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36 घंटे से धधक रही बदायूं की मेंथा फैक्ट्री: 6 गांव के लोग प्रभावित, घरों में गिरे सिलेंडर; लोगों ने सड़कों-ईट भट्ठों पर गुजारी रात – Badaun News

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36 घंटे से धधक रही बदायूं की मेंथा फैक्ट्री:  6 गांव के लोग प्रभावित, घरों में गिरे सिलेंडर; लोगों ने सड़कों-ईट भट्ठों पर गुजारी रात – Badaun News

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36 घंटे से धधक रही बदायूं की मेंथा फैक्ट्री: 6 गांव के लोग प्रभावित, घरों में गिरे सिलेंडर; लोगों ने सड़कों-ईट भट्ठों पर गुजारी रात – Badaun News

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बदायूं8 मिनट पहले

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बदायूं की मेंथा फैक्ट्री में लगी आग 36 घंटे बाद भी नहीं बुझ सकी है। अभी तक 80 प्रतिशत स्थिति नियंत्रण में है। अफसरों का कहना है कि सुबह तक हालात पर पूरी तरह काबू पा लिया जाएगा। पिछले 24 घंटों से जारी रेस्क्यू ऑपरेशन में अब तक 19.80 लाख लीटर पानी डाला जा चुका है।

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11 फायर टेंडरों से लगातार पानी डाला जा रहा है, जो अब तक 396 बार रीलोड हो चुके हैं। 6 थानों की पुलिस पिछले 36 घंटों से इस रूट को डायवर्ट करने और सुरक्षा व्यवस्था संभालने में लगी हुई है। उझानी में दिल्ली हाईवे पर स्थित फैक्ट्री में आग बुझाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

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दैनिक NEWS4SOCIALकी टीम बदायूं से 18 किलोमीटर दूर दिल्ली-बदायूं हाईवे पर स्थित उझानी कस्बे के किनारे मनोज गोयल की ‘भारत मिंट एंड एलाइड केमिकल्स’ नामक मेंथा फैक्ट्री पर पहुंची। फैक्ट्री के आसपास रिहायशी इलाका है, जिसमें 6 गांव शामिल हैं।

कुल आबादी 20 हजार है। वहां अभी हालात क्या हैं? कितनी आग पर काबू पाया गया? कितना नुकसान हुआ? पढ़िए इस रिपोर्ट में…

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सबसे पहले जानिए किसकी रही अहम भूमिका

  • डीएम अवनीश राय के मुताबिक, हमारा मकसद डैमेज कंट्रोल था, जिसे हमने सफलतापूर्वक अंजाम दिया। हमारे यहां दमकल गाड़ियों की संख्या कम थी, इसलिए आसपास के जिलों से मदद ली गई। फिलहाल हमारा फोकस डैमेज कंट्रोल पर है। प्रारंभिक सूचना यह थी कि नाइट्रोजन के टैंकर में आग लगी थी। तकनीकी परीक्षण के बाद ही विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
  • एसएसपी डॉ. ब्रजेश सिंह ने बताया- एक ही समय में जिले में दो बड़े अग्निकांड हुए- एक उझानी में और दूसरा सहसवान तहसील क्षेत्र में। ऐसे में फोर्स को बूस्टअप करना जरूरी था, ताकि किसी भी स्तर पर उनका मनोबल न टूटे। इसी कारण हम स्वयं दोनों स्थानों पर लगातार मूव करते रहे।”
  • एसपी सिटी विजेंद्र द्विवेदी ने बताया- हालात काबू में हैं। हमारा मुख्य उद्देश्य आमजन को ब्लास्ट एरिया से दूर रखना था। लोगों ने भरपूर सहयोग किया और गांव खाली कर दिए। हमारा लक्ष्य था कि किसी प्रकार की जनहानि न हो।
  • एसपी देहात के.के. सरोज ने कहा- यह एक भीषण अग्निकांड था। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी और फायर सर्विस स्टाफ पूरी रात जुटे रहे। लगातार बारिश हो रही थी, लेकिन हवा का रुख तेज था। भीड़ को नियंत्रित करना चुनौतीपूर्ण था, मगर लोगों ने भरपूर सहयोग किया।
  • सीओ उझानी शक्ति सिंह ने बताया- भीड़ लगातार घटनास्थल की ओर दौड़ रही थी। धमाके हो रहे थे, ऐसे में संभ्रांत लोगों को समझाकर रोका और उनके सहयोग से अन्य लोगों को भी पीछे हटाया गया। हमारा उद्देश्य था कि कोई बाहरी व्यक्ति हादसे की चपेट में न आए, और हम इसमें सफल रहे।

