4 साल बाद होलकर साइंस कॉलेज में हुआ बदलाव, सिलावट की जगह रैच बने प्राचार्य | After 4 years, there was a change in Holkar Science College | Patrika News
राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) के ग्रेडिंग शुरू करने के ऐन पहले हुए इस बदलाव का असर कॉलेज की रैंक पर पडऩे की आशंका
इंदौर
Published: October 06, 2022 10:49:12 am
इंदौर. शहर के सबसे पुराने कॉलेज में से एक होलकर साइंस कॉलेज के प्राचार्य पद से डॉ. सुरेश सिलावट को अचानक हटा दिया गया। उनकी जगह कॉलेज में गणित के प्राध्यापक डॉ. रैच को नया प्राचार्य बनाया गया है। हालांकी सिलावट अभी भी उच्च शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक का कार्यभार संभालते रहेंगे। राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) के ग्रेडिंग शुरू करने के ऐन पहले हुए इस बदलाव का असर कॉलेज की रैंक पर पडऩे के आसार बताए जा रहे हैं।
होलकर सांइस कॉलेज को नैक ने 2016 में ए ग्रेड प्रदान की थी, लेकिन उसके बाद से ही कॉलेज की ग्रेड में कोई सुधार नहीं हुआ था। चार साल पहले कॉलेज के प्राचार्य का पद डॉ. सिलावट को सौंपा गया था। उस समय कॉलेज को और भी ज्यादा विकसीत करते हुए ग्रेड में सुधार का दावा किया गया था। लेकिन ग्रेड में कोई सुधार नहीं हुआ था। वहीं 2020 में ही ए प्लस ग्रेड की मान्यता समाप्त हो चुकी है। उस समय कोरोना के चलते मान्यता को अगले दौरे तक के लिए बढ़ा दिया था। वहीं अब नैक ने ग्रेडेशन फिर से करने के लिए घोषणा के साथ ही कॉलेज अपनी सेल्फ स्टडी (एसएसआर) भेजने की तैयारी कर रहा है। ये रिपोर्ट अभी भेजी नहीं गई है। इसी रिपोर्ट के आधार पर नेक कॉलेज को ग्रेड के लिए तय अंकों में से 70 फीसदी अंक देता है। कॉलेज ने इस बार रिसर्च, नए कोर्स व नए इंफ्रास्ट्रक्चर के चलते ग्रेड बढ़ते हुए ए प्लस ग्रेड लाने का दावा किया था। ये रिपोर्ट अक्टूबर के दूसरे या तीसरे सप्ताह में भेजी जानी थी। नैक के तय फार्मेट के हिसाब से रिपोर्ट को तैयार किया जा रहा था। लेकिन उसके पहले ही उच्च शिक्षा विभाग ने निर्णय लेते हुए सिलावट को पद से हटा दिया। ऐसे में
राजनीति और अफसरों के चलते गया पद
डॉ. सिलावट, प्रदेश के मंत्री तुलसी सिलावट के भाई हैं। और पूर्व में कांग्रेस की सरकार बनते ही उन्हें एक साथ दो पद दे दिए गए थे। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ सिलावट भी कांग्रेस छोड़ भाजपा में आ गए थे। उसके साथ ही वो इसी पद पर बने हुए थे। वहीं बताया जा रहा है कि सिलावट को लेकर उच्च शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी नाराज चल रहे थे, विभाग के अधिकारियों से उनकी पटरी नहीं बैठ रही थी। वहीं कॉलेज में ग्रेड सुधारने के लिए कई नए निर्माण भी किए गए हैं। ये निर्माण जनभागीदारी समिति के जरिए होते हैं, लेकिन सिलावट ने इस पर ध्यान ही नहीं दिया था और अपने हिसाब से ही निर्माण करवाए थे, जिसको लेकर भाजपा के नेता भी उनसे नाखुश बताए जा रहे थे।
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राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) के ग्रेडिंग शुरू करने के ऐन पहले हुए इस बदलाव का असर कॉलेज की रैंक पर पडऩे की आशंका
इंदौर
Published: October 06, 2022 10:49:12 am
इंदौर. शहर के सबसे पुराने कॉलेज में से एक होलकर साइंस कॉलेज के प्राचार्य पद से डॉ. सुरेश सिलावट को अचानक हटा दिया गया। उनकी जगह कॉलेज में गणित के प्राध्यापक डॉ. रैच को नया प्राचार्य बनाया गया है। हालांकी सिलावट अभी भी उच्च शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक का कार्यभार संभालते रहेंगे। राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) के ग्रेडिंग शुरू करने के ऐन पहले हुए इस बदलाव का असर कॉलेज की रैंक पर पडऩे के आसार बताए जा रहे हैं।
होलकर सांइस कॉलेज को नैक ने 2016 में ए ग्रेड प्रदान की थी, लेकिन उसके बाद से ही कॉलेज की ग्रेड में कोई सुधार नहीं हुआ था। चार साल पहले कॉलेज के प्राचार्य का पद डॉ. सिलावट को सौंपा गया था। उस समय कॉलेज को और भी ज्यादा विकसीत करते हुए ग्रेड में सुधार का दावा किया गया था। लेकिन ग्रेड में कोई सुधार नहीं हुआ था। वहीं 2020 में ही ए प्लस ग्रेड की मान्यता समाप्त हो चुकी है। उस समय कोरोना के चलते मान्यता को अगले दौरे तक के लिए बढ़ा दिया था। वहीं अब नैक ने ग्रेडेशन फिर से करने के लिए घोषणा के साथ ही कॉलेज अपनी सेल्फ स्टडी (एसएसआर) भेजने की तैयारी कर रहा है। ये रिपोर्ट अभी भेजी नहीं गई है। इसी रिपोर्ट के आधार पर नेक कॉलेज को ग्रेड के लिए तय अंकों में से 70 फीसदी अंक देता है। कॉलेज ने इस बार रिसर्च, नए कोर्स व नए इंफ्रास्ट्रक्चर के चलते ग्रेड बढ़ते हुए ए प्लस ग्रेड लाने का दावा किया था। ये रिपोर्ट अक्टूबर के दूसरे या तीसरे सप्ताह में भेजी जानी थी। नैक के तय फार्मेट के हिसाब से रिपोर्ट को तैयार किया जा रहा था। लेकिन उसके पहले ही उच्च शिक्षा विभाग ने निर्णय लेते हुए सिलावट को पद से हटा दिया। ऐसे में
राजनीति और अफसरों के चलते गया पद
डॉ. सिलावट, प्रदेश के मंत्री तुलसी सिलावट के भाई हैं। और पूर्व में कांग्रेस की सरकार बनते ही उन्हें एक साथ दो पद दे दिए गए थे। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ सिलावट भी कांग्रेस छोड़ भाजपा में आ गए थे। उसके साथ ही वो इसी पद पर बने हुए थे। वहीं बताया जा रहा है कि सिलावट को लेकर उच्च शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी नाराज चल रहे थे, विभाग के अधिकारियों से उनकी पटरी नहीं बैठ रही थी। वहीं कॉलेज में ग्रेड सुधारने के लिए कई नए निर्माण भी किए गए हैं। ये निर्माण जनभागीदारी समिति के जरिए होते हैं, लेकिन सिलावट ने इस पर ध्यान ही नहीं दिया था और अपने हिसाब से ही निर्माण करवाए थे, जिसको लेकर भाजपा के नेता भी उनसे नाखुश बताए जा रहे थे।
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