4 वर्षों में जहरीली शराब 400 से अधिक लोगों की मौत, संरक्षण देने वालों की हो न्यायिक जांच : यूपी कांग्रेस अध्यक्ष

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4 वर्षों में जहरीली शराब 400 से अधिक लोगों की मौत, संरक्षण देने वालों की हो न्यायिक जांच : यूपी कांग्रेस अध्यक्ष

उत्तर प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने योगी सरकार पर जहरीली शराब से हुई मौतों के आकड़ों में हेराफेरी और छुपाने का आरोप लगाया

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लखनऊ. यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने प्रदेश में जहरीली शराब से लगातार हो रही मौतों के लिए भारतीय जनता पार्टी की योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि लगातार 4 वर्षों से जहरीली शराब पीने से 400 से अधिक दुःखद मौतों के बाद भी जहरीली शराब बेचने वालों को सरकार का संरक्षण मिला हुआ है। प्रदेश में योगी सरकार के संरक्षण में 10 हजार करोड़ से अधिक का समानान्तर अवैध शराब कारोबार चल रहा है। समय-समय पर इन अवैध शराब कारोबारियों के साथ पुलिस मुठभेड़ में कई पुलिसकर्मी घायल हुए और कईयों ने जान गंवाई है। अब तक कार्रवाई के नाम पर सिर्फ दिखावा हुआ है। बड़े शराब माफियाओं को बचाने के लिए आबकारी सिपाही और कुछ छोटे कर्मचारियों पर कार्यवाही कर मामले को रफा-दफा कर दिया गया।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि दूरदराज के ग्रामीण इलाकों के जनपदों की छोड़िए, सरकार की नाक के नीचे राजधानी व उससे सटे जनपदों में भी योगी सरकार जहरीली शराब के कारोबार से हुई मौतों को रोकने में नाकाम रही है। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा 12 अप्रैल 2017 को यह आदेश पारित किया है कि प्रदेश में जहरीली शराब कारेाबार को रोकने व इसकी बिक्री करने वालों के विरूद्ध आजीवन कारावास, गैंगेस्टर व मृत्यु दण्ड जैसे सख्त दण्डात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाए।

इन मौतों का कौन जिम्मेदार है?
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने सदन में भी आवाज उठाया कि इन अवैध शराब कारोबारियों पर क्या कार्यवाही हो रही है? इन शराब माफियाओं को कौन संरक्षण दे रहा है? इन मौतों का कौन जिम्मेदार है? अवैध शराब के नेक्शश को कौन चला रहा है? सरकार को जहां इन अवैध शराब कारोबारियों पर कार्यवाही करनी चाहिए थी उनके साथ खड़ी दिखाई दे रही है।

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सिर्फ विशेष जांच टीम गठित कर इतिश्री कर लेती है बीजेपी सरकार : यूपी कांग्रेस अध्यक्ष
सरकार पर आरोप जड़ते हुए कहा कि जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद तमाम घोषणाएं करने वाली भाजपा सरकार सिर्फ विशेष जांच टीम गठित करके इतिश्री कर लेती है और जुमलेबाजी करती रहती है। जहरीली शराब से हुई मौतों पर आज तक एक भी शराब माफिया को सजा नहीं दिलवा पाई। यह दिखाता है कि सरकार का पूरा तन्त्र शराब माफियाओं के नेक्शश के साथ मिला हुअा है।

हर जिले में शराब से मौतें : अजय लल्लू
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के लचर रवैये का आलम यह है कि उप्र का कोई जिला ऐसा नहीं है जहां जहरीली शराब की वजह से मौतें न हो रही हों। प्रमुख रूप से राजधानी से सटे जनपद बाराबंकी में 3 वर्ष में तीन बार, प्रयागराज में दो बार, प्रतापगढ़ में दो बार, कुशीनगर में तीन बार, सहारनपुर में 100 से अधिक मौतें, मेरठ, बागपत, हरदोई, अमरोहा, अयोध्या, बुलन्दशहर, कानपुर देहात और कानपुर नगर, चित्रकूट सहित प्रदेश के अधिकांश जनपदों में जहरीली शराब ने सैंकड़ों की संख्या में जिन्दगियां लील लीं। अलीगढ़ में अवैध जहरीली शराब से हुई 50 से अधिक मौतों के बाद भी योगी सरकार द्वारा सख्त कदम न उठाना कहीं न कहीं सरकार और अवैध शराब कारोबारियों के बीच दुरभिसंधि की ओर इशारा करता है।

हाईकोर्ट से सिटिंग जज से न्यायिक जांच कराने की मांग
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आखिर मुख्यमंत्री जी अवैध शराब के कारोबारियों, शराब माफियाओं, अवैध शराब की बिक्री करने वालों एवं इनके इस गठजोड़ के विरूद्ध सख्त कार्यवाही क्यों नहीं कर रहे हैं? आखिर अवैध शराब कारोबारियों को क्यों बचा रही है सरकार? उन्होंने मांग की है कि अवैध शराब कारोबारियों को संरक्षण देने वालों की जांच कराई जाए और विगत चार वर्षों में चार सौ से अधिक हुई जहरीली शराब से मौतों की न्यायिक जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराई जाए।

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