प्रत्यक्षदर्शियों बोले- सिलेंडर आकर घरों में गिरे

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  • रितेश मौर्य ने कहा- सुबह चार बजे सबसे बड़ा धमाका हुआ। उस वक्त मैं मंडी में काम कर रहा था। जब घर पहुंचा, तो देखा कि सिलेंडर के कुछ हिस्से उड़ते हुए घर के आंगन में आकर गिरे थे। कुछ टुकड़े तो खेतों में जाकर गिरे। जिनके वजन दो से तीन क्विंटल होंगे। हम अपने परिवार को लेकर तीन किलोमीटर दूर संजरपुर गांव के ईंट भट्ठे पर ठहरे हुए थे। बारिश हो रही थी और धमाके लगातार हो रहे थे। हर धमाके के साथ डर लग रहा था कि कहीं हमारा घर इसकी चपेट में न आ जाए।
  • वीरपाल ने बताया- सुबह चार बजे हवा में लहराता हुआ यह कढ़ाहीनुमा धातु का बड़ा हिस्सा हमारे घर पर आ गिरा, जिससे घर को काफी नुकसान हुआ। मैं डर गया और घर छोड़कर चला गया।
  • अवधेश कुमार ने बताया- आग की तपिश से हमारी एक बीघा मक्का और तीन बीघा घुइया की फसल जल गई। उपले भी जल गए। कम से कम 20 हजार रुपए का नुकसान हुआ है।

कोई रिश्तेदारी में गया तो किसी ने स्टेशन पर बिताई रात हादसे के बाद प्रशासन ने गांव को खाली कराने की कवायद शुरू की तो गांव वाले अपना कीमती सामान लेकर वहां से फौरन निकल लिए। तेज आंधी बारिश भी थी। ऐसे में आसपास गांवों में जिनके रिश्तेदार थे, उन्होंने वहां अपना बसेरा किया। जबकि तमाम लोग ऐसे भी थे, जिन्होंने रेलवे स्टेशन पर रात बिताई। जबकि कुछ लोगों ने सड़कों पर घूमकर वक्त काटा।

फैक्ट्री में हादसे के दूसरे दिन बीजेपी जिलाध्यक्ष राजीव कुमार गुप्ता और बिल्सी विधायक हरीश शाक्य भी वहां पहुंचे। प्रशासन को राहत कार्य में तेजी लाने को कहा। इससे पहले दोनों ने पूरी स्थिति के बारे में जानकारी भी जुटाई।

बड़े-बड़े सिंलेडर घरों पर गिरे।

एक मजदूर लापता, परिजनों की पुलिस से झड़प इस हादसे के बीच मुजरिया थाना क्षेत्र के बिचौला गांव निवासी मुनेंद्र नाम का एक मजदूर लापता है। उसके दो सगे भाई भी इसी फैक्ट्री में साथ काम करते थे। परिजनों का कहना है कि हादसे के वक्त बाहर भागते वक्त मुनेंद्र आग की लपटों से घिर गया और निकल नहीं सका था। जबकि बाकी के दोनों भाई निकल आए थे।

गुरुवार शाम परिवार के लोगों ने फैक्ट्री में घुसकर मुनेंद्र की तलाश की कोशिश की। इसी बीच पुलिस का कहना था कि पहले आग बुझ जाए इसके बाद तलाश करना ठीक रहेगा। इसी को लेकर परिजनों और पुलिस की झड़प हो गई और पुलिस ने मुनेंद्र के परिजनों को लाठी फटकारते हुए दौड़ा दिया। परिजनों का मानना है कि मुनेंद्र की जलकर मौत हो चुकी है, लेकिन प्रशासन मानने को राजी नहीं है।

परिजनों और पुलिस की झड़प हो गई और पुलिस ने मुनेंद्र के परिजनों को लाठी फटकारते हुए दौड़ा दिया।

फैक्ट्री में हादसे के वक्त लापता हुए मजदूर मुनेंद्र के तेहरे भाई रवींद्र ने बताया फैक्ट्री में दो सौ से ढाई सौ मजदूर काम करते हैं। हमारे परिवार के पांच सदस्य थे। इनमें तीन सगे भाई थे। साढ़े 10 बजे के लगभग आंधी आई और अचानक आग लगी और उसमें ये फंस गए। आग जलती रही लेकिन उन्हें निकालने की कोई व्यवस्था नहीं हो पाई। मुनेंद्र अंदर फंस गए थे। दो भाई बाहर आ गए। मुनेंद्र वहां बतौर मजदूर तीन साल से काम करते थे। उनका कोई पता नही है।

फैक्ट्री मालिक के पिता विजेंद्र गोयल ने बताया आंधी से स्ट्रक्चर गिर पड़ा। उसके भीतर जो आयल जाता है वो निकल गया, उससे आग लग गई।

फैक्ट्री मालिक ने कहा- चार दिन पहले ही खत्म हुआ था इंश्योरेंस फैक्ट्री मालिक के पिता विजेंद्र गोयल ने बताया आंधी से स्ट्रक्चर गिर पड़ा। उसके भीतर जो आयल जाता है वो निकल गया, उससे आग लग गई। फैक्ट्री में 170 लोग काम करते हैं। जैसे ही आग लगी लोग बाहर निकलकर भागे। हमारी निगाह में सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं।

