उत्तर प्रदेश में एचआईवी के संक्रमण का एक और मामला, 40 लोग चपेट में

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कुछ दिनों पहले ही उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से एक औरत के ज़रिये गाँव के सरपंच समेत 13 लोगों के एचईवी संक्रमण का मामला सामने आया था. अचानक से इतने सारे लोगों के एक साथ एचआईवी संक्रमित होने से स्वास्थ विभाग में हडकंप मच गया था.

इस बार लोग 40 बीमार

लेकिन अभी वो मामला शांत भी नही हुआ है उससे पहले ही यूपी के उन्नाव ज़िले से सामूहिक संक्रमण का एक और मामला सामने आया है. जानकारी है कि बांगरमऊ तहसील के कुछ गांवों के क़रीब 40 लोग इलाज के बाद एचआईवी संक्रमित हो गए. दरअसल इन ग्रामीणों का इलाज झोलाछाप डॉक्टरों ने किया था. कहा जा रहा है कि एक ही इंजेक्शन का बार-बार इस्तेमाल किया गया, जिससे इन लोगों को संक्रमण हुआ.

ऐसा बताया जा रहा है कि कुछ गांवों में साईकिल पर घूमकर एक झोलाछाप ने लोगों का इलाज किया. एक ही इंजेक्शन का कथित तौर पर बार-बार इस्तेमाल करने से करीब 40 लोग एचआईवी संक्रमित हो गए.  झोलाछाप से इलाज करवाने वाले कुछ और लोगों में एचआईवी संक्रमण के लक्षण दिखे हैं. इसकी पुष्टि के लिए कई जांचें करवाई जा रही हैं. स्वास्थ्य विभाग ने बांगरमऊ थाने में अज्ञात के खिलाफ एफआईआर लिखवाई है.

patient in hospital -

बढ़ सकती है पीड़ितों की संख्या

बांगरमऊ के पार्षद सुनील ने मीडिया से बातचीत के दौरान दावा किया है कि अगर ठीक से जांच करवाई जाए तो ऐसे 500 मामले में सामने आ जाएंगे. हालांकि मेडिकल सुपरिडेंटेंड प्रमोद कुमार ने बताया कि, ‘हमने यहां पर मेडिकल कैंप लगा रखा है. जहां पर इन मामलों की जांच की जा रही है. हमें आदेश मिल चुके हैं और हम आगे की कार्रवाई का फैसला कर रहे हैं.’

इस घटना के सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा है कि मामले की जांच की जा रही है. इस मामले के दोषी और बिना लाइसेंस के प्रैक्टिस कर रहे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

ये होता है एचआईवी

बता दें कि एचआईवी संक्रमण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को लगभग खत्म कर देता है. इस इम्युनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम यानी एड्स से लड़ने के लिए तमाम दवाईयों का रोज़ाना सेवन करना पड़ता है. एचआईवी की बीमारी एक ही सिरिंज के दोबारा इस्तेमाल करने से, संक्रमित खून चढ़ने से और असुरक्षित यौन संबंधों से होती है.