350 दिन में नहीं बनी 1.4 किमी सड़क | MG Road | Patrika News

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350 दिन में नहीं बनी 1.4 किमी सड़क | MG Road | Patrika News

350 दिन में नहीं बनी 1.4 किमी सड़क | MG Road | Patrika News


इंदौर की रीढ़ कहलाने वाली एमजी रोड के बड़ा गणपति से लेकर कृष्णपुरा पुल तक के हिस्से को बनाने के लिए 16 अगस्त 2021 से काम शुरू किया था। 16 अगस्त से ही इस क्षेत्र के रहवासियों से उनके मकान निगम ने खुद तुड़वाने शुरू कर दिए थे, लेकिन 350 दिनों का लंबा वक्त गुजरने के बाद में भी ये सडक़ नहीं बन पाई है। वहीं, जो हिस्सा बना भी है वो भी बेहद घटिया क्वालिटी का है।
एमजी रोड को 60 फीट चौड़ा करने के लिए नगर निगम ने बीते साल अगस्त के शुरूआत से ही माहौल बनाना शुरू कर दिया था। इसमें बाधक बन रहे 407 मकानों को तोडऩे के लिए नगर निगम ने अगस्त 2021 के शुरूआत में ही नोटिस जारी करना शुरू कर दिए थे।
वहीं, 16 अगस्त से कार्रवाई की घोषणा कर दी थी। जिसके बाद यहां पर निगम ने जनता से ही उनके मकान तोडऩे के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया था। और 16 अगस्त से ही लोगों के मकानों को तुड़वाने का काम चालू कर दिया था। इसके बाद से अभी तक 350 दिनों का लंबा समय बीच चुका है, लेकिन एमजी रोड के इस 1.4 किलोमीटर के हिस्से को स्मार्ट सिटी कंपनी नहीं बना पाई है। राजबाड़ा से खजूरी बाजार तक का हिस्सा अभी भी पूरा नहीं बन पाया है। इसी तरह कृष्णपुरा पुल से लेकर वनखंडी राम मंदिर तक की सडक़ का काम भी अभी चल ही रहा है। वहीं, आगे के हिस्से में भी सडक़ के दोनों और डाली जाने वाली लाइनों का काम पूरा नहीं हो पाया है। यहां अभी भी सडक़ बंद पड़ी है।
जो बनाया वो भी घटिया क्वालिटी का
35 करोड़ की लागत से इस सडक़ को बनाया जा रहा है। लेकिन सालभर के लंबे इंतजार के बाद में भी जो सडक़ बनी है, उसकी क्वालिटी बेहद घटिया है। बड़ा गणपति से लेकर गौराकुंड तक के हिस्से में ही सडक़ का कोई भी 10 मीटर का ऐसा हिस्सा नहीं है जिसमें सडक़ की उपरी परत अभी से ही गायब न हो गई हो। इसी तरह से खजूरी बाजार वाले हिस्से में भी सडक़ में कई जगह दरारें अभी से देखी जा सकती है। यहां भी बड़े हिस्से में सडक़ की उपरी परत गायब हो चुकी है।
15 जुलाई तक होना था पूरा
नगर निगम ने भले ही सडक़ के लिए 16 जून से तोडफ़ोड़ शुरू कर दी थी। लेकिन स्मार्ट सिटी कंपनी ने इसे 15 दिसंबर से बनाना शुरू किया था। उस समय इसको बनाने के लिए 6 माह की समय सीमा तय की गई थी। इसके लिए टाइमर भी यहां लगाया गया था। लेकिन जो समय सीमा तय की गई थी उससे भी अब 40 दिन का समय ज्यादा हो चुका है, लेकिन सडक़ नहीं बन पाई है।
सालभर से हो रहे परेशान
राजबाड़ा पर रहने वाले अनिल झांझरिया के मुताबिक एमजी रोड बंद है और इसके कारण वाहन निकलने की जगह भी नहीं बची है। वहीं इसके कारण व्यापार पर भी असर पड़ रहा है। सालभर से धूल मिट्टी ने परेशान कर दिया है। हम अपने घरों के दरवाजे तक नहीं खोल पा रहे हैं। वहीं सुभाष चौक पर रहने वाले मुकेश दुबे का भी यही दर्द है कि घर आने जाने का रास्ता बंद है और जो काम हो रहा है वो भी इतना खराब है कि अभी से सडक़ की उपरी परत बाहर आ रही है।

सडक़ का काम लगभग पूरा हो गया है। जल्द ही बचा हुआ हिस्से का काम भी पूरा कर लिया जाएगा।
– डीआर लोधी, अधीक्षण यंत्री, स्मार्ट सिटी

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