4 साल के बच्चे के गले में 3 दिन फंसा रहा 5 रुपए का सिक्का | Amazing of government doctors in Satna | Patrika News
जानकारी के अनुसार मामला उत्तरप्रदेश के कर्वी निवासी आनंद किशोर चौधरी के 4 साल के बेटे आर्यन का है. उसकी आहार नली में 3 दिन से 5 रुपये का सिक्का फंसा हुआ था. बच्चा खेलते-खेलते सिक्का निगल गया था. बच्चे के इलाज के लिए परिजन डॉक्टरों के चक्कर काटते परेशान होते रहे, लेकिन सिक्का नहीं निकला. फिर वे अपने रिश्तेदारों माध्यम से बच्चे को लेकर सतना जिला अस्पताल चले आए जहां डॉक्टरों ने सिक्का निकालकर मासूम की जान बचा ली.
डॉक्टरों ने वो काम कर दिया जिसकी अब हर कोई प्रशंसा कर रहा. डॉक्टरों ने काफी मशक्कत कर इस मासूम की जान बचाई. मासूम आर्यन के आहार नली में सिक्का फंसा हुआ जिससे उसकी हालत गंभीर हो चुकी थी. इसे देख घर वाले भी बेहद परेशान और दुखी हो गए थे. जब 3 दिनों तक कई डॉक्टरों के चक्कर काटने के बाद भी सिक्का नहीं निकला तो वे आर्यन को लेकर सतना जिला अस्पताल पहुंचे. यहां शिशु रोग चिकित्सक और उनकी टीम ने बड़े जतन के साथ बच्चे के गले में फंसे सिक्के को निकालकर परिजनों को एक बड़ी राहत और खुशी दी.
फालीज कैथेटर की सहायता से सिक्का निकालना तय किया- जिला अस्पताल के डॉक्टर ने बच्चे का फुलबॉडी एक्सरे कराया. पता चला कि सिक्का बच्चे के आहार नली में फंसा है. उन्होंने सीनियर शिशुरोग विशेषज्ञों से सलाह मशविरा कर तय किया कि सिक्के को दूरबीन की मदद से नहीं निकालेंगे. बल्कि उन्होंने फालीज कैथेटर की सहायता से सिक्का निकालना तय किया. डॉक्टर ने नर्सिंग स्टाफ एवं सपोर्टिंग स्टाफ की मदद से सिक्का निकालने में कामयाबी भी हासिल कर ली.
जानकारी के अनुसार मामला उत्तरप्रदेश के कर्वी निवासी आनंद किशोर चौधरी के 4 साल के बेटे आर्यन का है. उसकी आहार नली में 3 दिन से 5 रुपये का सिक्का फंसा हुआ था. बच्चा खेलते-खेलते सिक्का निगल गया था. बच्चे के इलाज के लिए परिजन डॉक्टरों के चक्कर काटते परेशान होते रहे, लेकिन सिक्का नहीं निकला. फिर वे अपने रिश्तेदारों माध्यम से बच्चे को लेकर सतना जिला अस्पताल चले आए जहां डॉक्टरों ने सिक्का निकालकर मासूम की जान बचा ली.
डॉक्टरों ने वो काम कर दिया जिसकी अब हर कोई प्रशंसा कर रहा. डॉक्टरों ने काफी मशक्कत कर इस मासूम की जान बचाई. मासूम आर्यन के आहार नली में सिक्का फंसा हुआ जिससे उसकी हालत गंभीर हो चुकी थी. इसे देख घर वाले भी बेहद परेशान और दुखी हो गए थे. जब 3 दिनों तक कई डॉक्टरों के चक्कर काटने के बाद भी सिक्का नहीं निकला तो वे आर्यन को लेकर सतना जिला अस्पताल पहुंचे. यहां शिशु रोग चिकित्सक और उनकी टीम ने बड़े जतन के साथ बच्चे के गले में फंसे सिक्के को निकालकर परिजनों को एक बड़ी राहत और खुशी दी.
फालीज कैथेटर की सहायता से सिक्का निकालना तय किया- जिला अस्पताल के डॉक्टर ने बच्चे का फुलबॉडी एक्सरे कराया. पता चला कि सिक्का बच्चे के आहार नली में फंसा है. उन्होंने सीनियर शिशुरोग विशेषज्ञों से सलाह मशविरा कर तय किया कि सिक्के को दूरबीन की मदद से नहीं निकालेंगे. बल्कि उन्होंने फालीज कैथेटर की सहायता से सिक्का निकालना तय किया. डॉक्टर ने नर्सिंग स्टाफ एवं सपोर्टिंग स्टाफ की मदद से सिक्का निकालने में कामयाबी भी हासिल कर ली.