30 लाख की उधारी के लिए चुकाने पड़े थे 90 लाख, ऐसे अपराध की दुनिया में लेडी डॉन अनुराधा की हुई एंट्री

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30 लाख की उधारी के लिए चुकाने पड़े थे 90 लाख, ऐसे अपराध की दुनिया में लेडी डॉन अनुराधा की हुई एंट्री

30 लाख की उधारी के लिए चुकाने पड़े थे 90 लाख, ऐसे अपराध की दुनिया में लेडी डॉन अनुराधा की हुई एंट्री

जयपुर: सीकर में हुए गैंगवार में राजू ठेहट की हत्या के बाद लेडी डॉन अनुराधा चौधरी का नाम एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। चूंकि अनुराधा चौधरी का नाम गैंगस्टर आनन्दपाल सिंह के साथ जुड़ा हुआ रहा था। लॉरेंस विश्नोई गैंग से भी उसका संपर्क बताया जा रहा है। ऐसे में आनन्दपाल सिंह और लोरेंस गैंग के दुश्मन राजू ठेहट की हत्या के बाद अनुराधा चौधरी के नाम पर चर्चाएं शुरू हो गई है। लोगों चर्चाएं कर रहे हैं कि कहीं राजू ठेहट की हत्या के पीछे लेडी डॉन अनुराधा चौधरी का हाथ तो नहीं है। हालांकि एक मीडिया इंटरव्यू में अनुराधा चौधरी ने कहा कि वह जुर्म की दुनिया से दूर हो गई है। राजू ठेहट हत्याकांड से उसका कोई वास्ता नहीं है।

लेडी डॉन अनुराधा चौधरी ने कहा कि वे मजबूरी के चलते अपराध की दुनिया में आई। एमबीए करने के बाद जब वह शेयर मार्केट में काम कर रही थी। तब उसके साथ बड़ा धोखा हुआ। 30 लाख रुपए उधार लिए थे, जिसके बदले 90 लाख रुपए चुकाने के बावजूद भी 30 लाख रुपए बकाया रह गए। अनुराधा ने कहा कि विवादित जमीन पर अवैध कब्जा का विरोध करने पर भी काफी अत्याचार सहना पड़ा। पुलिस में शिकायत करने के बावजूद अत्याचार कम नहीं हुए तो मुकाबला करना शुरू किया। खुद के और बेटे के बचाव में लड़ते लड़ते अपराध की दुनिया में आ गई।

लेडी डॉन टैग से दिक्कत नहीं

लेडी डॉन अनुराधा चौधरी का कहना है कि पुलिस के कुछ अधिकारियों ने उसके साथ ठीक नहीं किया। न्याय की गुहार में अफसरों के पास गई लेकिन न्याय देने के बजाय उसे झूठे मुकदमों में फंसा दिया गया। इसी कारण वह अपराध की दलदल में आगे बढती गई। खुद के बचाव में ही वह कुछ गैंगस्टर के संपर्क में आई। गैंगस्टर से साथ नाम जुड़ने के बाद मीडिया ने लेडी डॉन का नाम दे दिया। अनुराधा ने कहा कि उसे लेडी डॉन टैग से दिक्कत नहीं है। दिक्कत तो तब होती है जब मीडिया उसे किसी गैंगस्टर की गर्लफ्रेंड बताते हैं। अगर पुलिस की ओर से प्रोटेक्शन मिलता तो अपराध की दुनिया में कदम नहीं रखती।

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अनुराधा ने की काला जठेड़ी के साथ दूसरी शादी

अनुराधा चौधरी का कहना है कि अब वह जुर्म की दुनिया से दूर आ गई हैं। लंबे समय जेल में रहन के बाद वर्ष 2018 में वह जमानत पर छूटी थी। इसके बाद से वह बिल्कुल सामान्य जिन्दगी जीना चाहती है। लेकिन कुछ लोग उनके नाम से धमकियां देने और वसूली की वारदातें करते हैं तो पुलिस मेरे खिलाफ मुकदमें दर्ज कर लेती है। अनुराधा का कहना है कि कुछ अधिकारी जानबूझकर उसे झूठे मुकदमें में फंसाते हैं। अनुराधा चौधरी ने हरियाणा निवासी संदीप उर्फ काला जठेड़ी के साथ दूसरी शादी की। इन दिनों वह हरियाणा में रह रही हैं।

आनन्दपाल सिंह और राजू ठेहट से कभी नहीं मिली

अनुराधा चौधरी का कहना है कि जब वह संकट में थी। तब आनन्दपाल सिंह ने उसकी मदद की थी। इसके चलते वह आनन्दपाल के संपर्क में आई। आनन्दपाल से फोन पर बातें हुई थी लेकिन फेस टू फेस कभी मुलाकात नहीं हुई। अनुराधा ने कहा कि वह कभी राजू ठेहट से भी नहीं मिली और ना ही लोरेंस विश्नोई गैंग के सदस्यों से कोई संपर्क रहा। इसके बावजूद भी कभी उसका नाम आनन्दपाल गैंग के साथ जोड़ दिया जाता है तो कभी लॉरेंस गैंग के साथ। जबकि वह पिछले 4-5 साल से किसी भी गैंग के संपर्क में नहीं है।

राजनीति में आकर अच्छे कार्य करना चाहती हूं

अनुराधा चौधरी ने कहा कि वे राजनीति में आकर या किसी एनजीओ से जुड़ कर समाज सेवा के कार्य करना चाहती है। अनुराधा ने कहा कि वे हनुमान बेनीवाल की पार्टी से कभी नहीं जुड़ेंगी क्योंकि बेनीवाल हमेशा से आनन्दपाल के खिलाफ रहे हैं। जो उनके खिलाफ रहे हैं तो मेरे शुभचंतक कैसे हो सकते हैं।

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अनुराधा ने एक एनजीओ का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए अप्लाई किया है। वे एनिमल से प्यार करती है और उनकी सेवा करना चाहती है। उन्होंने कहा कि जुर्म की दुनिया दूर से चमकती हुई दिखाई देती है लेकिन अपराधियों की जिन्दगी कुत्तों से बदतर होती है। युवा पीढ़ी को अपराध की दुनिया से दूर रहना चाहिए। (रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)

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