एक आदमी लापता है, इसकी जानकारी हमें नहीं है। आग अभी भी लगी है। सौ करोड़ का नुकसान है कम से कम। 50 करोड़ से ज्यादा का स्ट्रक्चर व मशीनें ही हैं। फैक्ट्री का इंश्योरेंस था, लेकिन उसका रिन्युवल नहीं हो सका। चार दिन पहले ही इंश्योरेंस खत्म हुआ है।

अब देखिए 4 तस्वीरें…

आग इतनी भयावह थी कि 60 फीट ऊंची लपटें उठीं।

जलने के बाद फैक्ट्री की हालत यह है। अभी भी जल रही है।

ब्लास्ट इतनी तेज था कि पड़ोस के गांव का एक घर गिर गया।

फैक्ट्री से उड़ा ड्रम उड़कर खेतों में जा गिरे।

एक मकान पर सिंलेडर गिरा, जिससे उसकी छत डैमेज हो गई।

डीएम ने कहा- हमारा फोकस डैमेज कंट्रोल डीएम अवनीश राय ने बताया- रातभर प्रशासन, पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम ने काम किया तो सुबह आग कुछ शांत हो पाई है। उस वक्त भी मैं एसएसपी के साथ टीम समेत यहां था। हादसे में अच्छी बात ये थी कि जितने भी मजदूर थे वो सभी बाहर निकल आए। अभी तक किसी की कंफर्म डेथ की सूचना नहीं है। मलबा हटने के बाद ही बता पाएंगे कि आग लगने का कारण क्या था। फिलहाल हमारा फोकस डैमेज कंट्रोल है। प्राइमरी इन्फॉर्मेशन यह थी कि नाइट्रोजन के टैंकर में आग लगी थी।

हमारी जानकारी में एक मजदूर के लापता होने की सूचना है, लेकिन मलबा हटने के बाद ही कंफर्म कर पाएंगे। किसी भी तरह की अगर हानि हुई है तो तो आपदा के तहत जो लाभ दिए जाते हैं वो दिए जाएंगे। एक घायल भी मेडिकल कालेज पहुंचे थे, उनसे भी बात हुई थी। जहां भी नुकसान हुआ है, वहां मुआवजा दिया जाएगा।

हादसे के दूसरे दिन बीजेपी जिलाध्यक्ष राजीव कुमार गुप्ता और बिल्सी विधायक हरीश शाक्य भी वहां पहुंचे।

अब जानिए पूरा मामला… दिल्ली-बदायूं हाईवे पर उझानी कस्बे के किनारे मनोज गोयल की भारत मिंट एंड एलाइड केमिकल्स नाम से मेंथा फैक्ट्री है। फैक्ट्री के आसपास रिहाइशी बस्ती है। इसमें 6 गांव हैं। कुल आबादी करीब 20 हजार है। कुड़ा नरसिंहपुर गांव फैक्ट्री से सबसे सटा है।

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है- रात में तेज आंधी चल रही थी। अचानक फैक्ट्री की 150 फीट ऊंची चिमनी गिर गई। जिससे फैक्ट्री में आग लग गई। अंदर काम कर रहे मजदूर चिल्लाते हुए भागने लगे। इसके बाद हम लोगों ने आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन नाइट्रोजन के सिलेंडरों में विस्फोट शुरू हो गए। इसके चलते किसी की भी आग बुझाने की हिम्मत नहीं हुई। फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई।

फायर ब्रिगेड की 3-4 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग बुझाने में जुट गईं, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद बरेली, मुरादाबाद, संभल और बदायूं से फायर ब्रिगेड की गाड़ियां बुलाई गईं। लेकिन आग इतनी भीषण थी कि टीमें फैक्ट्री के अंदर घुस नहीं पाईं और बाहर से ही आग बुझाने का प्रयास करती रहीं।

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ये खबर भी पढ़ें… बदायूं की फैक्ट्री में 100 धमाके, गांव छोड़कर भागे लोग:आंधी से चिमनी गिरी, नाइट्रोजन सिलेंडर में ब्लास्ट; 60 फीट ऊपर लपटें उठीं

यूपी के बदायूं में तेज आंधी से मेंथा फैक्ट्री की चिमनी गिरने से आग लग गई। पलभर में आग ने विकराल रूप ले लिया। फिर वहां रखे नाइट्रोजन सिलेंडर फटने लगे। एक-एक करके करीब 100 सिलेंडर फटे। फैक्ट्री के लोहे के टावर मोम की तरह पिघलकर गिरने लगे। धमाकों से गांव के लोगों में दहशत फैल गई। पढ़ें पूरी खबर…

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