 30-40 मिनट का समय लग जाता है।

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Web Title : Hindi News from Navbharat Times, TIL Network

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